प्रतापनगर वासियों को जल्दी मिलेगी एक बड़ी सौगात, प्रतापनगर को सीधे जोड़ने वाला डोबरा चांठी पुल बनकर तैयार
आकाश ज्ञान वाटिका, गुरुवार, 23 जुलाई 2020, देहरादून। मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दूरदर्शिता एवं प्रयासों से चौदह साल के लम्बे इंतजार के बाद प्रतापनगर से सीधे जोड़ने वाला डोबरा चांठी पुल बनकर तैयार है। मुख्यमन्त्री ने प्रतापनगर वासियों की पीड़ा और डोबरा चांठी पुल की अहमियत को समझते हुए इस पुल के निर्माण को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा था और आज इसी का परिणाम है कि बहुत जल्दी प्रतापनगर क्षेत्रवासियों को आवाजाही की एक बहुत बड़ी सुविधा उपलब्ध होने जा रही है। टिहरी झील के ऊपर बनाया जा रहा डोबरा चांठी पुल का निर्माण कार्य पूरा होने से 3 लाख से ज्यादा की आबादी को जिला मुख्यालय तक आने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। टिहरी आने वाले पर्यटक प्रतापनगर भी आ सकेंगे। आवागमन की सुविधा होने से क्षेत्र की आर्थिकी में भी इजाफा होगा।
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“चौदह साल के लम्बे इंतजार के बाद प्रतापनगर के लोगों के लिए जल्द ही वह शुभ अवसर आने वाला है जिसका उन्हें वर्षों से इंतजार था। टिहरी को प्रतापनगर से सीधे जोड़ने वाला डोबराचांठी पुल बनकर तैयार है।
प्रतापनगर वासियों की पीड़ा और डोबरा चांठी पुल की अहमियत को समझते हुए हमने इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा। इसके लिए एकमुश्त बजट जारी किया गया। इसका परिणाम हम सभी के सामने है।
440 मीटर लंबा डोबराचांठी पुल भारत का सबसे लम्बा मोटरेबल सिंगल लेन झूला पुल है। टिहरी झील के ऊपर डोबरा चांठी पुल से 3 लाख से ज्यादा की आबादी को जिला मुख्यालय तक आने के लिए 100 किलोमीटर की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।”……… मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
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विदित रहे कि टिहरी बाँध के निर्माण के पश्चात् प्रतापनगर के लिए आवाजाही के लिये बने सभी पुल टिहरी झील में समा गये थे। प्रतापनगर के लोग वर्ष 2006 से ही इस पुल के निर्माण की आस लगाए थे। कई तकनीकि एवं अन्य अड़चनों के कारण इस पुल का निर्माण टालता गया लेकिन आखिर चौदह सालों बाद अब जाकर इस पुल का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही अलग-थलग पड़े प्रतापनगर क्षेत्रवासियों को एक बहुत बड़ी राहत मिलने वाली है। यह एक भारी वाहन झूला पुल है, जिसकी लंबाई करीब 440 मीटर और चैड़ाई 5.5 मीटर है।