पीएम आवास तक पहुंचने की आस में डीएनडी पर जमे हैं किसान, फिर शुरू हुई पंचायत
नोएडा। किसान एक बार फिर दिल्ली के दरवाजे पर दस्तक देने को तैयार बैठे हैं। किसान डीएनडी टोल प्लाजा पर बैठक कर रायमशविरा करने के बाद पंचायत खत्म कर दी है। इस पंचायत में अभी तक कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। दो बजे पंचायत करने का निर्णय लिया गया था। अभी मौके पर गाजियाबाद के जिलाधिकारी बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण पहुंच चुके हैं।
किसानों के साथ दूसरे दौर की वार्ता शुरू हो चुकी है। पहले दौर की वार्ता में कोई निर्णय नहीं निकला था। इस पंचायत में तय होगा कि किसान दिल्ली जाएंगे या नहीं। इस दौरान शुक्रवार की तरह जाम अभी नहीं लगा है। पुलिस टोल प्लाजा पर मौजूद हैं और अभी यातायात व्यवस्था अभी सुचारू रूप से चल रही है।
क्या है किसानों की मांग
उनकी प्रमुख मांग है कि 2008 से लेकर 2012 तब गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा व मथुरा क्षेत्र में हुए भूमि अधिग्रहण मामले की जांच सीबीआइ से कराई जाए।
शुक्रवार को जाम से जूझी है दिल्ली
बता दें कि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले से सटे टप्पल क्षेत्र (अलीगढ़, यूपी) के किसान दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने पहुंचे हैं। इसके कारण दिल्ली में शुक्रवार को जगह-जगह जाम का नजारा देखने को मिला था।
शुक्रवार को भूमि अधिग्रहण की मांग को लेकर प्रधानमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने जा रहे किसानों को पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया। इससे नाराज किसानों ने डीएनडी फ्लाईओवर के पास डेरा जमा लिया। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक बातचीत होती रही। किसानों के दिल्ली में प्रवेश को रोकने के लिए पुलिस ने डीएनडी पर रूट डायवर्जन कर दिया। इसके कारण नोएडा से आश्रम की तरफ जाने वाले वाहन दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर आ गए।
मौके पर पुलिस तैनात
इसकी वजह से डीएनडी के साथ लिंक रोड पर भी भीषण जाम लग गया। किसान नेता मनवीर तेवतिया अपनी मांगों को लेकर 500 किसानों के साथ शुक्रवार दोपहर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर पहुंचे थे। हालांकि पुलिस को इसकी पहले ही जानकारी मिल गई थी। इसलिए लिंक रोड और डीएनडी फ्लाईओवर पर टोल बूथ के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था।आज भी पुलिस मौके पर तैनात है। किसी भी प्रकार की अनहोनी को देखते हुए सुरक्षा के तमात उपाय किए जा रहे हैं।
यह है मामला
टप्पल के गांव जिकरपुर में किसान नए भूमि अधिग्रहण बिल के अनुसार भूमि अधिग्रहण करने की मांग को लेकर 50 दिन से धरना दे रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे निर्माण के दौरान बसपा सरकार में जिकरपुर में ही किसान व पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था जिसमें तीन किसान व एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई थी। इसके बाद से जिकरपुर सियासी अड्डा भी बना हुआ है।