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उत्तराखण्डदेहरादून

सौंग नदी के तट पर जल संरक्षण और संर्वद्धन योजना का किया लोकार्पण

3 करोड़ 80 लाख की लागत से जल संरक्षण और संर्वद्धन योजना का निर्माण

उत्तराखण्ड में नौले, धारे, नदियां जैसी अमूल्य जल संपदा : मुख्यमंत्री

आकाश ज्ञान वाटिका, शुक्रवार, 14 जून 2024, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कालूवाला, डोईवाला में जल संरक्षण अभियान के तहत डोईवाला विकासखण्ड में सौंग नदी के बांये तट पर स्थित जौली नहर के हेड पर जल संरक्षण और संर्वद्धन योजना का लोकार्पण किया। स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) द्वारा नाबार्ड मद के अन्तर्गत लगभग 3 करोड़ 80 लाख की लागत से जल संरक्षण और संर्वद्धन की यह योजना बनाई गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण अभियान – 2024 की मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पौधा रोपण भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में जल के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। इसके लिए सरकार के प्रयासों के साथ ही जनसहभागिता की भी आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में नौले, धारे, नदियां जैसी अमूल्य संपदा है। हम सभी को संकल्प लेना होगा कि पहाड़ का पानी और जवानी राज्य के ही काम आएं।

उन्होंने कहा कि जहां जल प्रवाहमान होता है वहां जीवन भी प्रकाशवान होता है। हमें भविष्य की चुनौतियों का समाधान अतीत के पुनर्जागरण के साथ करना होगा। जल संवर्द्धन की पहल को जीवन से जुड़ा विषय बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि जल समाप्त हो गया तो जीवन भी समाप्त हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जल संकट पूरे विश्व के लिए चुनौती बना हुआ है। अनियंत्रित प्रयोग से जल के स्रोत तेजी से समाप्त हो रहे हैं। जल संरक्षण सप्ताह का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को जल प्रबंधन के प्रति जागरूक करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण के प्रति गंभीर है।

जल संरक्षण के लिए विभिन्न विभागों को सम्मिलित किया जा रहा है। इन प्रयासों को अधिक बल देने के उद्देश्य से ’सारा’ का गठन किया गया है। सारा द्वारा लगभग 500 पेयजल योजनाएं और 200 जलधाराएं चिन्हित की गई हैं जिन्हें पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल का संचय करने वाले बांज के वृक्ष समाप्त हो रहे हैं और आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए हमें जल और वनों का संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट से कालूवाला को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण लोक निर्माण द्वारा किया जायेगा। बाबा कालूसिद्ध मंदिर के पीछे सौंग नदी के बायें तट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कालू सिद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना कर कालू सिद्ध बाबा से प्रदेश और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के कारण जलस्रोत लगातार सूख रहे हैं। जल संरक्षण एवं संवंर्द्धन के लिए जिस योजना का आज लोकार्पण किया गया है, इस योजना से कालूवाला, बड़ोवाला, भारूवाला, भंगनाला एवं जौलीग्रांट के लगभग 06 हजार ग्रामवासियों के खेतों की सिंचाई होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच के कारण उत्तराखण्ड में सारा प्राधिकरण का गठन किया गया है।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जल संरक्षण और संवंर्द्धन केवल सरकारी प्रयासों से ही सम्भव नहीं है। इसमें जन सहभागिता जरूरी है। सबको जल का सही उपयोग करना होगा। तापमान तेजी से बढ़ रहा है। जल स्तर घट रहा है। हमें जल संरक्षण को मिशन मोड में लेना होगा।

इस अवसर पर विधायक बृज भूषण गैरोला, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारा नीना ग्रेवाल एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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Ghanshyam Chandra Joshi

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