Breaking News :
>>सीएम धामी ने पीएम जनमन योजना के लाभार्थियों को प्रदान किए प्रमाण पत्र>>पीएम स्वनिधि योजना में उत्तराखंड ने हासिल किया शत – प्रतिशत लक्ष्य>>देश तभी सही मायने में विकसित होगा जब विकास की मुख्यधारा में होंगे आदिवासी समुदाय- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू >>कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आज हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, मां गंगा को नमन कर लगाई आस्था की डुबकी>>उत्तराखंड पीसीएस मुख्य परीक्षा स्थगित, आयोग ने जारी की सूचना>>पेड़-पौधे लगाते समय हो जाएं सावधान, नहीं तो बढ़ सकता है इन 6 बीमारियों का खतरा>>कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने केदारनाथ उपचुनाव में तेज किया प्रचार, कांग्रेस पर किए तीखे हमले>>दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए GRAP-3 लागू, आज से कई गतिविधियों पर प्रतिबंध>>श्रीनगर बैकुंठ चतुर्दशी मेला राज्य की अनमोल धरोहर- मुख्यमंत्री>>दशकों से अमेरिका और वैश्वीकरण एक-दूसरे का पर्याय>>सरकार होम स्टे योजना को बढ़ावा देकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ रही है- महाराज>>सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून आपदा प्रभावितों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध- ललित जोशी>>मुख्यमंत्री धामी ने जौलजीबी मेला-2024 का किया शुभारंभ>>मुख्य सचिव ने की स्मार्ट मीटरिंग के कार्यों की समीक्षा >>टीरा’ ने जियो वर्ल्ड प्लाजा में लॉन्च किया लग्जरी ब्यूटी स्टोर>>फिल्म स्टार मनोज बाजपेई को जमीन खरीदवाने के लिए ताक पर रख दिए गए नियम- कायदे >>सुबह उठने पर महसूस होती है थकान? ऊर्जा के लिए खाएं ये 5 खाद्य पदार्थ>>बिना सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नजर आई गहमागहमी>>तीसरे टी20 मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 11 रनों से हराया, सीरीज में 2-1 की बनाई बढ़त>>पराजय को सामने देख अब प्रपंच रच रही है कांग्रेस, जनता देख रही है इनकी कुटिलता और झूठे पैंतरे – रेखा आर्या
देशधार्मिकशैक्षिक गतिविधियाँसामाजिकसामाजिक गतिविधियाँसुर्खियाँ

स्वच्छ व शिक्षित समाज के निर्माता शिक्षकों (गुरुजनों) के सम्मान का प्रतीक “शिक्षक दिवस”

स्वच्छ व शिक्षित समाज के निर्माता शिक्षकों (गुरुजनों) के सम्मान का प्रतीक

“शिक्षक दिवस”

की हार्दिक शुभ कामनायें।” 

आइये हम सब मिलकर एक स्वच्छ, शिक्षित व सुसंस्कृत समाज के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाकर, राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करें।                                                                                                                                        ——  जय हिन्द

भारतवर्ष में प्रति वर्ष, 5 सिंतबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है । शिक्षक हमारे जीवन को सफल बनाने तथा उसको आवश्यकतानुसार तराशने में जो भूमिका निभाते हैं उसकी तुलना या बराबरी किसी से भी नहीं की जा सकता है। शिक्षक दिवस के मौके पर हम शिक्षकों द्वारा किए गए इन्हीं नेक कार्यों के लिए उनके (गुरुजनों) के प्रति आभार प्रकट करते हैं व सम्मान जताते हैं। बच्चे शिक्षकों को उपहार देने के साथ-साथ उनके चरणों में शीश झुकाते/नवाते हैं। यह दिन गुरु और शिष्य के बीच बने संबंध को गहराई से महसूस करने और गुरुओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक सुनहरा अवसर/पर्व है। भारतवर्ष अपनी अनुपम संस्कृति के लिए सम्पूर्ण विश्व में जाना जाता है । भारतीय संस्कृति में शिक्षक को भगवान से भी ऊपर माना जाता है। भारतवर्ष में शिक्षकों को ब्रह्मा-विष्णु-महेश अर्थात ईश्वर का स्वरूप माना जाता है । कबीरदास के अनुसार, ‘भगवान के रूठ जाने पर गुरू के पास जाया जा सकता है लेकिन अगर गुरू ही रूठ जाते हैं तो इंसान का इस संसार में कोई ठौर(जगह) नहीं होता। 
भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत 1962 में हुई थी। 5 सितंबर को हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। डाॅ राधाकृष्णन का नाम भारत ही नहीं दुनिया भर के महान दार्शनिकों तथा शिक्षाविदों में लिया जाता है। एक बार उनके कुछ शिष्यों ने उनका जन्मदिन मनाने का निश्चय किया। इस बारे में वे जब उनसे अनुमति लेने गए तो उन्होंने कहा कि मेरे जन्मदिन को अलग से मनाए जाने के बजाय अगर इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व महसूस होगा। इसी के बाद से पूरे देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। पहली बार 1962 में शिक्षक दिवस मनाया गया था। महान दार्शनिक और शिक्षाविद डॉ. राधाकृष्णन के इस विचार से विदित होता है कि उनके मन में शिक्षक समुदाय के प्रति अत्यधिक सम्मान था।
शिक्षक अपने ज्ञान तथा अनुभव के आधार पर समाज तथा देश की बौद्धिक चेतना को विकसित करने में अपना उच्च व निःस्वार्थ योगदान देते हैं। शिक्षा के प्रचार व प्रसार के माध्यम से शिक्षक, मानव व मानवता के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाकर एव स्वच्छ व विकसित समाज की स्थापना करता है। ऐसे में न सिर्फ छात्र बल्कि सारा समाज तथा सारा देश भी शिक्षक के प्रति कृतज्ञ भाव रखता है। शिक्षक दिवस ऐसे ही शिक्षकों के सम्मान करने का दिन होता है। इस दिन सारा देश ज्ञान के दीप जलाकर प्रकाश करने वाले गुरूजनों को धन्यवाद ज्ञापित कर उन्हें सम्मानित करता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुछ अनमोल :
* “पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।”
** “केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है। स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है।”
*** “आध्यात्मक जीवन भारत की प्रतिभा है।”

शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर आप सभी को सस्नेह हार्दिक शुभ कामनायें तथा स्वच्छ व शिक्षित समाज के निर्माता समस्त गुरुजनों को कोटि-कोटि नमन।

Loading

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!