Breaking News :
>>आज दिल्ली में 30 फुट की रोड से गुजरेगा प्रधानमंत्री मोदी का काफिला>>सड़क कबट्रैफिक काॅरिडोर में लगेंगे बांस के पौधे>>आधुनिकता के अनेक सार्थक पक्ष भी हैं जो समाज को बेहतर बनाते हैं>>सीएम धामी ने सिद्धपीठ माँ सुरकण्डा मन्दिर के किये दर्शन>>सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार होंगी वनाग्नि सत्र से पहले>>दून समेत कई मैदानी इलाकों में कोहरे के साथ हो रही दिन की शुरुआत, हवाई यातायात हो रहा प्रभावित>>‘कन्नप्पा’ से मोहनलाल का फस्र्ट लुक पोस्टर जारी, विष्णु मांचू ने उठाया अभिनेता के किरदार से पर्दा>>प्रधानमंत्री मोदी कल दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे का करेंगे शुभारंभ>>दर्दनाक सड़क हादसे में हरियाणा के चार युवकों की हुई मौत, एक गंभीर रुप से घायल >>बाहर निकलती तोंद को स्लिम-ट्रिम बनाने के लिए खाना शुरू करें ये सफेद चीज, महीनेभर में दिखेगा असर>>नए साल के स्वागत में प्रदेशवासी जाम छलकाने में नहीं रहे पीछे, 37 हजार से अधिक अंग्रेजी शराब की पेटियां बेची गई>>स्थानीय निकाय चुनाव में 202 नामांकन पत्र निरस्त>>दक्षेस से भारत को सतर्क रहने की जरूरत>>नये साल में उत्तराखण्ड को मजबूत संकल्प के साथ आगे ले जाएंगे- सीएम>>राष्ट्रीय खेल- वाॅलंटियर रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 30 हजार तक पहुंचा>>उत्तराखण्ड सरकार व भारत- तिब्बत सीमा पुलिस बल के बीच करार>>नये वर्ष में और अधिक लगन एवं जोश से करें कार्य – मुख्य सचिव>>‘सिकंदर’ करेगी बॉक्स ऑफिस पर धमाका, हिंदी में 5 हजार स्क्रीन पर रिलीज होगी सलमान की फिल्म, टीजर हुआ हिट>>आपातकालीन सेवा में मरीज को 10 मिनट के अंदर मिलेगा इलाज -डॉ आर राजेश कुमार>>उत्तराखण्ड की विकास यात्रा में कई नए आयाम स्थापित- सीएम धामी 
Articles

बिजली चोरी या फिर अवैध निर्माण जवाबदेही तय हो

रोहित कौशिक
इस समय उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर बिजली विभाग किसी भी रूप से बिजली चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। अतिक्रमण करने और अवैध कब्जा करने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई कर अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। निश्चित रूप से समाज में संदेश जाना चाहिए कि जो भी गलत काम करेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसा संदेश जाएगा तो लोग अवैध काम करने से डरेंगे और बेहतर व्यवस्था और अच्छा समाज बनाने में मदद मिलेगी। लेकिन क्या ऐसी कार्रवाई करने की बात इतनी सरल है?

अनेक लोग इस तरह की कार्रवाई को गलत बता रहेैहैं। कुछ लोगों का आरोप है कि राजनीतिक द्वेष के कारण भी इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। सवाल यह है कि क्या नियमित रूप से इस तरह की कार्रवाई की जाती है? क्या नियमित रूप से देखा जाता है कि कहां बिजली चोरी हो रही है, और कहां लोगों ने अवैध रूप से मकान बनाए हुए हैं, या कब्जे किए हुए हैं? हो सकता है कि अपवाद के तौर पर कहीं ऐसा होता हो लेकिन सामान्य तौर पर ऐसा नहीं होता। ज्यादातर मामलों में इस तरह की कार्रवाई किसी शिकायत या फिर अन्य कारणों से होती है।

