आयुक्त कुमाऊँ मण्डल ने कहा कि जमरानी बाॅध का निर्माण केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल है
आकाश ज्ञान वाटिका। 25 नवम्बर, हल्द्वानी(सू.वि.)। बाॅध निर्माण से पहले डूब क्षेत्र एवं प्रभावित लोगों को ऊधम सिंह नगर तथा चम्पावत जिले के बनबसा व टनकपुर में बसाये जाने की कवायद शुरू हो गयी है। इसकी समीक्षा सोमवार की देर सांय शिविर कार्यालय में आयुक्त कुमाऊॅ मण्डल श्री राजीव रौतेला द्वारा की गयी। बैठक में जनपद नैनीताल एवं उधम सिंह नगर के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
आयुक्त ने कहा कि जमरानी बाॅध का निर्माण केन्द्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल है, बाध निर्माण से प्रभावित 412 परिवारों को विस्थापित करना आवश्यक होगा। उन्होंने मुख्य अभियंता सिंचाई एमसी पाण्डे को निर्देश दिए कि वह सर्वे का कार्य हर हाल में दिसम्बर माह तक पूर्ण कर लें, इसके साथ ही नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों के शपथ के बाद पुनः एक बैठक कर उनके साथ रायशुमारी कर लें। उन्होंने जिलाधिकारी श्री सविन बंसल को निर्देश दिए कि वह जिले के किसी वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित करें ताकि वे इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का अनुश्रवण विधिवत तरीके से करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सर्वे का कार्य सिंचाई तथा राजस्व विभाग संयुक्त रूप से करें ताकि कोई त्रुटि न होने पाए। इस महत्वपूर्ण कार्य में सम्बन्धित क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं क्षेत्रीय विधायक से भी वार्ता कर ली जाए।
श्री रौतेला ने बताया कि जनपद उधम सिंह नगर के सितारगंज के लालोर पट्टी, लाला खास बरा में 37 एकड़ तथा सम्पूर्णानन्द ओपन जेल में 247 एकड़ भूमि का चयन किया गया। उन्होंने बताया कि जनपद चम्पावत के टनकपुर तथा बनबसा में भी जमीन चिन्हित की जा रही है। उन्होंने कहा कि विस्थापन का कार्य प्राथमिकता में है, इसके लिए जिलाधिकारियों के साथ निरन्तर समीक्षा की जा रही है। बैठक में उपस्थित अपर जिलाधिकारी नजूल जगदीश चन्द्र काण्डपाल से उन्होंने कहा कि वह चिन्हित की गयी भूमि का विस्तृत मानचित्र एवं प्रजेन्टेशन एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
बैठक में जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने बताया कि राजस्व एवं सिंचाई विभाग के साथ सर्वे का कार्य गतिमान है जोकि दिसम्बर माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
बैठक में उप जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम अरविन्द कुमार कटारिया, अधिशासी अभियंता सिंचाई तरूण बंसल, महाप्रबन्धक जल संस्थान डीके मिश्रा आदि मौजूद थे। ।