ज्यादा पसीना आना हो सकता है गंभीर बीमारियों का संकेत
जानिए, क्यों होता है हाइपरहाइड्रोसिस
आकाश ज्ञान वाटिका, 17 दिसम्बर 2023, रविवार, देहरादून। अगर आपको बिना किसी वजह के अचानक ज्यादा पसीना आने लगे तो इसे नजऱ अंदाज ना करें। ज्यादा पसीना आना गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर से सामान्य स्तर से अधिक मात्रा में पसीना निकलता है। यह आमतौर पर हाथ, पैर, अक्सिला और चेहरे जैसे क्षेत्रों में दिखाई देता है। हाइपरहाइड्रोसिस में आपके शरीर की पसीने की ग्रंथियां ओवरएक्टिव हो जाती हैं। इसकी वजह से आपको अकारण बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है।
जानिए, क्यों होता है हाइपरहाइड्रोसिस
- तंत्रिका तंत्र संबंधी कारण – शोधों से पता चला है कि हाइपरहाइड्रोसिस में पसीना ग्रंथियों और तंत्रिका तंत्र के बीच के संचार में समस्या होती है, जिससे अत्यधिक पसीना निकलता है।
- हार्मोन संबंधी कारण – थायराइड, पिट्यूटरी ग्रंथि आदि से संबंधित कुछ हार्मोन भी हाइपरहाइड्रोसिस का कारण बनते हैं।
- आनुवंशिक कारण – यदि माता-पिता में से किसी एक को यह बीमारी है, तो बच्चे को होने की संभावना रहती है।
- अन्य कारण – तनाव, एलर्जी, कुछ दवाएं आदि भी हाइपरहाइड्रोसिस के कारण हो सकते हैं।
हाइपरहाइड्रोसिस का लक्षण क्या होता है
* हाथ, पैर, माथा और चेहरे जैसे क्षेत्रों से अधिक मात्रा में पसीना निकलना
* इन क्षेत्रों का लगातार गीला और चिपचिपा रहना
* हल्के से मध्यम शारीरिक प्रयासों पर भी अत्यधिक पसीने का स्राव
* रात को सोते समय भी पसीना आना
* कपड़ों पर पसीने के दाग और गंदगी के निशान
* शारीरिक और मानसिक तनाव की स्थिति में पसीना तेजी से होना
हाइपरहाइड्रोसिस का इलाज
हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों से अधिक पसीने का स्राव होता है. इस बीमारी का कोई ठोस इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव और दवाएं लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- वजन नियंत्रित रखना और एक्सरसाइज करना जरूरी है।
- कैफीन और अल्कोहल से परहेज रखना चाहिए।
- एंटीपर्सपिरेंट लोशन और एल्यूमिनियम क्लोराइड दवाएं लक्षणों को कम कर सकती हैं।
- बोटॉक्स इंजेक्शंस भी प्रभावी हो सकते हैं।
- तनाव और चिंता से बचाव करना चाहिए।
- पौष्टिक खाने की चीजों को अपनी डाइट में जोड़ें, जो विटामिन्स से भरपूर हों।
- सबसे बेस्ट तरीका है खूब पानी पिएं. इससे पसीने की दुर्गंध से बचा जा सकता है।
- कॉटन के कपड़े पहने ताकि आपको ज्यादा गरमी न लगने लगे।
- नींबू पानी पिएं, अगर नींबू पानी से दिक्कत है तो ज्यादा से ज्यादा ग्रीन टी पिएं।