‘‘ड्रग डिमांड डिडक्शन राष्ट्रीय कार्ययोजना का बेहतर इम्पलिमेन्टेशन हो’’ – जिलाधिकारी सी रविशंकर
आकाश ज्ञान वाटिका। शुक्रवार, देहरादून, ६ दिसम्बर, २०१९, (सू०वि०)। जिला संचालन समिति की 5 वर्षीय (2018-2023) द नेशनल एक्शन प्लान ड्रग डिमांड डिडक्शन (एन.ए.पी.डी.डी.आर)’’ राष्ट्रीय कार्य योजना के अनुपालन हेतु देर शाम कैम्प कार्यालय में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी सी रविशंकर ने निर्देश दिये कि ‘‘ड्रग डिमांड डिडक्शन राष्ट्रीय कार्ययोजना का बेहतर इम्पलिमेन्टेशन हो’’। मादक द्रव्यों का इस्तेमाल घटाने के लिए तैयार की गयी राष्ट्रीय कार्य-योजना का जनपद में बेहतर अनुपालन करने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य, पुलिस, समाज कल्याण, शिक्षा विभाग, बाल विकास आदि विभागों के साथ ही शैक्षणिक संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों को आपसी समन्वय से सूचनाओं के बेहतर आदान-प्रदान और स्कूलों, कालेजों, तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों सहित सार्वजनिक स्थलों पर कार्यशाला, सेमिनारों के माध्यम से बच्चों, किशोरों, युवाओं और माता-पिता के बीच निवारक शिक्षा, परामर्श, उपचार इत्यादि के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिये। उन्होंने बहुआयामी रणनीति अपनाते हुए प्रभावित व्यक्तियों और परिवार की शिक्षा, नशामुक्ति, रोजगार और आवश्यकतानुसार पुनर्वास करने के कदम उठाने पर बल देते हुए सभी विभागांे को व्यक्तिगत तथा संचालन समिति के नाते सामूहिक तरीके से नशे के विक्रेताओं पर प्रतिबन्ध लगाने और इस कार्य की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिए प्रत्येक सप्ताह कार्य की प्रगति की समीक्षा करने को कहा।
बैठक में गैर सरकारी संगठन के सदस्य डाॅ राजीव कुमार ने अपने प्रजेन्टेशन में कहा कि ‘ड्रग डिमाण्ड डिडक्शन (एन.ए.पी.डी.डी.आर) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मत्रालय भारत सरकार द्वारा तैयार की गयी पंचवर्षीय राष्ट्रीय कार्य योजना है, जिसका उद्देश्य बहु प्रचारित रणनीति के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरूपयोग को रोकना हैं इस कार्ययोजना में शैक्षणिक संस्थानों, प्रवर्तन विभागों/एजेंसियों, न्यायिक अधिकारियों/अधिवक्ताओं, बाल विकास से जुडे़ विभागों सहित गैर सरकारी संगठनों के लिए जागरूकता सृजन कार्यक्रम, क्षमता निर्माण, नशा बिक्री प्रतिबन्धित उपाय सहित सभी की भागीदारी से नशामुक्त समाज का निर्माण करना है। इसमें पारंपरिक प्रचालित नशे के साथ ही ई-स्मोकिंग, ई-सिगरेट जैसे डिजिटल नशे से छुटकारा दिलाने के प्रयास भी शामिल है और इसके लिए नशीली दवा दुरूपयोग/निगरानी प्रणाली के माध्यम से ड्रग के दुरूपयोग और सम्बन्धित स्थलों की पहचान करते हुए उसके रोकथाम के बहुपक्षीय एवं प्रभावी प्रयास शामिल है। उन्होंने कहा कि यह कार्ययोजना भारत सरकार, राज्य सरकारों के समन्वय से इम्पिलमेन्ट कर रही है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा इस कार्ययाजना पर सहमति व्यक्त करते हुए राज्य के नैनीताल और देहरादून जनपदों के लिए 2 करोड़ 20 लाख रुपए का वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए बजट भी आवंटित किया है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जी एस रावत , पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चैबे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मीनाक्षी जोशी, अपर नगर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार,डॉ उत्तम सिंह चैहान,डी आईटी से डॉ नवीन सिंघल व डॉ राकेश मोहन सहित संबंधित सदस्य उपस्थित थे।