उत्तराखंड-ग्राम पंचायतों में 26 फरवरी को उपप्रधानों का चुनाव
हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों की ग्राम पंचायतों में 26 फरवरी को उपप्रधानों का चुनाव हो सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से भेजे गए चुनाव के प्रस्तावित कार्यक्रम पर शासन स्तर पर मंथन के बाद अब पंचायतीराज मंत्री ने भी मुहर लगा दी है। सूत्रों के अनुसार उप प्रधानों के चुनाव के लिए अब शासन स्तर से 17 फरवरी को और आयोग के स्तर से 18 फरवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी।
राज्य में हरिद्वार को छोड़ अन्य जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों में सामान्य निर्वाचन और उपनिर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब ग्राम पंचायतों में उपप्रधानों का चुनाव होना है। अब तक गठित 7283 ग्राम पंचायतों में उपप्रधान पदों के चुनाव के लिए आयोग ने पूर्व 28 जनवरी को चुनाव कराने का कार्यक्रम भेजा था। इस पर सहमति भी बन चुकी थी, लेकिन मौसम के बिगड़े मिजाज ने इस राह में रोड़ा अटका दिया था।
तब पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश को देखते हुए 28 जनवरी को चुनाव का इरादा टाल दिया गया। साथ ही आयोग को पुन: चुनाव कार्यक्रम भेजने का आग्रह किया गया। आयोग ने 26 फरवरी को उपप्रधानों के चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम शासन को भेजा। सूत्रों ने बताया कि शासन में मंथन के बाद चुनाव के लिए इस तारीख को उपयुक्त पाते हुए अनुमोदन के लिए फाइल पंचायतीराज मंत्री अरविंद पांडेय को भेजी गई। विभागीय मंत्री ने भी इस पर अनुमोदन दे दिया है।
सूत्रों ने बताया कि अब 17 फरवरी को शासन और 18 फरवरी को आयोग अधिसूचना जारी करेंगे। संबंधित जिलों में जिलाधिकारी 19 फरवरी को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे और इसी दिन से नामांकन पत्रों की बिक्री भी शुरू हो जाएगी। 26 फरवरी को मतदान संभावित है और इसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे।
डीपीसी चुनाव तीन मार्च को संभावित
प्रदेश के सभी जिलों में जिला नियोजन समिति (डीपीसी) के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन होने के बाद अब डीपीसी के गठन की कवायद भी शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक शासन ने डीपीसी निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन तय होने के बाद इसकी सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी। आयोग ने भी डीपीसी गठन के लिए तीन मार्च को चुनाव कराने का प्रस्तावित कार्यक्रम शासन को भेजा है। सूत्रों ने बताया कि अब इस संबंध में फाइल अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजी गई है।