चंद्रयान-२ : इसरो को मिली एक और सफलता – ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ लैंडर ‘विक्रम’
- चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर से लैंडर ‘विक्रम’ (Lander ‘Vikram’) को सफलतापूर्वक अलग हुआ ।
- लैंडर ‘विक्रम’ इस वक्त चंद्रमा की 119km x 127km कक्षा में चक्कर लगा रहा है।
- अब चंद्रयान चांद से महज 109 किलोमीटर दूर रह गया है।
- आज से लैंडर विक्रम अपने भीतर मौजूद प्रज्ञान रोवर को लेकर चांद की ओर बढ़ना शुरू करेगा।
- 07 सितंबर को तड़के 1:55 बजे लैंडर विक्रम चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा।
आकाश ज्ञान वाटिका, २ सितम्बर। इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों ने सोमवार यानी दो सितंबर को चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) के ऑर्बिटर से लैंडर ‘विक्रम’ (Lander ‘Vikram’) को सफलतापूर्वक अलग करा दिया। इस काम को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर अंजाम दी गई। अब निर्धारित कार्यक्रम के तहत लैंडर ‘विक्रम’ सात सितंबर को तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चंद्रमा की सतह पर लैंड कर जाएगा।
इसरो ने ट्वीट करके बताया कि लैंडर ‘विक्रम’ इस वक्त चंद्रमा की 119km x 127km कक्षा में चक्कर लगा रहा है। वहीं चंद्रयान-2 का आर्बिटर उसी कक्षा में चक्कर लगा रहा है, जिसमें वह रविवार को दाखिल हुआ था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation, ISRO) के वैज्ञानिकों ने रविवार को शाम छह बजकर 21 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान की कक्षा में बदलाव किया था। चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद से यान के पथ में यह पांचवां व अंतिम बदलाव था। कक्षा बदलने में 52 सेकंड का वक्त लगा। अब चंद्रयान चांद से महज 109 किलोमीटर दूर रह गया है।
इसरो के चेयरमैन के. सिवन के मुताबिक, दो सितंबर को होने वाला लैंडर सेपरेशन काफी तेज होगा। यह उतनी ही गति से होगा जितनी गति से कोई सेटेलाइट लॉन्चर रॉकेट से अलग होता है। इंटिग्रेटेड स्पेसक्राफ्ट को अलग-अलग करने के लिए इसरो के वैज्ञानिक धरती से कमांड देंगे जिसके बाद ऑनबोर्ड सिस्टम इसे एग्जिक्यूट करेगा। ऑर्बिटर करीब सालभर चांद की परिक्रमा करते हुए विभिन्न प्रयोगों को अंजाम देगा।
आज से लैंडर विक्रम अपने भीतर मौजूद प्रज्ञान रोवर को लेकर चांद की ओर बढ़ना शुरू करेगा। इसमें सबसे बड़ी चुनौती यान के आर्बिटर को भी नियंत्रित करने की होगी। यानी वैज्ञानिकों को एक साथ आर्बिटर और लैंडर विक्रम की सटीकता के लिए काम करते रहना होगा। चार सितंबर के बाद अगले तीन दिनों तक लैंडर विक्रम चांद के सबसे नजदीकी कक्षा 35 km x 97 km में चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की जांच की जाती रहेगी। इस तरह 07 सितंबर को सुबह 1:55 बजे लैंडर विक्रम चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करेगा।