हिन्दी दिवस पर आई. टी. पी. जी. कॉलेज के हिन्दी विभाग में वेब हिंदी संगोष्ठी : आजीविका की भाषा है हिन्दी
- हिन्दी दिवस पर आई. टी. पी. जी. कॉलेज के हिन्दी विभाग में वेब हिंदी संगोष्ठी का आज हुआ समापन
[highlight]केंद्र एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी विभाग द्वारा उच्च शिक्षा की नई शिक्षा नीति 2020 में, हिन्दी को शिक्षण की भाषा के रूप में अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है और इसे रोज़गार से जोड़ने का प्रयास किया गया है।[/highlight]
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आकाश ज्ञान वाटिका, 15 सितम्बर 2020, मंगलवार। इक्कीसवीं सदी में हिन्दी आहार, आय, आजीविका और आवागमन की भाषा के रूप में समूचे विश्व में इस्तेमाल में लाई जा रही है, जिससे हिन्दी भाषा का सम्बन्ध, सम्पर्क, संवाद और सहचर के सर्वाधिक सशक्त माध्यम के तौर पर दुनियां भर में शान से अपनी विजय पताका लहरा रही है। नई शिक्षा नीति में भाषा को सुदृढ़ बनाने हेतु अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। केंद्र एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी विभाग द्वारा उच्च शिक्षा की नई शिक्षा नीति 2020 में, हिन्दी को शिक्षण की भाषा के रूप में अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है और इसे रोज़गार से जोड़ने का प्रयास किया गया है। सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों को हिंदी में प्रारंभ करने के साथ, एक संकाय या विषय से दूसरे विषय में जाने की सुविधा भी प्रदान कर दी गई है। सरकार की इस शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को अपनी अभिरुचि के अनुरूप पाठयक्रम चुनने का अवसर प्राप्त होगा। इस प्रक्रिया से विद्यार्थियों को वास्तविक ज्ञान प्राप्त होने से देश अग्रसर होगा। नवीन शिक्षा नीति में त्रिभाषा सूत्र के साथ इसमें स्थान देकर संस्कृत तथा अन्य भारतीय भाषाओं पर भी बल दिया गया है, जो भारतीयता की जड़ों को मजबूत करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष् डॉ० नीतू शर्मा ने नई शिक्षा नीति के विविध पक्षों की वृहद चर्चा करते हुए हिन्दी भाषियों का आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक भारतीय भाषाओं को सीखकर हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के मध्य प्रेम सौहार्द्र के साथ हिन्दी के प्रचार प्रसार में सहयोग करें। उन्होंने आगे कहा कि हिन्दी भाषा तथा बोलियों की नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत महत्त्वपूर्ण भूमिका स्वीकार की गई है, जो मातृ भाषा में ज्ञान दिए जाने से विकसित होने वाली मौलिक सोच और नवोन्मेषी दृष्टि को विकसित करने का कार्य करेगी।
नई शिक्षा नीति में विद्यार्थी के भारतीय संस्कृति और भारतीयता से जुड़ने की विस्तृत चर्चा की और बताया कि हिन्दी त्रिभाषा सूत्र के रूप में सर्वाधिक व्यावहारिक होकर देश की शिक्षा व्यवस्था में अपनी चिर प्रतीक्षित जगह हांसिल करेगी और देश के साथ विदेश में भी हिन्दी का सर्वांगीण विकास सम्भव हो सकेगा।
कार्यक्रम संयोजक एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ० नीतू शर्मा ने हिन्दी प्रेमियों, कवयित्री,वक्ताओं का स्वागत करते हुए हिन्दी विभाग की उपलब्धियों के विषय में बताया। वेब सेमिनार में आमंत्रित वक्ताओं के साथ विभाग की अनेक हिन्दी प्रेमी छात्राओं में सुदीक्षा, दिव्याशी सुदीती शिवान्जलि, मानसी, प्रिंसी आदि उपस्थित थी।
साभार: राजवीर रतन
मो०: 9415160623
प्रधानाचार्या,
आई. टी. पी. जी. कॉलेज, लखनऊ