देहरादून, यात्रीगण कृपया ध्यान दें। आने वाले समय में आपको देहरादून से ट्रेन में सवार होने के लिए 10 किमी दूर हर्रावाला जाना पड़ेगा। दरअसल, स्मार्ट सिटी में लोगों को बेहतर यातायात व परिवहन सुविधा देने के इरादे से रेलवे व एमडीडीए ने यह फैसला लिया है।
इससे पहले हर्रावाला को केवल सेटेलाइट स्टेशन के तौर पर विकसित करने की बात चल रही थी, लेकिन अब बदलाव करते हुए हर्रावाला को मुख्य स्टेशन बनाने का निर्णय हुआ है। यही नहीं, दून से चलने वाली सभी प्रमुख एक्सप्रेस व डीलक्स ट्रेनें हर्रावाला स्टेशन से ही संचालित होंगी और इनकी क्षमता बढ़ाकर 24 डिब्बों की कर दी जाएगी। मौजूदा समय में दून स्टेशन पर 13 डिब्बों की ट्रेन ही आती है। सिर्फ दो ही ट्रेन ऐसी हैं जिनमें 14 व 16 डिब्बे हैं। तैयारियों पर गौर करें तो हर्रावाला स्टेशन पूरी तरह से आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस होगा। इसके लिए मौजूदा भूमि के साथ ही रेलवे दस हेक्टेयर और भूमि की तलाश कर रहा है।
स्मार्ट सिटी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र हर्रावाला को सुविधाओं से दुरुस्त करने की कवायद में सरकार द्वारा भी इस परियोजना पर जोर दिया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने साल 2017 में हर्रावाला को सेटेलाइट रेलवे स्टेशन बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। इसके बाद स्मार्ट सिटी में भी सेटेलाइट स्टेशन की कार्ययोजना पर अमल किया गया। इस बीच स्मार्ट सिटी का काम देख रहे एमडीडीए व रेलवे के अधिकारियों के बीच कई दौर की बैठकें हुई। इसी संबंध में गुरूवार को भी अधिकारियों में बैठक हुई व री-डेवलेपमेंट ऑफ रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट के तहत रेलवे बोर्ड की ओर से हर्रावाला में मुख्य स्टेशन बनाने पर हामी भरी गई।
यही नहीं, इसके साथ ही 100 करोड़ की लागत से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का बजट भी अब 400 करोड़ रुपये पहुंच गया है। वर्ष 1899 में ब्रिटिशकाल में बने देहरादून रेलवे स्टेशन के सामरिक महत्व को इसमें कायम रखना भी रेलवे का संकल्प है। बताया जा रहा कि हर्रावाला स्टेशन पर वाशिंग यार्ड भी बनाया जाएगा। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इस विषय पर टिहरी सांसद व रेलवे जीएम के बीच जल्द ही बैठक होनी है। इस बैठक में स्टेशन की क्षमता व वहां विकसित किए जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
मुख्य गाड़ियां हर्रावाला ही रुकेंगी
हर्रावाला में हाईटेक स्टेशन बनने के बाद दून आने वाली मुख्य गाडिय़ां वहीं रुकेंगी। इनमें शताब्दी, जन-शताब्दी, हावड़ा, मसूरी एक्सप्रेस, उपासना, चेन्नई एक्सप्रेस व बांद्रा एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल होंगी। यही नहीं, हर्रावाला स्टेशन बनने पर इन ट्रेनों में डिब्बों की संख्या बढ़कर 24 हो जाएगी। हर्रावाला से कुछ नई ट्रेनों के संचालन की भी योजना है। रेलवे की मानें तो हर्रावाला मुख्य स्टेशन बनने के बाद मसूरी और चारधाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को शहर के भीतर आना नहीं पड़ेगा। वे ङ्क्षरग रोड या हाइवे से गंतव्य तक जा सकेंगे। वर्तमान में दून से सिर्फ 20 ट्रेनें संचालित होती हैं और इनमें से भी सात ट्रेनें प्रतिदिन नहीं चलती। डिब्बों की संख्या कम होने से यात्रियों का दबाव भी अधिक रहता है। इसके साथ ही हर्रावाला में डबल गेज की लाइन भी लाई जाएगी। दून तक ये लाइन लाने में तकनीकी अड़चनें सामने आ रही हैं।
हर्रावाला क्षेत्र भी होगा हाईटेक
हर्रावाला स्टेशन के हाईटेक बनने से हर्रावाला, मियांवाला, बालावाला तक के इलाके भी हाईटेक सुविधाएं मिलेगी। यहां होटल, बस व टैक्सी स्टैंड समेत कई अन्य पब्लिक सुविधाएं शुरू होंगी।वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। डोईवाला से लेकर मोहकमपुर के बीच के इलाके को इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा।
प्लेटफार्म को जमीन की तलाश
हर्रावाला में रेलवे बोर्ड को करीब दस हेक्टेयर जमीन की तलाश है। बोर्ड यहां पांच प्लेटफार्म बनाना चाहता है। जिससे वहां प्लेटफार्म चौड़ीकरण का काम किया जा सके और यहां आने वाली प्रथम श्रेणी की ट्रेनों को आसानी रहे। ट्रेनों की सफाई के लिए आधुनिक वाशिंग यार्ड बनाने को भी जमीन की तलाश है।
हर्रावाला नहीं जाएगा मालगाड़ी यार्ड
द हरादून रेलवे स्टेशन पर बना मालगाड़ी यार्ड हर्रावाला रेलवे स्टेशन पर शिफ्ट नहीं होगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हर्रावाला स्टेशन को हाईटेक बनाने की कवायद में गुड्स का कार्य वहां उचित नहीं रहेगा। इसके लिए मुफीद स्थान की तलाश चल रही है।
दूून स्टेशन का एक नंबर प्लेटफार्म होगा बंद
दून स्टेशन का ऐतिहासिक एक नंबर प्लेटफार्म री-डेवलेपमेंट ऑफ रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट के तहत बंद कर दिया जाएगा। दो नंबर प्लेटफार्म को एक नंबर बनाकर अन्य सभी प्लेटफार्म के क्रम बदल दिए जाएंगे। नए प्लेटफार्म भी इसमें शामिल रहेंगे।
शहर का यातायात होगा सुगम
रे लवे स्टेशन शहर के बाहर शिफ्ट होने से शहर के भीतर यातायात दबाव कम होगा व जाम से कुछ हद तक निजात मिलेगी। अभी रेलवे स्टेशन के बाहर और इसके आसपास के क्षेत्र में पूरा दिन जाम की स्थिति रहती है और यहां आने वाले सैलानियों को मुसीबत झेलनी पड़ रही है। स्टेशन के बाहर पार्किंग की भी पर्याप्त सुविधा नहीं है व जहां-तहां ऑटो व टैक्सी खड़े रहते हैं।