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समाज में बढ़ रहे अपराधों का मुख्य कारण है – नशा

नशा एक अभिशाप है – आइये हम सब मिलकर नशे के खिलाफ एक सामुहिक अभियान चलायें 

 

नशा चाहे कैसा भी क्यों न हो, वह एक प्रकार की सामाजिक बुराईयों में गिना जाता है और इसका समापन करने के लिये समाज को ही आगे आना होगा। समाज के जागने पर ही इस नशे के फैलते कारोबार को समाप्त किया जा सकता है। नशा एक अभिशाप है । यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है । नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तम्‍बाकु और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम) सहित चरस, स्मैक, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे घातक मादक दवाओं और पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है । इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता ही है साथ ही स्‍वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचाता है । समाज में पनप रहे विभिन्न प्रकार के अपराधों का एक कारण नशा भी है ।भारत के तमाम प्रदेशों में आज के समय में नशा बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। यह हमारे देश के लिये यह एक गम्भीर चिंता का विषय है। भारत में दिल्ली, हिमांचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखण्ड आदि राज्यों में नशे के सौदागरों ने अपना जाल बिछा रखा है। ये नशे के सौदागर ज्यादातर अपने आगोश में युवाओं को ले रहे हैं। ये एक-दो बार मुफ्त में नशे के इंजेक्शन आदि बच्चों को देकर उनमें इसकी लत लगा देते हैं और बाद में उन्हीं बच्चों से अत्यधिक धन कमाते हैं। हिमांचल प्रदेश व उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश में नशे का कारोबार जोरों से चल रहा है और इससे सभी लोग चिंतित हैं। जो माता-पिता दिनभर मेहनत कर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देना चाहते हैं, उनमें से कई बच्चे आज नशे के चंगुल में फंसते दिखाई देते हैं।

आज हमारे देश में सिर्फ बडे ही नहीं, बल्कि बच्चे भी नशे की लत में ज्यादा फंसते जा रहे हैं, जिससे कई परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। आम तौर पर देखा गया है टी-स्टॉलों पर सिर्फ चाय या समोसे आदि मिलते हैं, लेकिन कुछ टिया स्टाल व ढाबे में उनकी ही आड़ में नशे का कारोबार भी बड़ी ही होशियारी से किया जा रहा है। चरस व अन्य नशीले पदार्थ हर जगहों पर आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि देश के कई शहरों में युवा बड़ी तादाद में नशे के अधीन हो चुका है। पुलिस कई बार नशे के खिलाफ अभियान तो चलाती है, लेकिन ज्यादातर हाथ में आने वाली छोटी मछलियॉ ही होती है। नशा माफियों पर शिकंजा कसने के लिये पुलिस व आम जनता को मिलकर काम करना होगा, ताकि हमारे भविष्य के समाज का निर्माण करने वाले बच्चे अपने रास्ते से भटक न सकें।
आज हमारे देश का युवा नशे के अधीन ऐसे हो चुका है कि वह अपने नशे की आदत को पूर्ण करने के लिये कुछ भी कर सकता है और वह थोड़े से पैसे के लिये किसी भी प्रकार की घटना को अंजाम दे सकता है या फिर चोरी, लूट-पाट आदि घटनाओं को अंजाम दे देता है। यह सब उन नशा माफियाओं के कारण ही हमारे देश में हो रहा है। ऐसे लोगों को सजा दिलाने का जितना दायित्व पुलिस का होता है, उतना ही आम आदमी का भी होता है। इसलिये हमें हमेशा ऐसी बुराई को देश से दूर करने के लिये अपने स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि हमारे देश में किसी भी प्रकार की बुराई अपने पैर न पसार सके। इस कार्य में हम लोगों को शासन-प्रशासन का सहयोग करना होगा, तथा कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर इस अभियान को चलाना होगा तभी जाकर देश से इस नशा रूपी खतरनाक जहर को समाप्त किया जा सकता है।
नशा करने वाले व नशे के धन्धे में लिप्त लोग, इस अनैतिक कार्य को अनजाम देने के लिए विरान पड़े खण्डहरों व सुनसान जगहों का सहारा लेते हैं। इसलिए पुलिस प्रशासन के साथ साथ समस्त क्षेत्रवासियों को चाहिए कि ऐसी जगहों पर होने वाली इन असामाजिक गतिविधियों पर नजर रखी जायें तथा इन गतिविधियों में लिप्त असामाजिक तत्वों को कठोर से कठोर सजा दी जायें।
नशे के आदि युवाओं को भी समाज की मुख्यधारा में लाने के लिये प्रयास करने होंगे, ताकि समाज से जुड़कर ऐसे युवा नशे की आदत को भूल जायें और देश तथा समाज में अपना स्थान बना सकें। नशा जो व्यक्ति करता है, वह उसी के लिये नहीं, बल्कि उसके आस-पास बैठे लोगों, उसके परिवार तथा दोस्तों के साथ साथ समाज व देश के लिए लिये भी खतरनाक साबित होता है, इसलिये समाज व देश के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिये हमें ऐसे युवाओं को पथ पर लाना होगा जो पथ भटक कर इस बुरी आदत की ओर बढ़ चुके हैं, तथा बुरी आदतों के वश में होकर गलत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। नशे से आज कई प्रकार की बीमारियॉ लोगों को हो रही है, जो बीमारी हमारे देश में कभी सुनी भी नहीं जाती थी वह भी यहाँ होने लगी है। इसलिये हम सब मिलकर आज से ही प्रण करते हैं, कि न तो किसी भी प्रकार का व्यसन करेंगे और न ही किसी को करने देंगे, ताकि हमारा देश एक स्वर्णिम देश बन सके। सार्वजनिक स्थानों जैसे पार्क, गली-मुहल्लों की सड़कों, चौराहों व अन्य जगहों पर धूम्रपान से लेकर किसी भी प्रकार के अन्य नशे को अवैध घोषित किया जाना चाहिए।
सार्वजनिक स्थानों पर नशा करना व किसी अन्य व्यक्ति को नशे के लिए प्रेरित करना एक बहुत बड़ा अपराध के साथ साथ पाप भी है। ऐसा व्यक्ति मनुष्य रूप में पशु के सामान है। समाज को ऐसे व्यक्ति का वहिष्कार कर उसे कठोर से कठोर दंड देना चाहिए क्योंकि ऐसा व्यक्ति अपने स्वार्थ, चंद पैसों के लिए किसी एवं अपनी नशे की अंधी भूख मिटने के लिए दूसरों की जिंदगी को नुकसान पहुँचाने में तनिक भी नहीं हिचकिचाते हैं।
आइये हम सब मिलकर नशे के खिलाफ एक सामुहिक अभियान चलायें जिससे कि हमारी भावी पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय होने से बचाया जा सकें।

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Ghanshyam Chandra Joshi

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