मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कार्यों की समीक्षा बैठक ली
देहरादून। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने शनिवार को सचिवालय में शासन के वरिश्ठ अधिकारियों, विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर आपदा से हुए नुकसान व राहत कार्यों की जानकारी ली। पांच जिलों रूद्रप्रयाग, उŸारकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ व बागेश्वर के जिलाधिकारियों से भी वीडियो कान्फें्रसिंग के माध्यम से राहत कार्यों की समीक्षा की। आपदा से हुए नुकसान की जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र से सहायता की मांग वास्तविकता के अनुरूप हो। राज्य में दैवीय आपदा से वास्तव में जो हानि हुई है, उसका आंकलन कर विवरण सोमवार तक प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। मुख्यमंत्री ने जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचे, इसके सख्त निर्देश दिए। चारधाम व हेमकुण्ड साहिब के लिए वैकल्पिक मार्ग की योजना बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड की सहायता के लिए तत्पर है। सम्पर्क से कटे गांवों तक राशन निशुल्क पहुंचाना सुनिश्चित किया जाय। मृत एवं लापता व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक सहायता शीघ्र प्रदान की जाय। रूद्रप्रयाग, उŸारकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ व बागेश्वर के जिलाधिकारियों के साथ वीडि़यों कांफ्रेंसिंग द्वारा राहत कार्यो की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी आवश्यकता होने पर सेवानिवृत्त पटवारी, कानूनगो व नायब तहसीलदार को संविदा के आधार पर 28 फरवरी तक रख सकते हैं। इससे राहत पहुंचाने के काम में तेजी आयेगी। मुख्यमंत्री ने सम्पर्क से कटे गांवों में निशुल्क खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इन गांवों में राशन पहुंचाने की लागत जिला प्रशासन द्वारा वहन की जाय। मुख्यमंत्री ने लापता व मृत व्यक्तियों की पत्नियों को 25 हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता सीएम राहत कोश से देने को कहा। जिन गांवों में बिजली बहाल नहीं हो पायी है, वहां सोलर लाईटें तत्काल वितरित की जाय। जानकारी दी गई की मुआवजा वितरण का कार्य लगभग पूरा किया जा चुका है। सड़कें, पेयजल, बिजली व अन्य सुविधाएं पुनः बहाल करने काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। बैठक में मुख्य सचिव सुभाश कुमार, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, एफआरडीसी बी.पी. पाण्डेय, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, डाॅ. उमाकांत पंवार, ओम प्रकाश सहित अन्य वरिश्ठ अधिकारी उपस्थित थे।