Breaking News :
>>नेताजी के परिवार ने पीएम को लिखा पत्र- 23 जनवरी से पहले नेताजी के ‘अवशेष’ भारत लाने की मांग>>फिट रखने में सहायक है लेटरल बैंड वॉक, जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें  >>“युवा महोत्सव” का रंगारंग आगाज, मुख्यमंत्री धामी संग खेल मंत्री रेखा आर्या ने किया शुभारंभ>>भारत में विकास का अध्याय आगे बढ़ता जाएगा>>कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने नैनीताल शहीद स्मारक पहुंचकर राज्य आंदोलनकारियों को किया नमन>>प्रधानमंत्री के नौ आग्रह हमारे लिए नौ संकल्पों के समान हैं- राज्यपाल>>उत्तराखण्ड में चल रहा विकास का महायज्ञ- प्रधानमंत्री>>राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने की कई अहम घोषणाएं>>पीएम विद्यालक्ष्मी योजना- मेधावी छात्रों के लिए आर्थिक सहायता, उच्च शिक्षा के रास्ते होंगे आसान>>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी>>त्वचा को निखारने और स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है सी बकथॉर्न फ्रूट तेल>>केदारनाथ यात्रा के दौरान महिला समूहों ने किया एक करोड़ का कारोबार>>नोट बंदी की मार से 8 साल बाद भी नहीं उबर पाई गरीब जनता>>राजनीतिक मकसद साधने की मंशा न हो>>भारत स्काउट एंड गाइड का 75वां स्थापना दिवस मनाया गया >>राज्य में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन स्वर्णिम अवसर व चुनौती – मुख्य सचिव>>भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टी20 सीरीज का पहला मुकाबला आज >>सीएम धामी ने स्वच्छता कार्यक्रम में प्रतिभाग कर झाड़ू लगाकर दिया स्वच्छता का संदेश>>रिवीलिंग लहंगा पहन नेहा मलिक ने इंटरनेट पर लगाया बोल्डनेस का तड़का >>नरेंद्रनगर ब्लॉक के नौडू गांव में सड़क की सुविधा न होने से महिला का जंगल में ही हुआ प्रसव 
Articles

गरमी को रोकना आसान नहीं

आकाश ज्ञान वाटिका, बुधवार, 12 जून 2024, देहरादून। जलवायु वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार मई में महसूस की गई लू अब तक की सबसे अधिक रही। क्लाइमामीटर के शोधकर्ताओं ने मई में देश में प्रचंड व लंबे समय तक चलने वाली लू प्राकृतिक रूप से होने वाली घटना अल-नीनो का परिणाम बताया।

इस बदलाव से पता चलता है कि मौजूदा जलवायु में बीते सालों की तुलना में कम से कम 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान अधिक रहा जबकि वष्रा परिवर्तन में कोई महत्त्वपूर्ण बदलाव नहीं दिख रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार जीवाश्म ईधन के उपयोग के कारण भारत में लू यानी ताप लहर तापमान की असहनीय सीमा तक पहुंच गई है।

तापमान का 50 डिग्री के करीब पहुंचने का कोई तकनीकी समाधान नहीं है। अल-नीनो व मानवजनित जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव के तहत दुनिया इस तरह के गरम मौसम से जूझ रही है। गरमी और अधिक तेज होती जा रही है। मई में दिल्ली समेत उत्तर के कई इलाकों में तापमान 52 डिग्री तक पहुंच गया।

उप्र, मप्र, बिहार, झारखंड व ओडिशा में स्थिति काबू से बाहर हो गई। भीषण गरमी के कारण सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और हजारों हीट स्ट्रोक की चपेट में आ गए। बिजली की खपत इतनी बढ़ गई कि आपूर्ति संभव नहीं रही।

जल भंडारण तेजी से कम होता जा रहा है जिससे जल संकट बढऩे की आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा। मौसम विज्ञानी इसे ला-नीनो इफेक्ट भी मान रहे हैं। उनका कहना है, जिस साल अल-नीनो खत्म होता है, उस साल तापमान थोड़ा बढ़ जाता है।

जलवायु परिवर्तन व प्राकृतिक परिवर्तनशीलता के दरम्यान जटिल परस्पर क्रिया के चलते भविष्य में लू के बढऩे की आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा। याद हो तो इसी अप्रैल में इतनी भीषण गरमी पड़ी कि कहा गया कि यह 120 साल बाद हुआ।

भारत ही नहीं, दुनिया भर में इस जानलेवा गरमी की मार पड़ रही है जिसका असर कृषि व खाद्य सुरक्षा पर भी पड़ सकता है। कहीं बाढ़ तो कहीं सूखा तो होगा ही। सेहत संबंधी दिक्कतें भी बढऩे की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं।

भीषण गरमी को रोकने के लिए विभिन्न सुझाव दिए जाते हैं मगर प्रकृति के इस प्रकोप से बच पाना अब आसान नहीं रहा। वनों की कटाई, प्राकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग तथा कार्बन उत्सर्जन को थामने की बस बातें ही बनाई जा रही हैं। गरमी को रोकना अब आसान नहीं रहा।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!