वरिष्ठ वकील एवं राजनेता राम जेठमलानी का दुःखद निधन
आकाश ज्ञान वाटिका, देहरादून। आज रविवार, ८ सितम्बर २०१९ को वरिष्ठ वकील एवं राजनेता राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में, लम्बी बीमारी के उपरांत निधनहो गया है। लंबे समय से बीमार थे और लगभग एक हफ्ते से बहुत ज्यादा बीमार थे और अपने बिस्तर से भी नहीं उठ पा रहे थे। बेटे महेश जेठमलानी के अनुसार राम जेठमलानी का अंतिम संस्कार आज शाम लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। आकाश ज्ञान वाटिका परिवार मशहूर वरिष्ठ वकील एवं राजनेता राम जेठमलानी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनि श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
प्रसिद्ध वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया। नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि “राम जेठमलानी जी के निधन से, भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया है। राम जेठमलानी ने न्यायालय और संसद दोनों में समृद्ध योगदान दिया है। वह मजाकिया, साहसी और कभी भी किसी भी विषय पर साहसपूर्वक बोलने से नहीं कतराते थे।” प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी ट्वीट किया, मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे राम जेठमलानी के साथ बातचीत करने के कई अवसर मिले। इन दुखद क्षणों में उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना।
पीएम मोदी ने कहा, “राम जेठमलानी के सबसे अच्छे पहलुओं में से एक उनके मन की बात कहने की क्षमता थी और उन्होंने बिना किसी डर के ऐसा किया। आपातकाल के काले दिनों के दौरान, उनकी स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को याद किया जाएगा। जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था।”
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का जन्म 14 सितम्बर 1923 को ब्रिटिश भारत के शिकारपुर शहर (जो आजकल पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में है) में हुआ था। इनके पिता का नाम भूलचन्द गुरुमुखदास जेठमलानी व माता का नाम पार्वती भूलचन्द था। स्कूली शिक्षा के दौरान दो-दो क्लास एक साल में पास करने के कारण उन्होंने 13 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा कर ली और 17 साल की उम्र में ही एल०एल०बी० की डिग्री प्राप्त कर ली थी। उस समय वकालत की प्रैक्टिस करने के लिये 21 साल की उम्र जरूरी थी मगर जेठमलानी के लिये एक विशेष प्रस्ताव पास करके 18 साल की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत दी गयी। बाद में उन्होंने एस०सी०साहनी लॉ कॉलेज कराची से एल०एल०एम० की डिग्री प्राप्त की।
राम जेठमलानी एक सुप्रसिद्ध भारतीय वकील और राजनीतिज्ञ थे। छठवीं व सातवीं लोक सभा में वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मुंबई से दो बार चुनाव जीते थे। बाद में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में केन्द्रीय कानून मन्त्री व शहरी विकास मन्त्री रहे थे। किसी विवादास्पद बयान के चलते उन्हें जब भाजपा से निकाल दिया था तो उन्होंने वाजपेयी के ही खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट से 2004 का चुनाव लड़ा था किन्तु हार गये। 7 मई 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया था। सन 2010 में उन्हें फिर से भाजपा ने पार्टी में शामिल कर लिया था और राजस्थान से राज्य सभा का सांसद बनाया। फिलहाल वह आरजेडी से राज्यसभा सांसद थे। राम जेठमलानी उच्च प्रोफाइल से सम्बन्धित मामलों के मुकदमे की पैरवी करने के कारण विवादास्पद रहे और उसके लिए उन्हें कई बार कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था। यद्यपि वे उच्चतम न्यायालय के सबसे महँगे वकील थे इसके बावजूद उन्होंने कई मामलों में नि:शुल्क पैरवी की। राम जेठमलानी ने कई मशहूर केस लड़े हैं, इसमें इंदिरा गांधी केस के हत्यारों का केस, डॉन हाजी मस्तान और हर्षद मेहता जैसे केस हैं दिनांक 8 सितम्बर 2019 को उनका निधन हो गया।