मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘रिस्पना नदी के पुनर्जीवन’ को धरातल पर उतारने हेतु होगा संयुक्त प्रयास
आकाश ज्ञान वाटिका, 22 दिसम्बर 2020, मंगलवार, देहरादून। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘रिस्पना नदी के पुनर्जीवन’ को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है। इस संबंध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर संयुक्त प्रयास करने पर बल दिया। सोमवार शाम को कलक्ट्रेट के ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने एमडीडीए व पेयजल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि रिस्पना के इर्द-गिर्द सीवरेज संबंधी प्रोजेक्ट का सर्वे किया जाए। देखा जाए कि किन स्थानों पर गंदगी नदी में गिर रही है और और गंदे नालों/नालियों को किस परियोजना के माध्यम से टैप किया जा सकता है।
नदी की सूरत संवारने के लिए उन्होंने रिस्पना नदी पुनर्जीवन व नमामि गंगे की बैठक एक साथ आयोजित करने के निर्देश दिए। ताकि नदी के पुनर्जीवन की राह आसान हो सके। इसके अलावा उन्होंने कहा कि रिस्पना नदी किनारे की बस्तियों में पर्याप्त संख्या में कूड़ेदान रखे जाएं। साथ ही नागरिकों को प्रेरित किया जाए कि वह कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान, प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी कहकशां नसीम, अपर नगर आयुक्त मोहन बर्निया, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल आदि उपस्थित रहे।
बैठक में जिलाधिकारी ने नगर निगम, एमडीडीए पेयजल निगम, सिंचाई विभाग, जल संस्थान को निर्देश दिए कि वह रिस्पना नदी की सूरत संवारने के लिए अपने-अपने स्तर पर एक्शन प्लान तैयार करें। ताकि एक बेहतर परियोजना का खाका स्पष्ट हो सके।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने इस वर्ष मानसून सीजन में रोपे गए तीन लाख पौधों पर भी अपडेट मांगा। उन्होंने कहा कि कितने पौधे जीवित हैं, इस बात की जानकारी सामने आनी चाहिए।
रिस्पना नदी के पुनर्जीवन के लिए सोसायटी का गठन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि साझा प्रयास से ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की इस अति महत्वकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतारा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने रिस्पना नदी के उद्गम क्षेत्रों जैसे-ऋषिपर्णा आदि स्थलों पर बांध बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऊपरी क्षेत्रों में जो जलस्रोत हैं, उन्हें रीचार्ज करने की दिशा में भी काम करने की जरूरत है।