राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को दी जाएगी अल्बेंडाजोल दवा, जिलाधिकारी सोनिका ने ली तैयारियों के संबंध में बैठक
जिलाधिकारी ने निर्देश : ‘जो बच्चे और किशोर जो स्कूल नहीं जाते हैं उन पर भी विशेष फोकस किया जाए’
जो बच्चे बीमार है या कोई अन्य दवा ले रहे है उन्हें कृमि नियंत्रण की दवा न खिलायें : मुख्य चिकित्सा अधिकारी
आकाश ज्ञान वाटिका, 1 अप्रैल 2023, शनिवार, देहरादून। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 17 अप्रैल 2023 को 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को अल्बेंडाजोल दवा दिए जाने आदि तैयारियों के संबंध में जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि स्कूल, आँगनबाड़ी केन्द्र एवं अन्य शैक्षिक संस्थानों में बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को दवाई उपलब्ध करवाने हेतु पल्स पोलियो की तर्ज पर माइक्रो प्लान बनाते हुए दवाईयाँ दी जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि जनपद में कोई भी बच्चा, किशोर/किशोरी दवाई खाने से वंचित न रहे, इसके लिए जो बच्चे झुग्गी-झोपड़ी एवं बस्तियों में निवासरत हैं, उन बच्चों एवं किशोर/किशारियों को दवाई दी जाए। उन्होंने कार्यक्रम का वृहद्ध स्तर पर प्रचार-प्रसार करने तथा जनमानस को जागरूकता लाने तथा माता-पिता को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रो में बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को अल्बेंडाजोल की टेबलेट खिलाई जाएगी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जो बच्चे और किशोर जो स्कूल नहीं जाते हैं उन पर भी विशेष फोकस किया जाएगा। उन्होंने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि कृमि के लक्षण के प्रति माता-पिता को जागरूक करते हुए बतायें कि पेट में कृमि होने के कई तरह के समस्या हो सकती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ० संजय जैन ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 17 अप्रैल को स्कूलों, आँगनबाड़ी केन्द्रों, शैक्षिक संस्थानों में 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों, किशोर एवं किशोरियों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। आयोजन के दौरान छूटे हुए बच्चों को 20 अप्रैल को माॅपअपडे (सुरक्षित दिवस) के दिन टेबलेट खिलाई जाएगी। आँगनबाड़ी केंद्र और स्कूल में एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि की दवा देने का लक्ष्य है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यह दवा सुरक्षित है। मिट्टी, पानी और वातावरण के कारण बच्चे और बड़े दोनों में कृमि हो सकता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जो बच्चे बीमार है या कोई अन्य दवा ले रहे है उन्हें कृमि नियंत्रण की दवा न खिलायें। बच्चों को पानी से दवाई निगलने के लिए न कहें, दवाई घर ले जाने न दें, बच्चों को जबरदस्ती दवाई न खिलायें। उन्होंने बताया कि 01 से 2 वर्ष के बच्चों को आधी गोली दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूरा करें और पीने के पानी में मिलाकर पिलायें, 2 से 3 वर्ष के बच्चों को एक पूरी गोली को दो चम्मच के बीच रखकर पूरी तरह चूरा करें और पीने के पानी में मिलाकर ही पिलायें, 3 वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को एक पूरी गोली खिलाएं हमेशा दवाई को चबाकर खाने की सलाह दें। यह दवा मुफ्त दी जाएगी।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ० संजय जैन, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ० निधि, डाॅ० प्रियंका सिंह, डाॅ० गरिमा भट्ट, डाॅ० प्रियंका गुसांई रावत, डाॅ० शिखा कंडवाल, डाॅ० विक्रम सिंह, डाॅ० सीएस पाठक, डाॅ० प्रदीप उनियाल, डाॅ० प्रताप सिंह रावत, डाॅ० विजय नैथानी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।