मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के बाद विरोध प्रदर्शन करेंगे कर्मचारी : वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता व एरियर की राशि नहीं मिलने से नाराज हैं कर्मचारी
आकाश ज्ञान वाटिका, 17 अक्टूबर 2020, शनिवार। वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता और एरियर की राशि नहीं मिली तो कर्मचारी विधानसभा उपचुनाव के बाद विरोध प्रदर्शन कर सरकार की मुश्किल बढ़ा सकते हैं। गौरतलब है कि कर्मचारी चुनाव की तिथि घोषित होने के पूर्व भी कलमबंद हड़ताल कर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। नवंबर के पहले सप्ताह में 28 सीटों पर मतदान होगा, दूसरे सप्ताह में परिणाम आएंगे। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अभी सरकार चुनाव कराने में जुटी है, इस वजह से अभी विरोध प्रदर्शन करने से कुछ हासिल नहीं होगा। चुनाव के बाद मजबूत रणनीति बनाकर विरोध दर्ज कराएंगे और लंबित लाभ लेकर रहेंगे।
कर्मचारियों की नाराजी का कारण
- संविदाकर्मी : नियमित नहीं किया, कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ नहीं दे रहे।
- लिपिक : वेतन विसंगति दूर नहीं की।
- इंजीनियर : पदोन्नाति नही दी, वेतनमान में सुधार नहीं किया।
- स्थाईकर्मी : अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी, नियमित नहीं किया, वेतन भी नहीं बढ़ा रहे।
- चतुर्थ श्रेणी : भृत्य का पदनाम बदलकर कार्यालय सहायक नहीं कर रहे।
- सभी संवर्गों की मांग : पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
[box type=”shadow” ]”जीवनभर नौकरी करने के बाद बुढ़ापे में पेंशन नहीं देना मानवीय हितों के खिलाफ है। पुरानी पेंशन बहाली नहीं हुई तो प्रदेश के अलावा दूसरे प्रदेशों में भी विरोध दर्ज कराएंगे” : जितेंद्र सिंह, अध्यक्ष पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा
“कर्मचारी कंधे से कंधा मिलाकर काम रहे हैं। उनके हितों के बारे में चिंता जरूरी है। नहीं की गई तो विरोध तय है” : ओपी कटियार, अध्यक्ष मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ
“नियमित और संविदा स्वास्थ्यकर्मी इस समय कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। नहीं मिला तो विरोध करेंगे” : एसबी सिंह, अध्यक्ष मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ[/box]