Breaking News :
>>मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान 2024’ से किया सम्मानित>>प्रवासियों के पांच गांवों को गोद लेने पर डीएम ने दिए निर्देश>>स्कूलों में मशरूम गार्डन विकसित होगा, भोजनमाताओं को मिलेगा प्रशिक्षण>>सूबे में कलस्टर विद्यालयों के निर्माण की कवायद शुरू>>सहायता राशि में 75 फीसदी होगी सब्सिडी- रेखा आर्या>>कैबिनेट फैसला- जनसंवेदनाओं को सर्वोपरि रखते हुए शराब की बिक्री पर किया जायेगा नियंत्रण>>महिला प्रीमियर लीग 2025- यूपी वॉरियर्स और गुजरात जायंट्स के बीच मुकाबला आज>>उपनल कर्मचारियों की आकस्मिक मृत्यु अनुग्रह राशि बढ़ाने पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का किया आभार व्यक्त>>आगामी 6 मार्च को भारत-चीन सीमा पर बसे हर्षिल और मुखबा के दौरे पर आ रहे पीएम मोदी, की गई यह खास तैयारी >>अभय देओल की फिल्म ‘रोड’ एक बार फिर से देगी सिनेमाघरों में दस्तक, इस दिन होगी री-रिलीज>>बच्चे ही समाज का सूत, प्रत्येक कक्षा कक्ष में Tv; wi-fi ही नहीं बल्कि डिजिटल Content देना भी है हमारे प्रोजेक्ट उत्कर्ष का लक्ष्य- डीएम>>स्कूलों में स्मार्टफोन ले जाने के मामले में दिशा- निर्देश हुए तय, जानिए क्या नियम किए गए लागू >>क्या आप भी करते हैं इन चीजों को फ्रिज में स्टोर, तो हो जाएं सावधान, नहीं तो सेहत को हो सकता है नुकसान >>माणा हिमस्खलन रेस्क्यू अभियान तीन दिन बाद समाप्त, आठ श्रमिकों की मौत >>शिक्षा मंत्री डॉ रावत ने केंद्रीय मंत्री को एनईपी-2020 के क्रियान्वयन व अन्य योजनाओं की दी जानकारी>>कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने होली मिलन समारोह में की शिरकत, दीं शुभकामनायें>>पूर्व सैनिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सैनिक कल्याण ने वितरित किए 5 कंप्यूटर सेट>>अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित होंगी उत्तराखंड की प्रगतिशील महिला किसान>>आठ साल की मासूम के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार >>होली से पहले मिलावटखोरों पर शिकंजा, फूड सेफ्टी विभाग ने जारी की SOP
उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कल करेंगे यूसीसी के पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण 

ढाई साल की तैयारियों के बाद अब प्रदेश में यूसीसी होगी लागू 

यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड 

देहरादून। आखिरकार वह समय आ ही गया है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था, ढाई साल के इंतजार के बाद कल यानि सोमवार को प्रदेश में यूसीसी लागू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कल मुख्य सेवक सदन में यूसीसी के पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण करेंगे। इसके लिए शासन स्तर से तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। गृह सचिव की ओर से जारी पत्र में सभी संबंधित विभागों और पुलिस अधिकारियों को इस कार्यक्रम में उपस्थित होने को कहा गया है। इसी के साथ उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।

समान नागरिक संहिता के लिए 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।

समिति ने अपनी रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी थी। इसके बाद आठ मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। विधानसभा से पास होने के बाद इस इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा गया। यहां से 12 मार्च 2024 को इस अधिनियम पर राष्ट्रपति का अनुमोदन मिल गया। इसके बाद यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्थाएं लागू की गईं। नागरिकों और अधिकारियों के लिए ऑनलाइन पोर्टल विकसित किए गए। गत सोमवार 20 जनवरी को यूसीसी की नियमावली को अंतिम रूप देकर कैबिनेट ने इसे पास कर दिया। बीते कई दिनों से इसके पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन को लेकर विभिन्न स्तरों पर मॉक ड्रिल भी आयोजित की गई।

