केंद्र सरकार ने आज बुलाई सर्वदलीय बैठक, पीएम नरेंद्र मोदी ने की अध्यक्षता
कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और एनसीपी भी हुई शामिल
आकाश ज्ञान वाटिका, 28 नवम्बर 2021, रविवार, नई दिल्ली। राजनीतिक गलियारों में रविवार का दिन बेहद खास हो गया है। खास होने की कुछ बड़ी वजह भी है। इसकी पहली वजह है कि सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। इसको देखते हुए सरकार समेत सभी विपक्षी पार्टियां अपनी रणनीति बनाने के लिए आज अलग-अलग बैठक करने वाली हैं। संसद के शीतकालीन सत्र को सुचारू रूप से चलाने के मकसद से सरकार ने भी आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ने की है।
इसके पीछे सरकार का मकसद संसद के पटल पर पेश होन वाले विधेयकों को पारित करवाने में विपक्ष की अड़चनों को कम करना है। इस बैठक में कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर आर चौधरी, आनंद शर्मा, टीएमसी से सुदीप बनर्जी और डैरेक ओ ब्रायन, डीएमके के टीआर बालू और टी सिवा, एनसीपी के शरद पवार शामिल हुए हैं। टीएमसी के सुदीप बनर्जी ने इससे पहले कहा कि टीएमसी कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी पार्टियों की बैठक में हिस्सा नहीं लेगी।
हालांकि सरकार द्वारा सुबह 11:00 बजे बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से पहले ही विपक्षी पार्टियां आगामी रणनीति के लिए एकजुट होकर बैठक करने वाली हैं। यह बैठक राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुलाई है। इसमें राहुल गांधी भी शामिल होंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे। इस मीटिंग से अलग भाजपा और एनडीए की भी दो अलग-अलग बैठकें बुलाई गई हैं। दोपहर तीन बजे भारतीय जनता पार्टी की संसदीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। इसके बाद शाम 4:00 बजे एनडीए की भी अहम बैठक होगी जिसमें सरकार के सहयोगी दल शामिल होंगे। इस बैठक का मकसद शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति बनाना है।
विदित रहे कि सरकार शीताकालीन सत्र के पहले ही दिन तीन कृषि कानूनों को रद करने के लिए बिल लाने वाली है। इसके लिए सरकार ने अपने सांसदों को व्हिप भी जारी किया है। कृषि कानूनों पर सरकार को बड़ी फजीहत उठानी पड़ी है। किसानों ने इस मुद्दे पर एक साल से आंदोलन छेड़ा हुआ है। किसान पहले शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन संसद कूच करना चाहते थे, लेकिन कृषि मंत्री की तरफ से आए बयान के बाद फिलहाल किसानों ने इसको टाल दिया है। हालांकि किसानों ने ये भी साफ कर दिया है कि उनका आंदोलन एमएसपी पर कानून बनने तक जारी रहेगा।