कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने राजस्थान सरकार पर उठाया सवाल – क्या सरकारी वेंटिलेटर निजी अस्पताल को किराये पर देना सही है ?
आकाश ज्ञान वाटिका, 10 मई 2021, सोमवार, जयपुर। राजस्थान में कोरोना महामारी दिन-पर-दिन पैर पसारती जा रही है। राज्य के भरतपुर जिले में भी तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। इस बीच राजस्थान के भरतपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कोरोना महामारी में जब सरकारी अस्पताल में लोगों को बेड नहीं मिल पा रहा है, उस समय में पीएम केयर्स फंड से मिले सरकारी वेंटिलेटर को ‘नॉन-यूज’ का हवाला देते हुए, जिंदल अस्पताल को 20 वेंटिलेटर किराए पर दे दिए हैं।
बता दें कि जिंदल प्राइवेट हॉस्पिटल है। पीएम केयर फंड्स से मिले सरकारी वेंटिलेटर्स को, निजी अस्पताल को किराए पर दिए जाने की जानकारी पर भाजपा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने ट्वीट कर राजस्थान सरकार पर सवाल उठाया है।
राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि कोरोना आपदा के समय राजनीति करना अच्छी बात नहीं है पर राजस्थान में दिन- दहाड़े कोरोना मरीजों को लूटा जा रहा है। राजस्थान में पीएम केयर्स फंड से आए वेंटिलेटर का गलत उपयोग हो रहा है। ये वेंटीलेटर या तो डिब्बों में बंद पड़े हैं या निजी अस्पतालों में पहुंच गए हैं, जहां उनके इस्तेमाल के लिए आपको लाखों रुपये चुकाने होंगे। भाजपा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने ट्वीट कर कहा कि पीएम केयर्स फंड द्वारा 10 वेंटिलेटर भेजे गए थे। राजस्थान में पीएम केयर्स फंड से आए सरकारी वेंटिलेटर को क्या निजी अस्पताल को किराये पर देना सही है? और अगर नहीं तो जगाइए राजस्थान सरकार को।
वहीं कुछ मरीज के परिजन ने बताया कि वह पिछले दो महीनों से अस्पताल प्रशासन से पूछ रहे हैं कि पीएम केयर फंड्स से आए वेंटिलेटर कहां लगाए गए हैं? लेकिन अस्पताल प्रबंधन के पास कोई जवाब नहीं है। जिंदल अस्पताल जो हमेशा विवादों में रहा है, उसके पास 10 सरकारी वेंटिलेटर हैं। जिंदल अस्पताल इन वेंटिलेटर के लिए मरीजों से चार्ज कर रहा है। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि ‘गैर आईसीयू वार्डों में 20 वेंटिलेटर रखे गए हैं, जबकि 20 को कोविड वार्डों के लिए रखा गया है। हमारे ऑक्सीजन प्वाइंट उपलब्धता और कैसलोएड के अनुसार हम 20 वेंटिलेटर का उपयोग करने में सक्षम नहीं थे। इसलिए, हमने इसे निजी अस्पताल को किराए पर देने का निर्णय लिया।’