संस्कृति मंत्री महाराज ने किया उत्तरा समकालीन आर्ट गैलरी का औचक निरिक्षण
वॉल पेंटिंग, चित्रों व मॉडलों की साफ-सफाई नहीं होने पर जाहिर किया आक्रोश
आर्ट गैलरी की व्यवस्थाओं के लिए कमेटी बनाने के निर्देश
आकाश ज्ञान वाटिका, 20 मार्च 2021, सोमवार, देहरादून। प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने संस्कृति विभाग द्वारा घंटाघर के समीप स्थित हेमवंती नंदन बहुगुणा कॉम्पलेक्स में पहुँचकर #उत्तरा समकालीन आर्ट गैलरी का औचक निरिक्षण किया।
प्रदेश के संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को संस्कृति विभाग द्वारा घंटाघर के समीप स्थित हेमवंती नंदन बहुगुणा कॉम्पलेक्स में उत्तरा समकालीन आर्ट गैलरी का औचक निरिक्षण कर वहाँ पर्याप्त स्टाफ न होने साथ-साथ वॉल पेंटिंग और कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्रों की सफाई न होने पर आक्रोश जाहिर किया।
संस्कृति मंत्री महाराज ने औचक निरीक्षण के दौरान महानिदेशक संस्कृति रणवीर सिंह चौहान को निर्देशित करते हुए कहा कि उत्तराखंड के कलाकार और समकालीन चित्रकला को विशेष पहचान दिलाने के लिए इस आर्ट गैलरी का निर्माण किया गया है इसलिए यहाँ पर स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था करने के साथ-साथ कलाकारों द्वारा बनाई गई वॉल पेंटिंग और चित्रों की नियमित साफ-सफाई होनी चाहिए। उन्होंने आर्ट गैलरी में रखें केदारनाथ हेली सेवा के मॉडल और ढोल के माडलों आदि पर नमी के चलते जंक लगने को गंभीरता से लेते हुए इसके रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रदेश के संस्कृति मंत्री महाराज ने कहा कि सुप्रसिद्ध चित्रकार स्व० सुरेंद्र पाल जोशी की परिकल्पना पर आधारित इस आर्ट गैलरी का उद्देश्य उत्तराखंड के चित्रकारों को उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए मंच देना है। इसलिए इसका संरक्षण बेहद जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिए कि पहाड़ की गाथा फिल्म और पहाड़ी शैली में बने घर के मॉडलों आदि की नियमित देखरेख होनी चाहिए।
उन्होंने संस्कृति महानिदेशक को निर्देश दिए कि इस आर्ट गैलरी के रखरखाव के लिए अलग से बजट का निर्धारण कर अनुभवी आर्टिस्टों को शामिल करते हुए शीघ्र ही एक कमेटी का भी गठन किया जाए और आर्ट गैलरी के प्रचार प्रसार के लिए एक वेबसाइट भी बनाई जाए ताकि लोग इसे देखने के लिए यहाँ आ सकें।
आर्ट गैलरी के निरीक्षण के दौरान संस्कृति मंत्री के साथ-साथ संस्कृति महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान और चित्रकार स्व० सुरेंद्र पाल जोशी की पत्नी संगीता जोशी भी मौजूद थीं।