सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही सेना में तैनात जवानों में विवाद, दो की मौत, 2 घायल
आकाश ज्ञान वाटिका, 15 जुलाई 2022, शुक्रवार, पुंछ। जिला पुंछ के सुरनकोट से एक बड़ी घटना की सूचना मिली है। बताया जा रहा है कि सुरनकोट में सीमा की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही सेना की एक बटालियन में तैनात जवानों में किसी बात पर विवाद छिड़ गया, जिसके बाद वहां गोलियां भी चली। इस घटना में सेना के दो जवानों की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।इस विवाद में जो जवान मारे गए व घायल हुए हैं, वे स्थानीय बताए जा रहे हैं।
सुरनकोट पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि फिलहाल विवाद के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है। सूत्रों ने बताया कि यह मामला सुबह साढ़े पांच बजे के करीब का है। बताया जा रहा है कि 156 टेरिटोरियल बटालियन के इन जवानों की सुबह 6:00 बजे परेड होनी थी। उससे पहले ही किसी मामले को लेकर जवानों में आपसी विवाद छिड़ गया। बात इतनी बढ़ गई कि जवानों में हाथापाई शुरू हो गई। इसी बीच कुछ जवानों ने परेड के लिए दिए गए हथियारों का इस्तेमाल करते हुए एक दूसरे पर फायरिंग शुरू कर दी। इसमें दो जवानों की मौत हो गई जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। ये सभी जवान स्थानीय बताए जाते हैं। मरने वाले दो जवानों में से एक की पहचान सिपाही अबरार अहमद के तौर पर की गई है। सूत्रों ने बताया कि अबरार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। जबकि दूसरे जवान की मौत अस्पताल पहुंचने पर हुई है। घायल दो अन्य जवानों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें हेलीकाप्टर की मदद से सेना अस्पताल ऊधमपुर लाया गया है।
गोलीबारी की आवाज सुनते ही बटालियन में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। दूसरे जवान व अधिकारी गोलीबारी की आवाज सुनकर जब विंग में पहुंचे तो कुछ जवान जमीन पर खून में लथपथ गिरे हुए थे। सभी को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया जहां डाक्टरों ने दो को मृत लाया घोषित कर दिया जबकि दोनों घायलों का इलाज चल रहा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी वहां पहुंच गई। जवानों ने इस गोलीकांड की वजह विवाद तो बताया परंतु यह पता नहीं चल पाया है कि विवाद किस बात को लेकर शुरू हुआ। वहीं सेना के किसी भी अधिकारी ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है।
पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार फिलहाल मामला दर्ज कर लिया गया है। घायल जवानों की हालत स्थिर होते ही उनके बयान दर्ज किए जाएंगे।