मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विधानसभा क्षेत्र होने से खटीमा सीट बन चुकी उत्तराखंड की सबसे हाट सीट
आकाश ज्ञान वाटिका, 21 जनवरी 2022, शुक्रवार, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विधानसभा क्षेत्र होने से खटीमा सीट इस समय उत्तराखंड की सबसे हाट सीट बन चुकी है। पुष्कर सिंह धामी वर्ष 2012 एवं वर्ष 2017 में यहाँ से चुनाव जीत चुके हैं। पार्टी ने तीसरी बार उन्हें फिर मैदान में उतारा है। ऊधम सिंह नगर में विधानसभा की नौ सीटें आती है। वोटरों की संख्या के हिसाब से खटीमा तराई के इस जिले की सबसे छोटी सीट है, मगर किसी जमाने में नैनीताल जिले के पर्वतीय ब्लाक ओखलकांडा, धारी और रामगढ़ के मतदाता भी इस सीट का हिस्सा था और इसका दायरा काफी बड़ा था।
उत्तर प्रदेश के समय में इस सीट को सितारगंज-खटीमा के नाम से जाना जाता था। ओखलकांडा, धारी, रामगढ़, गौलापार, चोरगलिया, सितारगंज, नानकमत्ता, खटीमा के अलावा टनकपुर का कुछ क्षेत्र भी इसका हिस्सा था। 1989 में कांग्रेस के टिकट पर यशपाल आर्य ने अपना पहला चुनाव यहां से जीता था। लंबा क्षेत्र होने के कारण उम्मीदवारों को प्रचार के लिए खूब पसीना बहाना पड़ता था। 2001 में राज्य गठन के बाद हुए परिसीमन से कुमाऊँ की हर सीट का समीकरण बदल गया था।
राज्य गठन से पहले नैनीताल, ऊधमसिंह नगर जिला मिलाकर कुल चार सीटें होती थी। हल्द्वानी सीट में काठगोदाम, आधा हल्द्वानी, रुद्रपुर, बिंदुखत्ता, हल्दूचौड़, किच्छा, पंतनगर, गदरपुर, दिनेशपुर शामिल था। नैनीताल सीट में बेतालघाट, नैनीताल, भीमताल, रामनगर और आधा हल्द्वानी था। काशीपुर विधानसभा सीट में बाजपुर, जसपुर और काशीपुर का इलाका था। चौथी सीट सितारगंज खटीमा थी।