लखनऊ की नई परियोजनाओं में 16 हजार करोड़ रुपये के रीयल एस्टेट कंपनियों से प्रस्ताव पर बनी है सहमति
आकाश ज्ञान वाटिका, 10 जनवरी 2023, मंगलवार, लखनऊ। औद्योगिक जिला बनने की ओर बढ़ रहे लखनऊ में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश कराए जाने की तैयारी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मंगलवार को होने वाले लखनऊ निवेशक सम्मेलन में इच्छुक उद्यमी जिला प्रशासन और जिला उद्योग केंद्र के साथ इंटेंट के अनुबंध करेंगे, फिर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश का MoU साइन होगा।
अधिकारियों का कहना है कि करीब 25 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिल चुके हैं। इनमें 16 हजार करोड़ रुपये के साथ अभी तक रीयल एस्टेट सेक्टर सबसे बड़े निवेशक के रूप में सामने आया है। इसके बाद एमएसएमई ने तीन हजार करोड़ रुपये के अपने प्रस्ताव दिए हैं। आईआईए ने भी करीब 1000 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही है।
सोमवार को कलेक्ट्रेट में प्रेसवार्ता में डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि लखनऊ निवेशक सम्मेलन दो भागों में होगा। एक ओर उद्यमियों संग इंटेंट के लिए अनुबंध किया जाएगा तो तकनीकी सत्र में मौजूदा नीतियों और सुगमता के साथ प्रक्रिया पूरी करने के तरीके बताए जाएंगे। इसमें एलडीए, नगर निगम, लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत, जिला उद्योग केंद्र आदि के अधिकारी औद्योगिक परिसर के लिए मानचित्र स्वीकृति से लेकर अन्य अनुमति और नियमों की जानकारी देंगे। इस दौरान उद्यमियों की दिक्कतों का भी हल निकाला जाएगा।
सम्मेलन में सभी विभागों के अधिकारी रहेंगे। औद्योगिक संगठनों आईआईए, फिक्की, एसोचैम यूपी-यूके, सीआईआई आदि के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। प्रेसवार्ता में एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, सीडीओ रिया केजरीवाल, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र मनोज चौरसिया, आईआईए के अध्यक्ष मोहित सूरी थे ।
लखनऊ की नई परियोजनाओं में 16 हजार करोड़ रुपये के रीयल एस्टेट कंपनियों से प्रस्ताव पर बनी है सहमति
एलडीए वीसी ने बताया कि लखनऊ की नई परियोजनाओं में 16 हजार करोड़ रुपये के रीयल एस्टेट कंपनियों से प्रस्ताव पर सहमति बनी है। इसमें चार नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप शामिल हैं। एलडीए की अपनी आवासीय योजना इसी साल शुरू होनी है। मौजूदा योजनाओं में भी नए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। इससे जहां बड़ी संख्या में निवेश होगा तो लोगों को बेहतर आवास भी मिलेंगे। आवास विकास परिषद के शामिल होने से आंकड़ा और बढ़ेगा। जनवरी के अंत तक लॉजिस्टिक प्लान भी तैयार कर लिया जाएगा। मोबिलिटी प्लान, सीडीपी पहले ही तैयार हो चुकी है। इसके बाद महायोजना 2031 में इन्हें शामिल करते हुए जरूरी संशोधन किए जाने हैं।