गृहमंत्री अमित शाह का दो दिवसीय कश्मीर दौरा हुर्रियत को लग सकता है बड़ा झटका
हुर्रियत के वार्ता प्रस्ताव के बीच गृहमंत्री का आज कश्मीर दौरा है। इस दौरे को लेकर कई कयास लग रहे हैं। हालांकि वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे केंद्र अलगाववादियों के आगे झुकता दिखे।श्रीनगर, कश्मीर मसले के हल के लिए हुर्रियत और केंद्र के बीच बातचीत की प्रक्रिया बहाल होने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। बुधवार से राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपनी कश्मीर यात्रा के दौरान न तो कोई बड़ा एलान करने वाले हैं और न ही वह अलगाववादी खेमे के लिए किसी तरह की छूट की घोषणा करेंगे। अलबत्ता, शाह इतना जरूर कह सकते हैं कि देश की एकता, अखंडता और संविधान के दायरे में जो भी बातचीत के लिए आगे आना चाहता है, उसका स्वागत है।
बुधवार दोपहर तक दिल्ली से श्रीनगर पहुंच रहे केंद्रीय गृह मंत्री से पहले कश्मीर पहुंचे खुफिया अधिकारियों की मानें तो हुर्रियत नेताओं की कोई भी उम्मीद पूरी नहीं होने वाली है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री ने कश्मीर दौरे को अंतिम रूप देने से पहले संबंधित अधिकारियों के साथ जम्मू कश्मीर के हालात पर फीडबैक लिया है। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि शाह ऐसा कुछ नहीं करने वाले, जिससे यह संकेत जाए कि केंद्र अलगाववादियों के आगे झुक रहा है।
इसलिए गृहमंत्री के दौरे में न तो किसी अलगाववादी नेता को रिहा करने का एलान किया जाएगा और न ही संविधान के दायरे से बाहर जाकर किसी तरह की बातचीत की पहल होगी। उन्होंने बताया कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संबंधित अधिकारियों संग बैठक में कहा है कि घाटी में कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की प्रक्रिया जारी रहेगी।
शाह के दौरे पर टिकी निगाहें
गृह मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद अमित शाह पहली बार कश्मीर आ रहे हैं। पूरी तरह कश्मीर तक सीमित गृह मंत्री के इस दौरे पर हुर्रियत ने हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन हुर्रियत खेमे की भी नजरें इस दौरे पर गढ़ी हैं, क्योंकि यह दौरा कश्मीर की अगली सियासत का रुख तय करेगा। हुर्रियत नेता हिलाल वार ने कहा कि हम हमेशा बातचीत के हक में रहे हैं, क्योंकि जंग से कोई मसला हल नहीं होता। नई दिल्ली को बातचीत के लिए माहौल बनाना होगा।
हुर्रियत नेताओं को रिहा करने की मांग
कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के करीबी मोहम्मद अशरफ सहराई ने कहा कि हालांकि हमें कश्मीर मुद्दे पर दिल्ली से बातचीत पर कोई ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि द्विपक्षीय बातचीत से मसला हल नहीं होगा। अगर दिल्ली वाकई गंभीर है तो उसे यहां बातचीत लायक माहौल बनाने के लिए सुरक्षाबलों की कार्रवाई पर रोक लगानी चाहिए, जेलों मे बंद हुर्रियत पसंद नेताओं को रिहा करना चाहिए।
हम तो चाहते हैं बातचीत हो : अली मोहम्मद सागर
नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता अली मोहम्मद सागर ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि बातचीत हो। इसलिए हमें उम्मीद है कि शाह इस बार जरूर कश्मीर मसले के हल के लिए, कश्मीरियों को राहत देने के लिए कोई बड़ा एलान करेंगे। पूर्व निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने कहा कि बातचीत के लिए हुर्रियत द्वारा इच्छा जताए जाने पर हुर्रियत को कमजोर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा आतंकी नेतृत्व को भी बातचीत के लिए दावत दी जानी चाहिए। अमित शाह से कश्मीरियों को उम्मीद है, जो अगर अब नाउम्मीदी में बदली तो कश्मीर के हालात को और बिगाड़ देगी।
बेहद अहम माना जा रहा दौरा
हुर्रियत कांफ्रेंस के बातचीत के प्रस्ताव के बाद गृह मंत्री का दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। शाह का दौरा हुर्रियत के वार्ता के प्रस्ताव के एक सप्ताह के भीतर हो रहा है। हुर्रियत के उदारवादी गुट के नेता मीरवाइज उमर फारूक ने पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में साफ किया था कि हुर्रियत केंद्र से बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते सरकार पहल करे। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसका स्वागत किया था। इसके बाद सबकी नजरें केंद्र पर लगी हैं। गृह मंत्री ने भी 30 जून के राज्य दौरे में बदलाव करते हुए उसे 26 व 27 जून को कर दिया। इससे सुगबुगाहट और बढ़ गई है।
सुरक्षा का जायजा व बाबा अमरनाथ के दर्शन भी करेंगे शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर बुधवार श्रीनगर पहुंचेंगे। पहले दिन वह राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों और राज्य के सुरक्षा हालात का जायजा लेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार वह पंच-सरपंचों, पहाड़ी, गुज्जर बक्करवाल समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत भी करेंगे। अगले दिन वीरवार को शाह बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन करेंगे और बाद में श्रीनगर में प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों, पार्टी के छह जुलाई को शुरू हो रहे राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान के तहत जम्मू कश्मीर में अधिक से अधिक लोगों को साथ जोडऩे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। पार्टी के राष्ट्रीय उप प्रधान और जम्मू कश्मीर मामलों के प्रभारी अविनाश राय खन्ना पहले ही श्रीनगर पहुंच चुके हैं। पार्टी के प्रदेश प्रधान रङ्क्षवद्र रैना व अन्य वरिष्ठ नेता बुधवार को जम्मू से श्रीनगर जाएंगे।