बारिश में भी परेड ग्राउंड धरना स्थल पर डटी रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

दस सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 24 दिनों से क्रमिक अनशन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता झमाझम बारिश के बीच भी परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर डटी रहीं। पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
आंगनबाड़ी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने कहा कि संगठन दो बार सचिवालय कूच कर चुका है। मांगों को लेकर पिछले 24 दिनों से वह धरना स्थल पर बैठे हैं। कई अधिकारियों से आश्वासन भी मिले, लेकिन मांगे पूरी नहीं हुई।
यह हैं मुख्य मांगे
-प्रतिमाह न्यूनतम 18 हजार रुपये मानदेय किया जाए।
– राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को केंद्र के बराबर मानदेय दे।
-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभागीय पदोन्नति दी जाए और आयु सीमा हटा दी जाए।
-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर साल दीपावली बोनस दिया जाए।
-फोन की शर्तो को वापस ले लिया जाए। अगर फोन खराब होता है या खो जाता है तो वर्कर से उसका पैसा न वसूला जाए।
-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जब भी परियोजना में किसी भी कार्य के लिए बुलाया जाए तो उन्हें यात्रा भत्ता दिया जाए।
-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रमाण पत्र के बिना किसी स्कूल में तीन से छह वर्ष के बच्चे को दाखिला न दिया जाए।
महिला समिति ने फूंका केंद्र सरकार का पुतला
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने मजदूर संगठनों की देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। समिति की महिलाओं ने लालपुल के पास केंद्र सरकार का पुतला दहन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।
समिति की उपाध्यक्ष इंदू नौडियाल ने कहा केंद्र सरकार जनतांत्रिक आंदोलनों को कुचलने से बाज नहीं आ रही। जेएनयू और जामिया मिलिया विवि सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के दमन से देश की जनता आक्रोशित है। उन्होंने कहा कि सरकार को ठोस कानून बनाने चाहिए। ताकि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।प्रदर्शन में महामंत्री दमयंती नेगी, कोषाध्यक्ष चंदा ममगाईं, जिलाध्यक्ष नूरेसा अंसारी आदि मौजूद रहीं।
ये हैं मुख्य मांगे
-जेएनयू मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए। वहां के कुलपति को निलंबित करके दोषियों को सजा दी जाए।
-महिला की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए।
– खाद्य पदार्थों, बिजली और गैस की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाया जाए।