भड़काऊ संदेश पोस्ट करने के मामले में ओवैसी पर FIR दर्ज, विरोध कर रहे 30 AIMIM कार्यकर्ताओं को किया गया गिरफ्तार
आकाश ज्ञान वाटिका, 10 जून 2022, शुक्रवार, लखनऊ। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भड़काऊ बयान देने के चलते गुरुवार, 9 जून 2022 को एफआइआर दर्ज की गयी थी। विभाजनकारी आधार पर लोगों को उकसाने वाले संदेश पोस्ट करने के मामले में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने का विरोध करना AMIMIM कार्यकर्ताओं को भारी पड़ गया है। ओवैसी पर दर्ज एफआइआर का विरोध कर रहे 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी कार्यकर्ता संसद मार्ग थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महिला सहित कुल 33 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और सरकारी काम में बाधा डालने के चलते उनकी गिरफ्तारी की गई है।
विदित रहे कि भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के चलते सारा विवाद शुरू हुआ था। गौरतलब है कि एक वायरल वीडियों में यह दावा किया गया था कि नूपुर ने ज्ञानवापी मस्जिद पर एक डीबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की। इसके बाद ओवैसी पर नूपुर के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा था। इसी विवादित बयान के चलते भाजपा ने नूपुर को प्रवक्ता के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। दिल्ली पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देने को लेकर सख्ती दिखाई जा रही है। इसी के चलते पुलिस ने कल कई लोगों पर एफआइआर की थी। गोरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने के बाद नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसी के साथ मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, शादाब चौहान, अनिल कुमार मीणा, सबा नकवी, गुलजार अंसारी और पूजा शकुन पर भी एफआइआर की गई थी।
दिल्ली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कल गुरुवार, 9 जून 2022 को ही आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भड़काऊ बयान देने के चलते एफआइआर की थी। उन पर शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट करने का आरोप है।
मुझे नहीं पता कि मेरी किस विशिष्ट टिप्पणी को लेकर यह कार्रवाई की गई है : ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी पर एफआइआर के बाद उनका बयान भी सामने आया। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि ‘यह पहली प्राथमिकी है जिसमें यह स्पष्ट नहीं है कि मेरा अपराध क्या है।’ उन्होंने कहा कि एक हत्या के बारे में ऐसी प्राथमिकी की कल्पना करें जहाँ पुलिस हथियार का उल्लेख नहीं करती है। मुझे नहीं पता कि मेरी किस विशिष्ट टिप्पणी को लेकर यह कार्रवाई की गई है।