Breaking News :
>>रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लाओ पीडीआर में जापानी और फिलीपीन रक्षा मंत्रियों से की मुलाकात>>ट्रक और इनोवा की टक्कर से छह युवाओं की दर्दनाक मौत के मामले में कंटनेर ड्राइवर की हुई पहचान, जल्द होगी गिरफ्तारी >>38वें राष्ट्रीय खेलों के दृष्टिगत शासन ने जारी किया संशोधित शासनादेश>>भारतीय संस्कृति और परंपराएं गुयाना में फल-फूल रही है- प्रधानमंत्री>>गंगा किनारे अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले युवक- युवती पर मुकदमा दर्ज >>डिजाइनर सूट पहन रकुल प्रीत सिंह ने दिखाई दिलकश अदाएं, एक्ट्रेस की हॉटनेस देख फैंस हुए घायल>>कृषि मंत्री गणेश जोशी ने 28वी आई०सी०ए०आर० क्षेत्रीय समिति-प्रथम की बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से किया प्रतिभाग>>….तो अब मसूरी को मिलेगी जाम के झाम से निजात>>ठंड में घुटने के दर्द से परेशान हैं? राहत पाने के लिए रोजाना 15 मिनट करें ये एक्सरसाइज>>मंत्री रेखा आर्या ने सुनी सस्ता गल्ला राशन डीलर्स की समस्याएं>>मेले में योगदान देने वाले कर्मी और छात्र -छात्राओं का हुआ सम्मान>>जलवायु संकट अभी भी मुद्दा नहीं>>उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जल्दी जारी होगी>>प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से किया गया सम्मानित>>कल से शुरू होगा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट, जाने मैच से जुडी बातें>>मुख्यमंत्री धामी ने सौंग बाँध परियोजना पर विस्थापन की कार्यवाही जल्दी करने के दिए निर्देश>>दूनवासियों के लिए खतरा बनी हवा, चिंताजनक आँकड़े निकलकर आए सामने>>फिल्म कांतारा : चैप्टर 1 की रिलीज डेट आउट, 2 अक्टूबर 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी फिल्म>>उत्तराखण्ड बन रहा है खिलाड़ियों के लिए अवसरों से भरा प्रदेश : खेल मंत्री रेखा आर्या>>सर्दियों में टूटने लगे हैं बाल नारियल तेल से करें मालिश, बालों को मिलेगा पर्याप्त पोषण
उत्तराखण्डताज़ा खबरेंराजनैतिक-गतिविधियाँ

सियासी ‘प्रपंच’ से सत्ता हथियाने की ‘फिराक’ में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

आकाश ज्ञान वाटिका, 27 अक्टूबर 2021, बुधवार, देहरादून। यूँ तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री डॉ० हरक सिंह रावत के बीच लम्बे समय से चल रही तकरार किसी से छिपी नहीं है, पर सोशल मीडिया में वायरल हुआ हरीश रावत का एक वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है।

[box type=”shadow” ]

 [/box]

वीडियो में हरीश अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदी हरक सिंह रावत से आपदाग्रस्त गाँवों का दौरा करने और पीड़ितों को राहत पहुँचाने का आग्रह कर रहे हैं। जिस अंदाज में हरीश ने हरक से बातचीत की, उसे देखकर कोई भी कह सकता है कि पूरी प्लानिंग के साथ यह वीडियो बनाया गया। पहले इसकी स्क्रिप्ट तैयार की गई और फिर प्रपंच रचते हुए उसे शूट किया गया। अपनी फेसबुक वॉल में हरीश रावत ने खुद यह वीडियो पोस्ट किया है, जिससे उनकी मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।

वीडियो में सीन कुछ इस तरह का है : हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ कुमाऊँ मण्डल के आपदा प्रभावित एक गाँव में पीड़ितों के बीच हैं।
गणेश गोदियाल मोबाइल पर हरक सिंह रावत को कह रहे हैं – ‘भाईसाहब नमस्कार, मैंने सोचा दोनों भाईयों की बात करवा दूँ’। इसके बाद वह हरीश रावत को मोबाइल पकड़ा देते हैं।
हरीश रावत मोबाइल पर कहते हैं – ‘नमस्कार, आपदा में तो सांप और नेवला एक साथ तैर लेते हैं फिर हम दोनों तो भाई हैं’। हंसकर बात आगे बढ़ाते हुए हरीश उन्हें आपदाग्रस्त दो गाँवों का दौरा करने और पीड़ितों को राहत पहुँचाने का आग्रह करते हैं। बात यहीं पर खत्म नहीं होती हरीश यह कहकर कि ‘आपको इस बारे में यशपाल आर्य जी विस्तार से बतायेंगे’, मोबाइल फोन बगल में बैठे यशपाल आर्य को पकड़ा देते हैं।
फिर यशपाल आर्य आर्य भी हरक सिंह से आपदा से प्रभावित गाँव का दौरा करने और उस वक्त खुद उनके साथ मौजूद रहने की बात कहते हैं। इस पूरे वीडियो में खास बात यह है कि हरक सिंह रावत से बातचीत में वह सांप और नेवले का जिक्र कर आपदा में दोनों के साथ तैरने का जिक्र करते हैं। उनकी इन बातों से साफ है कि हरीश रावत अब हरक सिंह रावत को साथ लेकर आगे की राजनीति करना चाहते हैं। उन्हें लग रहा है कि हरक सिंह रावत ही सियासी आपदा से जूझ रही कांग्रेस की नैय्या पार लगवा सकते हैं।

चूँकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को लोभी, लालची, महाभ्रष्ट, धोखेबाज, महापापी, लोकतंत्र के लिए कलंक और अपराधी जैसे अलंकारों से नवाज चुके हैं, तो अब जबकि एक बार फिर उन्हें सत्ता की सीधी चढ़ने के लिए हरक सिंह रावत के सहारे की आवश्यकता है तो वह ऐसे नाटकीय वीडियो बनाकर हरक सिंह रावत को माफ करने का माहौल तैयार कर रहे हैं।

स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की डॉ० हरक सिंह रावत से से नाराजगी इस बात को लेकर नहीं थी कि राजनैतिक अस्थिरता से राज्य का नुकसान हुआ है, प्रगति रुकी है। बल्कि इसलिए थी कि हरक सिंह रावत ने उन्हें अंत तक सत्ता की मलाई नहीं चाटने दी। यहाँ याद रखना होगा कि हरीश वो राजनेता हैं जिन्हें सिर्फ खुद का कुर्सी पर बैठना और अधिकार संपन्न होना अच्छा लगता है। यदि किसी और कांग्रेसी को पद और पॉवर मिल जाए तो वह डायन की तरह उसके पीछे पड़ जाते हैं।
याद करिए ! पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्व० एनडी तिवारी जैसे दिग्गज नेता को बतौर मुख्यमंत्री कभी इत्मीनान से काम नहीं करने दिया। उस वक्त हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होते हुए भी अपनी ही सरकार के खिलाफ गंगा नदी के किनारे धरना–प्रदर्शन की तर्ज पर भजन–कीर्तन करने का रिकॉर्ड भी हरीश रावत के ही नाम दर्ज है। जब इंदिरा हृदयेश नेता प्रतिपक्ष और प्रीतम सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे तो हरीश रावत ने उनको भी चैन से जिम्मेदारी नहीं निभाने दी। संभवतया यही वजह है कि रणजीत रावत और करन माहरा जैसे असरदार नेता, जो कभी उनके हनुमान थे, आज वह उनसे छिटक गए हैं। हरीश रावत की आज कांग्रेस में वो स्वीकार्यता नहीं है जो पहले हुआ करती थी।

हरीश के मुख्यमंत्री के कार्यकाल को कैसे भुला सकते हैं। 01 फरवरी 2014 को जब कांग्रेस हाईकमान ने हरीश रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी तो उन्होंने शपथ दिलाने के बाद अपने कैबिनेट सहयोगियों को महीने भर से ज्यादा समय तक बगैर किसी पोर्टफोलियो के रखा। यहाँ तक कि विधानसभा का एक सत्र बगैर किसी मंत्री को विभाग दिए ही पूरा कर लिया गया। यह उनकी ‘एकला चलो’ नीति का सटीक उदाहरण माना जाता है। सत्ता के नशे में वह इतने बेअंदाज हो गए कि नीतिगत मामलों में भी सर्वसम्मति से कैबिनेट में निर्णय लेने के बजाय, विचलन के जरिए फैसले लेने लगे। एक बार तो इसके लिए राजभवन से भी उन्हें टोका गया। रही-सही कसर उन्होंने सरकार और पार्टी संगठन के बीच खाई पैदा करके पूरी की। उस समय संगठन और सरकार दोनों की राहें अलग-अलग थीं। कई बार सरकार के निर्णयों से संगठन असहज हो गया। संगठन की राय हासिए पर थी।

दरअसल, 73 वर्ष के हरीश रावत उम्र के इस पड़ाव में भी किसी तरह एक बार फिर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इसके लिए वह सियासत के मानदंडों को हवा में उड़ने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। हरीश राजनैतिक प्रपंच से सत्ता हथियाने की फिराक में हैं। कहा तो यह भी जाता है कि हरीश रावत जहाँ जाते हैं वहाँ कांग्रेस की एकता खंडित हो जाती है, ‘पंजाब कांग्रेस’ का हाल सबने देखा है।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.
error: Content is protected !!