सुबह से लेकर रात तक चुनाव प्रचार में जुटीं मुख्यमंत्री धामी के पत्नी गीता धामी
आकाश ज्ञान वाटिका, 20 मई 2022, शुक्रवार, देहरादून/ चम्पावत। मुख्यमंत्री धामी के मैदान में होने के कारण चंपावत उपचुनाव की सरगर्मियां पूरे जोर पर हैं। पूरा मंत्रिमंडल उन्हें विजयी बनाने के लिए दिन रात एक किए हुआ है तो सीएम धामी की पत्नी गीता धामी भी पीछे नहीं हैं। गीता धामी भी इन दिनों न केवल जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं बल्कि प्रचार प्रबंधन की पल पल की जानकारी भी ले रही हैं। चुनाव प्रचार के अपने तौर तरीकों से वे सुर्खियों में भी हैं
मुख्यमंत्री धामी के पत्नी गीता धामी ने फरवरी में सम्पन्न विधान सभा चुनाव में खटीमा सीट पर भी पति का जमकर चुनाव प्रचार किया था। यह बात अलग है कि तब सीएम धामी अपनी सीट खटीमा से चुनाव हार गए। चम्पावत विधानसभा में उपचुनाव की तिथि घोषित होने के बाद से ही गीता धामी अपने पति को जिताने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं।
भाजपा संगठन और कार्यकर्ताओं से तालमेल बैठाकर वे सुबह से लेकर देर रात तक अपने पति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भारी मतों से जीत दिलाने की अपील कर रही हैं। चुनाव प्रचार करने का उनकी तरीका भी काफी अलग है। युवा मतदाताओं के सामने मुस्कराते हुए हाथ जोड़कर खड़े होना और बड़े बूढों का अभिवादन कर उनके चरण स्पर्श करना उनके प्रचार अभियान का हिस्सा है।
एक गृहणी होने के नाते गीता धामी महिलाओं की समस्या को भलीभांति जानती हैं। एक आम मतदाता की जरूरत और उनकी आकांक्षा को समझकर वे उनसे जुड़े मुद्दों पर बात करती हैं और सीएम की जीत के बाद आम जनमानस की समस्याओं का समाधान करवाने का आश्वासन भी देती हैं। गीता धामी विधानसभा के मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा के साथ पहाड़ी क्षेत्र चम्पावत में प्रचार के लिए बराबर समय दे रही हैं। वे भाजपा की महिला विंग के साथ डोर टू डोर मतदाताओं से संपर्क कर रही हैं।
बनबसा, टनकपुर और चम्पावत में गीता धामी महिलाओं के साथ रोड शो भी कर चुकी हैं। प्रचार के दौरान जहां मंदिर या गुरुद्वारा दिखता है वे वहां जाकर अवश्य शीश झुकाती हैं, और पति की जीत का आशीर्वाद मांगती हैं। माना जाता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पूरा परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का है। चुनाव प्रचार अभियान में निकालने से पहले मुख्यमंत्री की तरह गीता धामी भी अपने ईष्ट देव का आशीर्वाद लेना नहीं भूलती।
मतदाताओं से उनकी भाषा में बात कर गीता धामी भावनात्मक रूप से सीधा जुडऩे का प्रयास कर रही हैं। पर्वतीय क्षेत्र चम्पावत में प्रचार के दौरान वे बुजुर्ग एवं कामकाजी महिलाओं से कुमाऊंनी भाषा में बात करती हैं, आमा, बूबू, दीदी, ईजा से संबोधित कर लोगों को मुख्यमंत्री की जीत के बाद उनकी समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दे रही हैं। विधान सभा चुनाव के पूर्व छह माह के कार्यकाल में मुख्यमंत्री द्वारा किए गए विकास कार्यों को बताता भी वे नहीं भूल रहीं।
भाजपा अपने चुनावी प्रबंधन के लिए अन्य राजनीतिक दलों से काफी आगे है। कहा जाता है कि भाजपा हर चुनाव जीतने के लिए लड़ती है। चम्पावत में होने वाले उपचुनाव के प्रचार में भी यही देखने को मिल रहा है। पार्टी का हर छोटा बड़ा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री के प्रचार में जुटा है। मुख्यमंत्री की पत्नी को भी कार्यकर्ता का पूरा सहयोग मिल रहा है। गीता धामी जहां प्रचार के लिए जाती हैं वहां पार्टी कार्यकर्ताओं का हुजूम भी उनके साथ चल रहा है।