Breaking News :
>>तमिलनाडु के शिवकाशी में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 8 की मौत, 12 घायल, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दु:ख>>सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें तीर्थयात्री : महाराज>>आईपीएल 2024 : 59वें मैच में आज चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटंस होगी आमने-सामने >>लोकसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री केजरीवाल को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ दी जमानत>>दारोगा की बेटी की हत्या कर चीला नहर में छलांग लगाने वाले युवक का शव बरामद >>आज चारों धामों में बारिश का अलर्ट जारी, तीर्थ यात्रियों को गर्म कपड़े और रेन कोट लाने की दी गई सलाह >>क्या टॉयलेट जाने के बाद आप भी नहीं धोते हाथ, जानिए कितनी बड़ी गलती कर रहे हैं आप>>विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट>>30 लाख रिक्त सरकारी पदों पर इंडिया गठबंधन की सरकार करेगी भर्ती का काम शुरू : राहुल गाँधी>>मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित गणमान्य बने कपाट खुलने के साक्षी>>कोविड वैक्सीन- स्वास्थ्य व्यवस्था का राजनीतिकरण>>श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए विधि-विधान से खोले गए केदारनाथ धाम के कपाट >>सेना के बैंड के साथ केदारनाथ धाम पहुंची पंचमुखी डोली >>अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर कल खुलेंगे केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट >>आईपीएल 2024 के 58वें मैच में आज रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से भिड़ेगी पंजाब किंग्स>>ब्राजील में भारी बारिश के चलते आई बाढ़, 100 लोगों की मौत>>24 घंटे में वनाग्नि के 40 मामले आए सामने, 70 हेक्टेयर क्षेत्र को पहुंचा नुकसान >>चारधाम यात्रा-2024 का हुआ औपचारिक शुभारंभ, मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने दिखाई हरी झंडी>>राजकुमार राव की श्रीकांत का नया गाना ‘जीना सिखा दे’ जारी, अरिजीत सिंह ने लगाए सुर>>भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी के समर्थन में बुराड़ी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी
उत्तराखण्डधार्मिकसामाजिक गतिविधियाँ

देवीधुरा स्थित मां बाराही देवी के आंगन में इस बार नौ मिनट चली बग्वाल

देवीधुरा स्थित मां बाराही देवी के आंगन में इस बार नौ मिनट चली बग्वाल, 122 रणबांकुरे हुए घायल

आकाश ज्ञान वाटिका, देवीधुरा। रक्षा बंधन पर्व पर देवीधुरा स्थित मां बाराही देवी के आंगन खोलीखांड़ दुबाचौड़ मैदान में असाड़ी कौतिक पर झमाझम बारिश के बीच गुरुवार को चारों खामों के रणबांकुरों ने ‘बग्वाल’ पूरे जोश खरोश के साथ खेली। उन्होंने एक दूसरे पर जमकर फल व पत्थर बरसाए। जिनमें 122 रणबांकुरे घायल हो गए। जिनका अस्थायी अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा उपचार किया गया।

गुरुवार को सुबह से मौसम साफ था। बग्वाल देखने के लिए चम्पावत ही नहीं आसपास के जिलों के तमाम लोग पहुंचे थे। आसपास के मकानों की छतें ठसाठस भरी हुई थीं। दोपहर 2:6 बजे से वीर पुरुष खोलीखांड़ दुबाचौड़ मैदान में जुटना शुरू हो गए थे। सबसे पहले सफेद पगड़ी में वालिक, दूसरे पर गुलाबी पगड़ी में चम्याल, पीली पगड़ी में लमगड़िया व अंत में गहड़वाल खाम लाल पगड़ी में मैदान में पहुंची। सभी ने मां बाराही के मंदिर व मैदान की परिक्रमा की।

बग्वाल शुरू होने से ठीक पहले झमाझम बारिश शुरू हो गई। खुले मौसम के बीच ही 2:06 बजे बग्वाल शुरू हुई और 2:15 तक अनवरत चलती रही। कुल नौ मिनट बग्वाल खेली गई। बग्वाल चम्याल व वालिक तथा लमगडिय़ा व गहड़वाल खाम के बीच खेली गई। बग्वाल खेलने के बाद सभी ने आपस में गले मिलकर बधाई दी। खेलने वालों के साथ ही मेला देख रहे लोग भी रोमांच से सराबोर दिखे। इस दौरान आसमान में फल व पत्थर ही दिखाई दे रहे थे। जिनसे चोटिल होकर 122 घायल हुए। जिनमें चार को हड्डी व मांसपेशियों में समस्या बताई गई। गत वर्ष 241 घायल हुए थे। सभी को राजकीय चिकित्सालय व मंदिर परिसर में बने चिकित्सा कक्ष में डॉ. आरपी खंडूरी व डॉ. इंद्रजीत पांडेय के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उपचार किया।

50 हजार लोगों ने देखी बग्वाल 

मेला कमेटी के मुख्य संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगडिय़ा ने दावा किया कि इस बार करीब 50 हजार लोगों ने बग्वाल देखी। मेले में मुख्य रूप से केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, विधायक पूर्ण फर्त्याल, देवरिया विधायक प्रेम सिंह मौजूद रहे। इस दौरान डीएम एसएन पांडे, एसपी डीएस गुंज्याल आदि मौजदू रहे। संचालन भुवन चंद्र जोशी ने किया। मेले के दौरान देवीधुरा की सड़कों में पांव रखने को जगह नहीं थी। यातायात व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस ने करीब दो किमी पहले ही वाहन रोक दिए थे। कानून व्यवस्था के लिए जिले समेत आसपास के जिलों की पुलिस लगाई गई थी।

 जानिए बग्‍वाल का ऐतिहासिक महत्त्व

चंपावत में देवीधुरा में बाराही देवी मंदिर के प्रांगण में प्रतिवर्ष रक्षावन्धन के अवसर पर श्रावणी पूर्णिमा को पत्थरों की वर्षा का एक विशाल मेला जुटता है । मेले को ऐतिहासिकता कितनी प्राचीन है इस विषय में मत-मतान्तर हैं । लेकिन आम सहमति है कि नर बलि की परम्परा के अवशेष के रूप में ही बगवाल का आयोजन होता है । लोक मान्यता है कि किसी समय देवीधुरा के सघन वन में बावन हजार वीर और चौंसठ योगनियों के आतंक से मुक्ति देकर स्थानीय जन से प्रतिफल के रूप में नर बलि की मांग की, जिसके लिए निश्चित किया गया कि पत्थरों की मार से एक व्यक्ति के खून के बराबर निकले रक्त से देवी को तृप्त किया जाएगा, पत्थरों की मार प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा को आयोजित की जाएगी । इस प्रथा को आज भी निभाया जाता है । लोक विश्वास है कि क्रम से महर और फर्त्‍याल जातियों द्वारा चंद शासन तक यहाँ श्रावणी पूर्णिमा को प्रतिवर्ष नर बलि दी जाती थी । इतिहासकारों का मानना है कि महाभारत में पर्वतीय क्षेत्रों में निवास कर रही एक ऐसी जाति का उल्लेख है जो अश्म युद्ध में प्रवीण थी तथा जिसने पांडवों की ओर से महाभारत के युद्ध में भाग लिया था । ऐसी स्थिति में पत्थरों के युद्ध की परम्परा का समय काफी प्राचीन ठहरता हैकुछ इतिहासकार इसे आठवीं-नवीं शती ई. से प्रारम्भ मानते हैं । 

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *