Breaking News :
>>मुख्यमंत्री धामी ने 188.07 करोड़ की 74 योजनाओं का किया लोकर्पण और शिलान्यास>>अब सब विपक्षी दल वापस एकजुट होने लगे>>निकाय चुनाव- पर्यवेक्षकों की टीम आज पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे नामों के पैनल>>हमारी टीम घर-घर जाकर संजीवनी योजना और महिला सम्मान योजना के लिए करेगी पंजीकरण- अरविंद केजरीवाल>>चोटिल हुए भारतीय टीम के कप्तान, 26 दिसंबर से शुरु होने वाले चौथे सीरीज के मुकाबले पर छाया संकट >>साल 2047 में भारत को विकसित बनाने में भारतीय कामगारों की रहेगी अहम भूमिका- प्रधानमंत्री मोदी >>कॉकटेल के सीक्वल पर लगी मुहर, शाहिद कपूर के साथ कृति सेनन और रश्मिका मंदाना मचाएंगी धमाल>>ट्रिपल जश्न के लिए तैयार हुई पहाड़ों की रानी, यातायात व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन ने तैयारियों को दिया अंतिम रुप >>सर्दियों में आइसक्रीम खाना सही है या नहीं? जानिए डाइटिशियन की राय>>बाबा साहेब के अपमान पर कांग्रेस ने किया उपवास, भाजपा को कोसा>>महाकुंभ में उत्तराखंड का होगा अपना पवेलियन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने की निःशुल्क भूमि आवंटित>>वन नेशन, वन इलेक्शन से विकास की नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा देश>>मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल देहरादून ने सर्दियों में बढ़ते हार्ट अटैक के प्रति किया जागरुक>>बेरोजगार आंदोलन को फंडिंग करने वालों पर मुख्यमंत्री सख्त, होगी जांच>>अरविंद केजरीवाल ने ‘डॉ. आंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप’ योजना का किया एलान, दलित समाज के बच्चों का सपना होगा साकार>>दून की समीक्षा ने विज्ञान प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में लहराया परचम>>‘द रोशंस’ की रिलीज तारीख से उठा पर्दा, 17 जनवरी से नेटफ्लिक्स पर दिखेगी तीन पीढ़ियों की विरासत>>प्रत्येक अस्पताल में अनिवार्य रूप से लगेगी बायोमेट्रिक उपस्थिति>>कुवैत दौरे पर पीएम मोदी, 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की होगी पहली कुवैत यात्रा >>उत्तराखंड की ब्रह्म कमल टोपी रायपुर छत्तीसगढ़ में आयोजित जनसंपर्क के महाकुंभ में बनी आकर्षण का केंद्र
उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री ने पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी की पुस्तक ‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ का किया विमोचन

पुस्तक में सेवाकाल के संस्मरण, अनुभव और चुनौतियों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया

आकाश ज्ञान वाटिका, शनिवार, 21 सितम्बर 2024, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को उत्तराखण्ड के पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ का विमोचन किया। अनिल रतूड़ी ने यह पुस्तक एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपने संस्मरण एवं अनुभव के आधार पर लिखी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अनिल रतूड़ी द्वारा इस पुस्तक के माध्यम से एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपने सेवाकाल के संस्मरण, अनुभवों और चुनौतियों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता दोनों में एक समान रहना स्थितप्रज्ञ है। यह पुस्तक सेवा में आ रहे लोगों को निर्णय लेने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें एहसास होता है कि धरा पर कोई हमारा साथ देने वाला नहीं, तब हम धरातल से ऊपर उठकर सीधे प्रभु से संबंध वाली स्थिति में आते हैं, यह भी स्थितप्रज्ञ है। ऐसा प्रभु की कृपा से ही संभव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनिल रतूड़ी ने एक सफल और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्य किया। रतूड़ी दंपति ने अपने कार्यों और व्यवहार से उत्तराखण्ड में ही नहीं बल्कि देश में अपना एक विशेष स्थान बनाया। दोनों ने साधारण रहते हुए जनहित में असाधारण कार्य कर अपनी अलग साख बनाई। अपने सेवाकाल के दौरान अनिल रतूड़ी ने अनेक बार कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य में कर्म करते हुए अपने मन को शांत रखते हुए लक्ष्य प्राप्त करने का गुण होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के पास शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने की बड़ी चुनौती होती है। हर चुनौती का सामना करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ संयम का होना भी जरूरी होता है। यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें अनेक उतार-चढ़ाव और चुनौतियां आती हैं, इसमें विपरीत परिस्थितयों में नैतिकता और धैर्य बनाये रखना जरूरी है। आज पुलिस के पास आधुनिक तकनीक है। पहले सीमित संसाधन होते हुए भी पुलिस को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था।

‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ पुस्तक के लेखक अनिल रतूड़ी ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने पुलिस अधिकारी के रूप में साढ़े तीन दशक के अनुभव के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण संस्मरणों, अनुभवों और चुनौतियों का वर्णन करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि शांति और कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस को जो शक्तियां दी गई हैं, मानव कल्याण के लिए उनका सदुपयोग करना आवश्यक है। इस पुस्तक के माध्यम से यह प्रयास किया गया है कि हमारे नये अधिकारी कैसे चुनौतियों का सामना कर धैर्य से अपने कार्यपथ पर आगे बढ़े और अपनी जिम्मेदारियों का पूरी कर्तव्यनिष्ठा और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कर सकें। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य कि सफलता में केवल एक व्यक्ति की भूमिका नहीं होती है, उसमें अनेक लोगों का योगदान होता है।

कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि ऐसी धारणा होती है कि अगर वर्दी है तो स्थितप्रज्ञ नहीं हो सकता है और अगर स्थितप्रज्ञ जो है वो वर्दी नहीं पहन सकता है। अनिल रतूड़ी ने इस मिथक को अपने जीवन के प्रेरणादायी यात्रा से तोड़ा है कि वर्दी में स्थितप्रज्ञ रहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अनिल रतूड़ी के लेखन शैली में में टी.एस. इलियट का प्रभाव दिखता है। सुख, दुःख, जोश में और अपने उतार-चढ़ाव वाले जीवन में एक तरह व्यवहार करने वाला व्यक्ति स्थितप्रज्ञ है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने बताया है कि एक पुलिस अधिकारी की जिंदगी तलवार की धार की तरह है। चक्रव्यूह के अन्दर आ गये और उसे तोड़ दिया तो भी विजित कहलायेंगे वो जरूरी नहीं है, नहीं तोड़ा तो असफल तो आप कहलायेंगे ही।

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मांगलगीत गाया।

इस अवसर पर डीजीपी अभिनव कुमार, पूर्व मुख्य सचिव एन. रविशंकर, साहित्यकार एवं पूर्व कुलपति डॉ. सुधा रानी पाण्डे, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं साहित्य के क्षेत्र से जुड़े महानुभाव उपस्थित थे।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!