Breaking News :
>>बालों में नींबू लगाने के होते है कई नुकसान, आइए जानते है इसके इस्तेमाल का सही तरीका>>प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य के विकास में हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी – मुख्यमंत्री धामी >>उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 30 हजार 400 स्वयंसेवकों का पंजीकरण, आज अंतिम तारीख>>अवैध स्मैक के साथ महिला तस्कर गिरफ्तार>>मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री को उत्तराखंड में होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया>>कारोबारी सप्ताह के दूसरे दिन हरे निशान पर खुला शेयर बाजार>>पेपर लीक मामले में निलंबित चल रहे संतोष बडोनी को शासन ने किया बहाल>>सीएम धामी ने केंद्रीय खेल मंत्री को राष्ट्रीय खेलों की तैयारी का दिया अपडेट>>राज्य सरकार ने सी ग्रेड माल्टा और पहाड़ी नींबू (गलगल) का न्यूनतम समर्थन मूल्य किया घोषित>>टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ की कम होती टीआरपी पर प्रोड्यूसर राजन शाही ने रखी अपनी बात>>निकाय चुनाव- देहरादून सिटिजन्स फोरम ने जारी किया ग्रीन एजेंडा>>नशे और पर्यावरण के मुद्दे पर सक्रिय होंगे जन संगठन>>राष्ट्रीय खेल- पांडवाज बैंड ने तैयार किया मोटिवेशनल साॅंग ‘हल्ला धूम धड़क्का’>>भारत निर्वाचन आयोग ने किया नई मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन>>दरियादिली और नेकी के जरिए गरीबों के मसीहा बन चुके सोनू सूद की फिल्म ‘फतेह’ का दूसरा ट्रेलर जारी >>सूचना आयुक्त विपिन चन्द्र को मुख्य सूचना आयुक्त का प्रभार मिला>>कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भाजपा प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालयों का किया शुभारम्भ >> माता-पिता से संपत्ति लेने के बाद उन्हें ठुकराने वालों को चुकानी होगी बड़ी कीमत, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला >>सीएम धामी ने पीएम मोदी को राष्ट्रीय खेल आयोजन में आने का दिया निमंत्रण >>दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को प्रयागराज में डुबकी लगाने के लिए मिलेगा भरपूर जल 
देशविज्ञान एवं प्राद्यौगिकी

2 सितंबर को किया जाएगा आदित्य-L1 का प्रक्षेपण, तारों के अध्ययन में करेगा मदद

आकाश ज्ञान वाटिका, 28 अगस्त 2023, सोमवार, बेंगलुरु। सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला आदित्य-L1 का प्रक्षेपण 2 सितंबर को किया जाएगा। ISRO ने बताया कि इसके लिए सुबह 11:50 बजे का समय तय किया गया है। श्रीहरिकोटा से इसका प्रक्षेपण किया जाएगा। भारत का आदित्य एल-1 अभियान सूर्य की अदृश्य किरणों और सौर विस्फोट से निकली ऊर्जा के रहस्य सुलझाएगा। इसरो के मुताबिक, सूर्य हमारे सबसे करीब मौजूद तारा है। यह तारों के अध्ययन में हमारी सबसे ज्यादा मदद कर सकता है। इससे मिली जानकारियां दूसरे तारों, हमारी आकाश गंगा और खगोल विज्ञान के कई रहस्य और नियम समझने में मदद करेंगी। हमारी पृथ्वी से सूर्य करीब 15 करोड़ किमी दूर है। आदित्य एल1 वैसे तो इस दूरी का महज एक प्रतिशत ही तय कर रहा है, लेकिन इतनी सी दूरी तय करके भी यह सूर्य के बारे में हमें ऐसी कई जानकारियां देगा, जो पृथ्वी से पता करना संभव नहीं होता।

अपने केंद्रीय क्षेत्र में 1.5 करोड़ डिग्री व सतह पर 5,500 डिग्री सेल्सियस तापमान रखने वाले सूर्य पर भौतिक रूप से मिशन भेजना संभव नहीं है। अत्यधिक तापमान के कारण इसमें लगातार नाभिकीय संलयन (हल्के नाभिकों का आपस में जुड़ भारी तत्व का नाभिक बनाना) होता है। यही प्रकाश व ऊर्जा के रूप में हमारी पृथ्वी तक पहुंचता है। भारत का पहला सूर्य मिशन सूर्य के इसी कोरोना के पर्यवेक्षण के मुख्य लक्ष्य के साथ रवाना किया जा रहा है। इस अभियान को अंतरिक्ष आधारित पर्यवेक्षण श्रेणी में रखा है।

सात उपकरण लगाए जाएंगे

  • विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी): भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (बेंगलुरु) ने बनाया। यह सूर्य के कोरोना और उत्सर्जन में बदलावों का अध्ययन करेगा।
  • सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (सूट): खगोल विज्ञान व खगोल भौतिकी अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र (पुणे) ने बनाया। यह सूर्य के फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर की तस्वीरें लेगा। यह निकट-पराबैंगनी श्रेणी की तस्वीरें होंगी, यह रोशनी लगभग अदृश्य होती है।
  • सोलेक्स और हेल1ओएस: सोलर लो-एनर्जी एक्स रे स्पेक्ट्रोमीटर (सोलेक्स) और हाई-एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स रे स्पेक्ट्रोमीटर (हेल1ओएस) बंगलूरू स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर ने बनाए। इनका काम सूर्य एक्सरे का अध्ययन है।
  • एसपेक्स और पापा: भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (अहमदाबाद) ने आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (एसपेक्स) और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (तिरुवनंतपुरम) ने प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (पापा) बनाया है। इनका काम सौर पवन का अध्ययन और ऊर्जा के वितरण को समझना है।
  • मैग्नेटोमीटर (मैग): इलेक्ट्रो ऑप्टिक्स सिस्टम्स प्रयोगशाला (बेंगलुरु) ने बनाया। यह एल1 कक्षा के आसपास अंतर-ग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!