जिलाधिकारी सविन बंसल एवं अपर आयुक्त संजय खेतवाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गाॅंधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों का अनवारण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये
आकाश ज्ञान वाटिका, शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020, नैनीताल (सूचना)। युग पुरूष एवं राष्ट्रपिता महात्मा गाॅंधी तथा देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती जनपद भर में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार सादगी से मनायी गयी। जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने कलैक्ट्रेट में तथा अपर आयुक्त संजय खेतवाल ने कमिश्नरी कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गाॅंधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों का अनवारण कर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किये। शासकीय भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज भी फैराया गया तथा आयोजित कार्यक्रमों में राम धुन के गायन के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गाॅंधी तथा लाल बहादुर शास्त्री के व्यक्तित्व एवं उनके द्वारा किये गये कार्यों पर चर्चा की गयी। जिलाधिकारी श्री सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा, अपर जिलाधिकारी एसएस जंगपांगी, केएस टोलिया, उप जिलाधिकारी विनोद कुमार, मुख्य कोषाधिकारी अनिता आर्या द्वारा तल्लीताल डाॅठ स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गाॅंधी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये, साथ ही बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, गोविन्द बल्लभ पन्त, शहीद मेजर राजेश अधिकारी की मूर्ति पर भी माल्यापर्ण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कलैक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में राष्ट्रपिता महात्मा गाॅंधी के सत्य, अहिंसा व प्रेम के सिद्धान्त सर्व मान्य हैं। गाॅंधी जी ने विश्व बन्धुत्व का भी रास्ता लोगों को दिखाया था। आज के दौर में जरूरत है कि हम सब आपसी प्रेम व सद्भाव के साथ रहते हुए देश के विकास एवं नव निर्माण के लिए तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि सादगी के प्रति तथा जय जवान जय किसान का संदेश देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आदर्शों एवं सिद्धान्तों को भी अपनी कार्य प्रणाली में उतारना चाहिए। हमारा जीवन सादगी भरा हो और हम समर्पण भाव से कार्य करें। जिलाधिकारी ने कहा कि आयात पर निर्भर न रहकर न्यूक्लियर साइंस, अन्तरिक्ष विज्ञान के साथ ही मैनुफेक्चरिंग की दिशा में और अधिक आत्मनिर्भर होना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने कार्यों एवं दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा व ईमानदारी से देश व समाज हित में करना चाहिए, यहीं महापुरूषों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।