लद्दाख सीमा के पास पाकिस्तान तैनात कर रहा लड़ाकू जेट
नई दिल्ली,Pakistan deploying Fighter Jets Near Ladakh जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370(Article 370) को हटाए जाने के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव जारी है। तनाव के इन हालातों के बीच पाकिस्तानी सेना एक और नापाक हरकत कर रही है। पाकिस्तानी वायुसेना लद्दाख सीमा के पास अपने लड़ाकू विमान तैनात कर रही है। यह पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की सीमा के पास पाकिस्तानी स्कार्दू हवाई अड्डे पर तैनात किए जा रहे हैं। इस पर भारत की लगातार नजर बनी हुई है।
सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआइ को बताया, ‘पाकिस्तान वायुसेना के तीन सी-130 परिवहन विमानों को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख सीमा के पास पाकिस्तान के स्कार्दू हवाई अड्डे पर तैनात किया गया है। इस ख़बर के सामने आने के बाद संबंधित भारतीय एजेंसियां सीमावर्ती क्षेत्रों(Border Area) में पाकिस्तानियों की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रही हैं।’
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी बेस पहुंचाए जा रहे उपकरण, लड़ाकू विमानों की मदद के लिए सहायक उपकरण हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस बात की ज्यादा संभावना है कि पाकिस्तान लद्दाख सीमा से सटे स्कर्दू हवाई अड्डे पर अपने जेएएफ-17(JF-17) विमान तैनात करने वाला है।
पाकिस्तानी गतिविधि पर खास नजर
भारतीय वायुसेना और थलसेना के साथ भारतीय खुफिया एजेंसियां पाकिस्तानी वायु सेना की आवाजाही पर कड़ी नजर रख रही हैं, क्योंकि वे पाकिस्तानी इलाके की लगभग पूरी लंबाई और चौड़ाई देख सकते हैं।
सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान अपनी वायुसेना और आर्मी का एक युद्धाभ्यास कराने की योजना बना रही है और इस युद्धाभ्यास के दौरान वो अपने लड़ाकू विमानों को फॉरवर्ड बेस पर शिफ्ट भी कर सकती है। ऐसे में यह पाकिस्तानी साजिश की ओर इशारा कर रही है।
पाकिस्तानी जेट C-130 का इतिहास
पाकिस्तानी एयरफोर्स लंबे समय से अमेरिकी C-130 परिवहन विमान के एक पुराने मॉडल का इस्तेमाल कर रही है।पाकिस्तान के एक सैन्य शासक जनरल जिया उल हक की मौत भी सी-130 विमान हादसे में हुई थी, जब उनका सी-130 विमान अगस्त 1988 में बम विस्फोट की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
स्कर्दू पाकिस्तान वायु सेना का एक फॉरवर्ड बेस है और इसका उपयोग वह भारत के साथ सीमा पर अपनी सेना के अभियानों का समर्थन करने के लिए करता है। दरअसल, पाकिस्तान जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत के फैसले से एक बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है।