मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय युवा चेतना दिवस एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को किया पुरस्कृत
[highlight]नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।[/highlight]
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- “शीघ्र ही राज्य में युवा आयोग का गठन किया जायेगा” : मुख्यमंत्री
- “स्वामी विवेकानन्द जी ने सनातन धर्म की संस्कृति एवं उच्च आदर्शों का परिचय विश्वभर में कराया” : मुख्य सचिव
आकाश ज्ञान वाटिका, २३ जनवरी २०२१, शनिवार, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय युवा चेतना दिवस एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
इस प्रतियोगिता में प्रथम तीन विजेताओं को क्रमशः 1 लाख, 75 हजार एवं 50 हजार रूपये की धनराशि का चेक दिये गये। राज्य स्तर पर निबंध प्रतियोगिता में डी.डब्ल्यू.टी कॉलेज की बीएड की छात्रा सौम्या ने प्रथम, डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र उज्जवल शर्मा ने द्वितीय एवं बाल गंगा महाविद्यालय सैन्दूल कैमर की छात्रा अंजलि मंमगई ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। युवा कल्याण विभाग द्वारा ‘‘नेताजी सुभाष चन्द्र बोस युवाओं की प्रेरणा’’ विषय पर राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें देहरादून के श्री गौतम खट्टर ने प्रथम, अल्मोड़ा की हिमानी दुर्गापाल ने द्वितीय एवं नैनीताल के रोहित सिंह रावत एवं हरिद्वार की कुमारी अक्षी गौड़ ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि शीघ्र ही राज्य में युवा आयोग का गठन किया जायेगा, ताकि हमारे युवा क्या सोचते हैं, अपने लक्ष्यों को पूरा करने की उनकी क्या आकांक्षायें हैं। इसका स्पष्ट रोड मेप तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि आज के युवा हर क्षेत्र में अपडेट हैं, वे अपनी आकांक्षाओं को पूर्ण कर स्वयं के भाग्य विधाता बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जो वीर गाथायें तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है उसे हमारे विश्वविद्यालयों को आगे बढ़ाना होगा ताकि हमारी भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़े तथा देश व दुनिया को भी इसकी जानकारी हो सके।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने उन्हें जो सम्मान दिया है वह सराहनीय है। वे सच्चे अर्थों में देश के सच्चे सपूत थे। इसी प्रकार स्वामी विवेकानन्द ने तमाम देशों का भ्रमण कर लोगों को भारत की संस्कृति से परिचित कराया। अमेरिका में उनका सम्बोधन भारत की वैश्विक सांस्कृतिक एकता की पहचान बना। वे सच्चे अर्थों में हमारे सांस्कृतिक गुरू थे।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ० धन सिंह रावत ने कहा कि 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा चेतना दिवस से 23 जनवरी तक युवा चेतना और ऊर्जा में नवीन प्रवाह गतिमान करने के उद्देश्य से युवा पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इसमें उच्च शिक्षा विभाग एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये। ’’स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों की उत्तराखण्ड राज्य में प्रासंगिकता’’ विषय पर राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें कुल 5229 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस पखवाड़े में 1005 रक्तदाताओं द्वारा 545 यूनिट रक्तदान किया गया।
मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने सनातन धर्म की संस्कृति एवं उच्च आदर्शों का परिचय विश्वभर में कराया। उन्होंने भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं का व्यापक स्तर पर प्रसार किया। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने राष्ट्र को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनमें साम्प्रदायिक एकता एवं सबको साथ लेकर चलने की भावना थी।
इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री साधू सिंह बिष्ट ने अपने विचार व्यक्त किये। स्वामी नरसिम्हानन्द ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन एवं प्रो० संजय कुमार ने श्री सुभाष चन्द्र बोस के जीवन दर्शन के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, उच्च शिक्षा उन्नयन परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती दीप्ति रावत भारद्वाज, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ० कुमकुम रौतेला, प्रो० एच. सी. पुरोहित, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे।