जिलाधिकारी सी रविशंकर ने ‘अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना’ और इसके सम्बन्ध में बनाये जा रहे ‘स्वास्थ्य गोल्डन कार्ड’ के निर्माण की प्रगति की समीक्षा बैठक ली
आकाश ज्ञान वाटिका, देहरादून दिनांक 17 दिसंबर 2019(सू०वि०)। जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में कैम्प कार्यालय में ‘अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना’ और इसके सम्बन्ध में बनाये जा रहे ‘स्वास्थ्य गोल्डन कार्ड’ के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने आयुष्मान योजना के तहत् क्षेत्रवार ‘गोल्डन कार्ड’ बनाने को दिये गये लक्ष्य और उसी अनुरूप बनाये गये गोल्डन कार्ड का विवरण प्राप्त करते हुए ग्राउण्ड स्तर पर कार्यरत आशा सुपरवाइजर्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से गोल्डन कार्ड निर्माण में आ रही तकनीकी व्यावहारिक तथा अन्य बाधाओं के सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त की ओर निम्न प्रगति का कारण पूछा, जिस पर आशा, सुपरवाईजर और अन्य चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि ‘गोल्डन कार्ड’ निर्माण में साफ्टवेयर में कुछ तकनीकी दिक्कत आ रही है। अवगत कराया कि लोगों के गोल्डन कार्ड बनाने में हालांकि राशन कार्ड की अनिवार्यता हटा दी गयी है किन्तु साफ्टवेयर बिना राशन कार्ड के लाभार्थी को बाई नाम सर्च नही कर रहा है।इसके अतिरिक्त कई जगह सफिसिएन्ट कनैक्टिविटी की भी बाधाएं आ रही हैं।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी और जनपद नोडल अधिकारी आयुष्मान को निर्देशित किया कि साफ्टवेयर की तकनीकी खामियों को सुधार करते हुए ग्राउण्ड लेवल पर ‘आशा’ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को गोल्डन कार्ड बनाने के लिए प्रेरित करें और लोगों को सीएससी केन्द्र और लगायें गये कैम्प तक लायें, जिससे सभी लोगों के कार्ड बन सके। उन्होंने कहा कि जनपद में अधिकतम जनसंख्या वाले क्षेत्रों का डिसैन्डिंग आर्डर में चयन करते हुए वहां पर कैम्प के माध्यम से कार्ड बनायें तथा जहां कैम्प लगाने की मांग की जा रही है वहां भी कैम्प लगायें। उन्होंने कार्यों की दैनिक प्रगति की माॅनिटिरिंग करने की स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये।
इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों ने अवगत कराया कि जनपद में अभी तक लगभग 7 लाख गोल्डन कार्ड बन चुके हैं और लोगों को इसके लिए जागरूक करते हुए सीएससी केन्द्रों पर और कैम्प लगाते हुए लगातार कार्ड बनाने की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने लोगों से अपील की कि ‘गोल्डन कार्ड’ बनवाने के लिए शासन ने राशन कार्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। और विभिन्न सीएससी केन्द्रों पर एच.एच.आई.डी(हाउस होल्ड आईडी) दे दी गयी है, जिससे बिना राशन कार्ड के भी लाभार्थियों के नाम सर्च करने में दिक्कत नही आयेगी।
इस अवसर पर चिकित्साधिकारी डाॅ० मीनाक्षी जोशी, डाॅ० वन्दना सेमवाल, डाॅ० पियुष आंगस्टिन सहित बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कार्यकर्ता और ‘आशा’ उपस्थित थी।