Breaking News :
>>उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने मुख्यमंत्री योगी से की शिष्टाचार भेंट>>प्रशिक्षित महिलाओं को बांटी सिलाई और जड़ी बूटी उत्पादन किट>>“बैणियां संवाद” से और ज्यादा संवरेगी आंगनवाड़ी केंद्रों की सूरत>>महिला प्रीमियर लीग 2025- आरसीबी और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मुकाबला आज>>प्रदेश के 26 उत्कृष्ट किसानों का दल कर्नाटक और महाराष्ट्र की बागवानी का करेंगे अध्ययन>>विष्णु मांचू की आगामी फिल्म ‘कन्नप्पा’ का टीजर हुआ रिलीज, 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म >>भारत बना दुनिया का सातवां सबसे बड़ा कॉफी एक्सपोर्टर – प्रधानमंत्री मोदी  >>सीएम धामी ने माणा एवलॉन्च रेस्क्यू ऑपरेशन का किया निरीक्षण>>माणा हादसे पर कांग्रेस ने सिस्टम पर उठाए सवाल>>क्या आप भी बढती उम्र के साथ रहना चाहते हैं स्वस्थ और फिट, तो इन एक्सरसाइज को कर सकते हैं अपनी दिनचर्या में शामिल >>महाराज के अधिकारियों को निर्देश, सड़कों की कनेक्टिविटी सुचारू रखें>>विकसित उत्तराखंड का आधार- विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार- मुख्यमंत्री धामी >>प्रदेश को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में योग महोत्सव का बड़ा योगदान- महाराज>>कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मसूरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रस्तावित सड़कों के संबंध में की समीक्षा बैठक>>मिनी स्विटजरलैंड चोपता पहुंच रहे पर्यटक, ले रहे बर्फबारी का आनंद>>सीमांत माणा गांव से आगे टूटा ग्लेशियर, 57 मजदूरों के बर्फ में दबने की सूचना>>सलमान खान की आगामी फिल्म ‘सिकंदर’ का टीजर हुआ रिलीज, एक्शन अवतार में नजर आए भाईजान>>सरकार ने कहा, जनभावनाओं के अनुरूप बना सख्त भू- कानून>>क्या आपको भी होती है हाथ-पैरों में झुनझुनी, तो जान लीजिये कहीं ये किसी आवश्यक विटामिन की कमी का संकेत तो नहीं >>भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए बच्चे सीख रहे कंप्यूटर व संगीत के सुर
ताज़ा खबरेंदेशराजनैतिक-गतिविधियाँ

किरती किसान यूनियन ने किया चुनाव मैदान में नहीं उतरने का फैसला, भाजपा के कार्यक्रमों का अब नहीं होगा विरोध

आकाश ज्ञान वाटिका, 30 दिसम्बर 2021, गुरुवार, चंडीगढ़। किरती किसान यूनियन ने आने वाले पंजाब विधानसभा में न उतरने का फैसला किया है। संगठन ने साथ ही संयुक्त समाज मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों से भी अपील की है कि वे संयुक्त किसान मोर्चा की एकता को बनाए रखने के लिए चुनाव में न उतरे। उन्होंने कहा कि संघर्ष के जरिए ही अभी तक संगठन ने तीन खेती कानूनों को वापस लेने जैसी लड़ाई जीती है। इसे बरकरार रखा जाए

आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किरती किसान यूनियन के प्रधान निर्भय सिंह ढूढीके और रजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को खत्म करवाने के लिए जो आंदोलन शुरू किया गया था उसके कई मसले अभी भी लंबित हैं। उन्हें सरकारों से लागू करवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी है, इसलिए वे चुनावी लड़ाई में पडकर इस लड़ाई को कमजोर न करें।

राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी एक मुहिम चलाएगी, जिसमें लोगों से संबंधित मसलों को रखा जाएगा और मतदाताओं से अपील की जाएगी कि जो पार्टी इन मुद्दों पर अपनी बात रखती है केवल उसी को वोट करें और अगर कोई पार्टी ऐसा नहीं करती तो नोटा का बटन दबाएं। मुद्दों के बारे में उन्होंने बताया कि हरे इन्क्लाब ने पंजाब के पर्यावरण को खराब कर दिया है इसलिए किसान व कुदरत पक्षीय माडल लाए जाने की जरूरत है। इसके अलावा लैंड सीलिंग एक्ट को सख्ती से लागू करने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि जितनी जमीन अतिरिक्त बचेगी उसे भूमिहीन किसानों के बीच में वितरित किया जाए। बेरोजगारी और ड्रग्स के मसलों को हल करने के लिए खेती आधारित उद्योगों को लगाने की भी उन्होंने मांग की।

किरती किसान यूनियन के नेताओं ने संयुक्त समाज मोर्चा के किसानों द्वारा चुनाव न लड़ने वाले किसान संगठनों पर आरोप लगाने का कड़ा नोटिस लिया है। उन्होंने कहा कि यह किसान संगठनों की एकता को नुकसान पहुंचाएगा। किरती किसान यूनियन के नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब किसान संगठन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों का विरोध नहीं करेंगे।

किरती किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि 3 खेती कानूनों को लेकर की संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला लिया था कि वे भाजपा के कार्यक्रम नहीं होने देंगे, लेकिन अब जब तीनों खेती कानून वापस लिए जा चुके हैं तो अब इस फैसले पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। राजनीतिक पार्टियों को किसानों की स्टेज पर न आने देने के सवाल के जवाब में रजिंदर पाल सिंह ने कहा कि अब किसान संगठनों ने भी अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली है। ऐसे में उन्हें अब संयुक्त किसान मोर्चा की बैठकों में आने देना है या नहीं इस पर फैसला 15 जनवरी को लिया जाएगा।

किरती किसान यूनियन के नेताओं ने कहा कि हमने उनसे अपील की हुई है कि वे राजनीतिक लड़ाई न लड़ें इसलिए उनके फैसले का इंतजार करने के बाद ही हम अपनी बात रखेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि संयुक्त समाज मोर्चा बनने के बाद किसानों की एकता को धक्का जरूर लगा है, लेकिन यह खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जो संगठन लोगों के मुद्दों की आवाज उठाते हैं लोग उन्हीं के साथ रहते हैं। राजिंदर पाल सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन से पहले वीएम सिंह एक बड़ा नाम हुआ करता था, लेकिन जब उन्होंने किसानों के खिलाफ स्टैंड लिया तो आज उनका कोई नाम लेने वाला भी नहीं है।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!