मुख्यमंत्री ने किया विकास भवन एवं देहरादून सदर तहसील कार्यलय में ई-ऑफिस प्रणाली का शुभारम्भ
[box type=”shadow” ]मा० प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया की दिशा में राज्य में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं : मुख्यमंत्री
- देहरादून कलक्ट्रेट के साथ ही विकास भवन, जिला विकास अधिकारी कार्यालय, डीआरडीए कार्यालय एवं सदर तहसील ई-ऑफिस से जुड़ गये हैं।
- राज्य में ई-कैबिनेट शुरू की गई है।
- सचिवालय में भी 16 ऑफिस ई-ऑफिस से जुड़ चुके हैं।
- राज्य सरकार ने ई-प्रणाली को बढ़ावा दिया है। [/box]
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आकाश ज्ञान वाटिका, शुक्रवार, 14 अगस्त 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास से विकास भवन देहरादून एवं देहरादून सदर तहसील कार्यलय में ई-ऑफिस प्रणाली का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर देहरादून कलेक्ट्रेट के सभागार का भी लोकार्पण किया गया। इस सभागार का नाम ऋषिपर्णा सभागार रखा गया है। अब देहरादून कलक्ट्रेट के साथ ही विकास भवन, जिला विकास अधिकारी कार्यालय, डीआरडीए कार्यालय एवं सदर तहसील ई-ऑफिस से जुड़ गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने ई-प्रणाली को बढ़ावा दिया है। इन कार्यालयों के ई-ऑफिस प्रणाली से जुड़ने से कार्यों में पारदर्शिता के साथ गतिशीलता भी आयेगी। सरकार और प्रशासन के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कार्यप्रणाली का पारदर्शिता के साथ जन कल्याणकारी होना भी जरूरी है। ई-ऑफिस प्रणाली से जहाँ कार्यों में तेजी आयेगी, लोगों को अनावश्यक कार्यालयों में नहीं भटकना पड़ेगा। फाइलों की जानकारी भी लोगों को ऑनलाईन प्राप्त होगी। इससे अधिकारियों का समय भी बचेगा और लोगों का धन की बचत भी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-कार्यप्रणाली पर राज्य सरकार का विशेष ध्यान है। राज्य में ई-कैबिनेट शुरू की गई है। सचिवालय में भी 16 ऑफिस ई-ऑफिस से जुड़ चुके हैं। मा० प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया की दिशा में राज्य में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। डिजिटाईजेशन होने से आज लोगों को अनेक फायदे हो रहे हैं। जनधन खातों में डिजिटल पेमेंट से गरीबों को काफी सुविधा हुई है। उन्होंने कहा कि कलेक्ट्रेट में जो ऋषिपर्णा सभागार बनाया गया है, यह ऋषिपर्णा नदी की स्वच्छता एवं निर्मलता एवं इसके लिए दिये जा रहे जन सहयोग के लिए याद किया जायेगा। उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध कवि चन्द्र कुंवर बर्तवाल ने ऋषिपर्णा नदी पर एक सुन्दर कविता लिखी थी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि उनकी ऋषिपर्णा पर लिखी गई कविता को इस सभागार में लगाया जाय।
जिलाधिकारी देहरादून डॉ० आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि देहरादून प्रदेश का पहला जनपद है, जहाँ कलक्ट्रेट एवं विकासभवन ई-ऑफिस से जुड़ चुके हैं। देहरादून के अन्य तहसीलों को भी जल्द ई-ऑफिस से जोड़ा जायेगा।
[box type=”shadow” ]मा० मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन देहरादून और इसका नेतृत्व कर रहे जिलाधिकारी डाॅ० आशीष कुमार श्रीवास्तव और मुख्य विकास अधिकारी सुश्री नितिका खण्डेलवाल के साथ समस्त कार्मिकों को धन्यवाद व शुभकामनायें देते हुए बताया कि इस प्रणाली से पारदर्शिता, विश्वसनीयता, गतिशीलता और सुगमता बढ़ेगी, साथ ही कार्यों में शिथिलता और भ्रष्टाचार में कमी आयेगी, साथ ही कागजी वर्क कम होने से पर्यावरण सरंक्षण में भी सहयोग मिलेगा। जिलाधिकारी डाॅ० आशीष कुमार श्रीवास्तव ने माननीय मुख्यमंत्री को बताया कि दूसरे चरण में जनपद की अन्य तहसीलों को तथा तीसरे चरण में जनपद के सभी कार्यालयों को ई-प्रणाली से जोड़ा जायेगा। कहा कि कलक्ट्रेट से सम्बन्धित लगभग 3500 फाईलें और पत्राचार ई-पेपर्स के माध्यम से अब तक प्रक्रिया (प्रोसेज) में आ चुकी हैं। मा० मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रकृति के चितेरे तथा छायावादी कवि चन्द्रकुवंर बर्तवाल की स्मृति से जोड़ने हेतु कलक्ट्रेट सभागार में उनकी कविता के कुछ अंश को भी दर्शाया जायेगा। उन्होंने कहा कि ई-आफिस प्रणाली को व्यवहारिक रूप दने में जिला सूचना विज्ञान अधिकारी भास्कर कुड़ियाल, अपर जिला सूचना विज्ञान अधिकारी रणनीत चैहान, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुरेश सिंह और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का विशेष सहयोग रहा।
इस दौरान कलेक्ट्रेट सभागार से मुख्य विकास अधिकारी देहरादून सुश्री नितिका खण्डेलवाल ने कहा कि देहरादून विकास भवन प्रदेश का पहला विकासभवन बन गया है जो ई-आफिस से जुड़ा है। दूसरे चरण में जनपद के सभी विकासखण्डों एवं तृतीय चरण में अन्य कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जायेगा । उन्होंने विकास भवन से जुड़े अधिकारियों-कार्मिकों को अब तेजी से ई-फाईलिंग (प्रणाली) पर काम करने की प्रेरित किया। [/box]
इस अवसर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त, एडीएम श्री अरविन्द पाण्डेय, श्री वीर सिंह बुदियाल एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।