शासन के अनुसार शुक्रवार को हुए मॉक ड्रिल में पहले आई समस्याओं को दूर कर लिया गया। अब यह पोर्टल आम नागरिकों और अधिकारियों के प्रयोग के लिए पूरी तरह से तैयार है। पिछले दिनों सरकार की ओर से इसे जल्द लागू करने का निर्णय लिया गया था। इसी के मद्देनजर अब अंतिम रूप में आए पोर्टल का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को मुख्य सेवक सदन से दोपहर 12.30 लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही यूसीसी की नियमावली का भी लोकार्पण किया जाएगा। इसके बाद से विवाह, तलाक, लिव इन, लिव इन से अलग होना, विरासत आदि के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए जाएंगे।

इस तरह हुई तैयारियां
– 43 हितधारकों के साथ बैठकें हुईं।
– 72 गहन विचार विमर्श बैठकें की गईं।
– 49 लाख एसएमएस प्राप्त हुए।
– 29 लाख व्हाट्सएप मैसेज आए।
– 2.33 नागरिकों ने इसके लिए सुझाव दिए।
– 61 हजार पोर्टलों पर सुझाव मिले।
– 36 हजार सुझाव डाक के माध्यम से मिले।
– 1.20 लाख सुझाव दस्ती के माध्यम से आए।
– 24 हजार ई-मेल भी इसके सुझाव के लिए आए।

इन देशों की यूसीसी का किया गया अध्ययन
सऊदी, तुर्कीए, इंडोनेशिया, नेपाल, फ्रांस, अजरबैजान, जर्मनी, जापान और कनाडा।

घोषणा से कानून बनने तक का सफर

12 फरवरी 2022 को विस चुनाव के दौरान सीएम धामी ने यूसीसी की घोषणा की।
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में यूसीसी लाए जाने पर फैसला।
मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनी।
समिति ने 20 लाख सुझाव ऑफलाइन और ऑनलाइन प्राप्त किए।
2.50 लाख लोगों से समिति ने सीधा संवाद किया।
02 फरवरी 2024 को विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी।
06 फरवरी को विधानसभा में यूसीसी विधेयक पेश हुआ।
07 फरवरी को विधेयक विधानसभा से पारित हुआ।
राजभवन ने विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा।
11 मार्च को राष्ट्रपति ने यूसीसी विधेयक को अपनी मंजूरी दी।
यूसीसी कानून के नियम बनाने के लिए एक समिति का गठन।
नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में आज 18 अक्तूबर 2024 को राज्य सरकार को नियमावली साैंपी।
20 जनवरी 2025 को नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली।

यूसीसी लागू होगा तो यह आएंगे बदलाव
सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक ही कानून।
26 मार्च 2010 के बाद से हर दंपती के लिए तलाक व शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, महानगर पालिका स्तर पर पंजीकरण की सुविधा।
पंजीकरण न कराने पर अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना।
पंजीकरण नहीं कराने वाले सरकारी सुविधाओं के लाभ से भी वंचित रहेंगे।
विवाह के लिए लड़के की न्यूनतम आयु 21 और लड़की की 18 वर्ष होगी।
महिलाएं भी पुरुषों के समान कारणों और अधिकारों को तलाक का आधार बना सकती हैं।
हलाला और इद्दत जैसी प्रथा खत्म होगी। महिला का दोबारा विवाह करने की किसी भी तरह की शर्तों पर रोक होगी।
कोई बिना सहमति के धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का अधिकार होगा।
एक पति और पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
पति-पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी उसकी माता के पास रहेगी।
संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार होंगे।
जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा।
नाजायज बच्चों को भी उस दंपती की जैविक संतान माना जाएगा।
गोद लिए, सरगोसी से असिस्टेड री प्रोडेक्टिव टेक्नोलॉजी से जन्मे बच्चे जैविक संतान होंगे।
किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार संरक्षित रहेंगे।
कोई व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को वसीयत से अपनी संपत्ति दे सकता है।
लिव इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा।
युगल पंजीकरण रसीद से ही किराया पर घर, हॉस्टल या पीजी ले सकेंगे।
लिव इन में पैदा होने वाले बच्चों को जायज संतान माना जाएगा और जैविक संतान के सभी अधिकार मिलेंगे।
लिव इन में रहने वालों के लिए संबंध विच्छेद का भी पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
अनिवार्य पंजीकरण न कराने पर छह माह के कारावास या 25 हजार जुर्माना या दोनों का प्रावधान होंगे।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!