मुख्यमंत्री ने प्रदेश में टेलीमेडिसिन सेवा व दून मेडिकल कॉलेज में ई-हॉस्पिटल सेवा का शुभारंभ किया
आकाश ज्ञान वाटिका, बुधवार, 29 अप्रैल 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को प्रदेश में बहु प्रतीक्षित टेलीमेडिसिन सेवा व दून मेडिकल कॉलेज में ई-हॉस्पिटल सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 जैसी विश्वव्यापी महामारी में संक्रमण के प्रसार को कम करने के लिए व अस्पतालों में भीड़ को कम करने जैसे उपायों के लिए यह सेवा एक सटीक उपकरण साबित होगी। साथ ही सुदूर क्षेत्रों जहाँ चिकित्सा सेवाओं हेतु विशेषज्ञ राय की आवश्यकता होती है वह भी पहुँच पाएगी।
मुख्यमंत्री ने दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून में ई-हॉस्पिटल सेवा के शुभारम्भ के अवसर पर कहा कि ई-हॉस्पिटल सुविधा के प्रारंभ होने से मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं के ऑनलाइन प्रबंधन से कार्य की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायता होगी। उन्होंने कहा कि ई-हॉस्पिटल सेवा दीनदयाल चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून व जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा में पहले से ही चलाई जा रही है।
टेलीमेडिसिन के अंतर्गत एनआईसी, भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए टेलीमेडिसिन सॉफ्टवेयर को प्रदेश के जिला चिकित्सालय व अन्य चिकित्सालयों में प्रयोग में लाया जाएगा। यह सेवा https://ors.gov.in व https://ehospital.gov.in के माध्यम से उपलब्ध होगी। वहीं CDAC द्वारा उपलब्ध करवाए गए संजीवनी टेलीमेडिसिन सॉफ्टवेयर का उपयोग प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में किया जायेगा। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा https://esanjeevaniopd.in के माध्यम से उपलब्ध होगी। इस सेवा हेतु कोई भी रोगी मोबाइल फोन से भी चिकित्सकीय राय ले पाएंगे। वर्तमान में यह सेवा जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा, दीनदयाल चिकित्सालय (कोरोनेशन) देहरादून, बेस चिकित्सालय हल्द्वानी, संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर देहरादून, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी व दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में प्रारंभ की गई है। भविष्य में सभी जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में विस्तारित की जाएगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, डॉ० हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अरविन्द पाण्डेय, सुबोध उनियाल, राज्य मंत्री डॉ० धन सिंह रावत, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, स्वास्थ्य सचिव नीतीश कुमार झा, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ० अमिता उप्रेती, उप महानिदेशक एनआईसी के नारायणन, स्वास्थ्य महानिदेशालय एवं एनआईसी के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।