टाउते के बाद अब ‘यास’ तूफान का खतरा, 5 राज्यों में हाईअलर्ट, हवा की रफ्तार 155 से 165 किमी प्रति घंटा
आकाश ज्ञान वाटिका, 24 मई 2021, सोमवार, नई दिल्ली। पिछले दिनों अरब सागर में उठे टाउते चक्रवाती तूफान के बाद अब बंगाल की खाड़ी में बन रहे यास तूफान को लेकर तटवर्तीय राज्यों की चिंता बढ़ गई है। इसको देखते हुए सभी एहतियाती कदमों को भी उठाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम समेत जरूरी उपकरणों को समय रहते तटवर्तीय राज्यों में पहुंचाया जा रहा है। एहतियातन कुछ ट्रेनों को भी फिलहाल रद कर दिया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक यास तूफान का पश्चिमी बंगाल समेत पांच राज्यों में खतरा मंडरा रहा है। आपको बता दें कि एक सप्ताह पहले आए टाक्टे ने भी दक्षिण-पश्चिम भारत के पांच राज्यों में काफी नुकसान पहुंचाया था। मौसम विभाग का कहना है कि यास तूफान से 155-165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। इसका सबसे अधिक असर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में देखा जाएगा।
मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र अब दबाव वाले क्षेत्र में बदल गया है। ओडिशा के मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि दबाव वाले क्षेत्र के उत्तर-उत्तर पश्चिम की और बढ़ने तथा 24 मई की सुबह तक चक्रवाती तूफान और इसके अगले 24 घंटों में गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। ये उत्तर-उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ता रहेगा और मजबूत भी होता रहेगा। इसके 26 मई की सुबह तक पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तट के पास पहुंचने की आशंका है। 26 मई को इसके पारादीप को पार करने की आशंका है। इससे निपटने की तैयारी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उच्चस्तरीय बैठक की है और स्थिति का जायजा लिया है।
इस तूफान को देखते हुए आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु और अंडमान निकोबार में हाईअलर्ट है। इसकी वजह से अंडमान निकोबार के पूर्वी तट के कई इलाकों में तेज बारिश होने की संभावना है। इसके बाद यहां पर खतरा बढ़ने की भी आशंका जताई गई है। यास तूफान को देखते हुए केंद्र और राज्यों ने कमर कस ली है। ओडिशा में एनडीआरएफ की 22, अग्निशमन दल की 177 टीम के साथ ओडीआरएफ की करीब 66 टीमों को तैनात किया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल के तटवर्तीय इलाकों पर यास तूफान के खतरे को देखते हुए नौसेना, वायुसेना और थल सेना को हाईअलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा यहां पर कोस्टगार्ड, डिजास्टर रिलीफ टीम, लाइफबॉय और लाइफ जैकेट के अलावा डॉक्टरों की टीम को भी स्टेंडबाय पर रखा गया है। तटवर्तीय राज्यों खासतौर पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में मछुआरों को समूद्र में न जाने की हिदायत दी गई है। साथ ही उन्हें तट से दूर रहने को भी कहा गया है।