मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुनीकीरेती और स्वर्गाश्रम को जोड़ने वाला जानकी सेतु आम जनता को किया समर्पित
- मुख्यमंत्री ने जानकी सेतु जनता को किया समर्पित।
- मुख्यमंत्री ने बजरंग सेतु का निर्माण कराए जाने की भी घोषणा की।
“जानकी सेतु का निर्माण से मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे” : मुख्यमंत्री
आकाश ज्ञान वाटिका, 20 नवम्बर 2020, शुक्रवार, ऋषिकेश। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकी सेतु का लोकार्पण करते हुए स्थानीय लोगों को बधाई दी। लगभग 7 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद तीर्थ नगरी के तीर्थाटन और पर्यटन क्षेत्र के विकास में यह पुल मील का पत्थर साबित होगा। इस दौरान उन्होंने बजरंग सेतु का निर्माण कराए जाने की भी घोषणा की।
विदित रहे कि वर्ष 2014 में जानकी सेतु का कार्य पूर्णानंद घाट के समीप शुरू हुआ था। करीब 7 साल के लंबे इंतजार के बाद पुल 48.85 करोड़ रूपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। पुल लंबाई 274 मीटर है। पुल के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़ाई में दुपहिया वाहनों की आवाजाही रहेगी। जबकि बीच में पैदल यात्री आ जा सकेंगे। इससे राम झूला पुल पर वाहनों का दबाव भी कम होगा। इससे स्वर्गाश्रम क्षेत्र का कारोबार में भी बढ़ोतरी होगी। पुल के लोकार्पण से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है। उन्होंने पुल के लोकार्पण पर खुशी जताई है।
इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में छोटे-बड़े करीब 250 से अधिक पुलों का लोकार्पण किया है। जिसके लिए टुकड़ों में बजट जारी करने के बजाय एकमुश्त संपूर्ण बजट जारी किए गए। डोबरा चांठी पुल के निर्माण के लिए भी एकमुश्त बजट जारी किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जानकी सेतु का निर्माण से मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इस दौरान उन्होंने लक्ष्मण झूला, राम झूला और जानकी सेतु के निर्माण के बाद अब बजरंग सेतु के निर्माण की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि बजरंग के बिना भगवान श्रीराम का परिवार अधूरा है। इसके लिए बजरंग पुल को ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका निर्माण पूरी तरह से पारदर्शी कांच से किया जाएगा जो कि देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र भी होगा।
प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पुल के लोकार्पण से क्षेत्र की जनता की 14 वर्षों की तपस्या सफल हुई है। उन्होंने कहा कि यह पुल न केवल आवागमन का माध्यम है बल्कि रोजगार की संभावना के लिए एक संजीवनी के रूप में साबित होगा। यमकेश्वर विधायक रीतु खंडूरी ने जानकी सेतु के निर्माण के लिए क्षेत्रवासियों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सेतु हमारे विश्वास, सपनों और आशाओं का प्रतीक है।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कुंभ मेले के दौरान ऋषिकेश, मुनिकीरेती, तपोवन और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में भी निर्माण कार्य कराए जाने की माँग की। मौके पर जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, जीएमवीएन उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंघल, ऋषिकेश महापौर अनीता ममगाई, कृषि एवं उत्पादन मंडी के अध्यक्ष विनोद कुकरेती, नगर पालिका मुनिकीरेती अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल, लोक निर्माण विभाग सचिव आरके सुधांशु, अधिशासी अभियंता मो० आरिफ खान, मुख्य अभियंता अयाज अहमद, प्रमुख अभियंता व विभागाध्यक्ष हरिओम शर्मा आदि मौजूद रहे।