सवाल है कि सामान्य तौर पर ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं होती? सामान्य तौर पर संबंधित कर्मचारी और अधिकारी क्या कर रहे होते हैं? कई मामलों में कर्मचारी और अधिकारी रित लेकर चुप हो जाते हैं, और अवैध काम की तरफ से मुंह मोड़ लेते हैं।  निश्चित रूप से भारत लगातार विकास की राह पर अग्रसर है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि देश में रित का खात्मा  नहीं हो सका है। भरे बाजार में बिना नक्शा पास हुए बड़ी-बड़ी बिल्डिंग कैसे बन जाती हैं? किसी सुनसान जगह पर ऐसी बिल्डिंग बने तो बात समझ में आती है कि उस बिल्डिंग पर किसी अधिकारी की नजर नहीं पड़ी होगी। लेकिन ऐसे मुख्य बाजार और ऐसी मुख्य सडक़, जहां से अधिकारी रोज गुजरते हैं, पर भी अवैध निर्माण धड़ल्ले से होते हैं।

समझ से परे है कि ऐसे निर्माण पर अधिकारियों का ध्यान क्यों नहीं जाता। जब ऐसी अवैध इमारतों में कोई हादसा हो जाता है, या इनकी शिकायत की जाती है तो अधिकारी तुरंत हरकत में जा जाते हैं। विपक्ष से जुड़े नेता की बिल्डिंग पर कार्रवाई होने में देर नहीं लगती। इसका सीधा सा अर्थ है कि संबंधित विभाग के कर्मचारी और अधिकारी जानबूझ कर अवैध निर्माण को प्रश्रय देते हैं, और जब अवैध निर्माण हो जाते हैं तो उन्हें ध्वस्त करने का डर दिखा कर उगाही की जाती है। आम तौर पर अवैध इमारतों के मालिकों को पहले नोटिस दिया जाता है। नोटिस देने के बाद ही अवैध निर्माण  को ध्वस्त किया जाता है।

लेकिन अक्सर नोटिस देने की प्रक्रिया में भी धांधली होती देखी गई है। कई लोगों ने आरोप लगाए हैं कि इमारत गिराने से पहले उन्हें नोटिस नहीं दिया गया। किसी भी रूप से बिजली की चोरी की जाएगी या फिर अवैध निर्माण किए जाएंगे तो इसका असर समाज और अंतत: देश पर ही पड़ेगा। ज्यों-ज्यों देश विकसित हो रहा है, त्यों-त्यों देश में बिजली की खपत भी बढ़ रही है। हालांकि पहले की अपेक्षा देश में बिजली उत्पादन बढ़ा है, लेकिन किसी भी तरह से बिजली चोरी होती है तो इसका असर बिजली की कुल क्षमता पर पड़ता है। भले सरकार बिजली निर्माण के लिए कितने भी नये बिजलीघर लगा ले लेकिन बड़े पैमाने पर हो रही बिजली चोरी नहीं रोकी गई तो इन बिजलीघरों का पूरा लाभ देश को नहीं मिल पाएगा। ऐसा नहीं है कि गरीबी के कारण ही लोग बिजली चोरी करते हैं, बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां भी बिजली चोरी करती पकड़ी जाती हैं।

पहले से ज्यादा शिक्षित समाज के कुछ लोगों को अवैध काम करने में न ही शर्म आती है, और न किसी तरह का डर होता है। अवैध काम करने के पीछे सारा दोष हमारी मानसिकता का है। इसी मानसिकता के चलते पहले हम गलत काम करते हैं, और बाद में रित देकर गलत काम को वैधता प्रदान करने की कोशिश करते हैं। कोढ़ में खाज यह कि प्रशासन और संबंधित कार्यालय पहले हाथ पर हाथ रख कर बैठा रहता है, और बाद में खुद को ईमानदार साबित करने की कोशिश करता है।

यही कारण है कि इस सारी व्यवस्था में दोनों पक्ष यानी जिन पर कार्रवाई होती है, और जो कार्रवाई करते हैं, कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के सागर में गोते लगाते नजर आते हैं। दुर्भाग्यपूर्ण यह कि बिजली चोरी  और अवैध निर्माण करने वालों पर तो कार्रवाई हो जाती है, लेकिन संबंधित विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। बेहतर तो यह होगा कि ऐसे मामलों में विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की भी जवाबदेही तय हो। उनसे पूछा जाए कि जब इस तरह के अवैध काम हो रहे थे तो वे कहां थे। निश्चित रूप से इस प्रक्रिया से एक बेहतर व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!