उत्तराखंड में मौसम के तेवर बदले, गढ़वाल और कुमाऊं की पहाड़ियां बर्फ से सफेद
उत्तराखंड में मौसम के तेवर तल्ख बने हुए हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं की चोटियां बर्फ से लकदक हैं। नैनीताल और मसूरी के आसपास की पहाड़ियां भी बर्फ से सफेद हो गईं। वहीं निचले इलाकों में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। देहरादून जिले के विकासनगर क्षेत्र में तेज हवा से बिजली भी गिर रही। मौसम विभाग के अनुसार रविवार से मौसम कुछ राहत देगा।
बीते रोज से पहाड़ से लेकर मैदान तक हो रही बारिश से एक बार फिर ठंड लौट आई है। उत्तरकाशी जिले की गंगा और यमुना घाटी रुक-रुक कर बर्फ गिर रही है। वहीं चमोली में बदरीनाथ के अलावा हेमकुंड साहिब और औली के आसपास अच्छा हिमपात हुआ है।
ताजा बर्फबारी से केदारनाथ में रास्ता साफ कर रही प्रशासन की टीम के सामने फिर से चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार अभी प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। पहाड़ से लेकर मैदान तक कई जगह बारिश हो सकती है। इसके अलावा 2200 मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की भी संभावना है।
मौसम के तेवर उत्तराखंड में तल्ख हो गए हैं। यहां दून समेत आसपास के इलाकों में बारिश और बर्फबारी आफत बन गई है। खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर गैरसैंण से उड़ान नहीं भर सका। जिसके चलते सीएम सड़क मार्ग से रवाना हुए। इधर, जौलीग्रांट एयरपोर्ट में भी कई उड़ाने घंटों की देरी से रवाना हो सकीं। जबकि, डोईवाला और विकासनगर में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से गेहूं की खड़ी फसल बर्बाद हो गई। दून में भी मूसलाधार बारिश ने ठिठुरन लौटा दी। जबकि, मसूरी, धनोल्टी, चकराता और सुरकंडा में पहाड़ियों पर बर्फ की चादर बिछ गई। हालांकि, देर रात बारिश होने से अधिकांश इलाकों में बर्फ पिघल गई, लेकिन रात को पहाड़ों में हाड़ कंपाने वाली ठंड लौट आई।
दून में मूसलाधार बारिश दून में अल सुबह बारिश का दौर शुरू हो गया। जिसके बाद घंटों हल्की बौछारें पड़ती रहीं। जिससे दिन के समय तापमान में गिरावट आई और लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया। दोपहर बाद कुछ देर के लिए आसमान साफ हुआ और हल्की धूप भी निकली, लेकिन शाम को बादलों ने आसमान में फिर डेरा डाल दिया और देर शाम मेघ फिर बरसने लगे। बारिश का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। आज भी दून में बादल छाये रहेंगे और बारिश के दो से तीन दौर हो सकते हैं।
खराब मौसम ने फ्लाइट का शेड्यूल बिगाड़ा
खराब मौसम के कारण जौलीग्रांट से हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुई। दिल्ली व अन्य शहरों को जाने वाली फ्लाइट अपने निर्धारित समय से घंटों देरी से उड़ान भर पाई। जिससे यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ी। हालांकि, एयरपोर्ट पर सुबह से लेकर शाम तक कोई भी फ्लाइट रद नहीं की गई। अहमदाबाद से दून आने वाली स्पाइसजेट की फ्लाइट शाम 7:30 बजे की बजाय रात 10:30 बजे व एयर इंडिया की दिल्ली से आठ बजे आने वाली 10 बजे पहुंचने की संभावना बनी। एयरपोर्ट निदेशक डीके गौतम ने बताया कि अन्य शहरों में भी मौसम खराब होने के कारण फ्लाइट काफी लेट दून पहुंचीं।
अन्नदाता की मेहनत पर फिरा पानी
डोईवाला, रायवाला व इसके आसपास हुई जोरदार बारिश और तेज हवाओं ने किसानों की फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया। अपनी सालभर की मेहनत को अपने सामने तबाह होते देख कई किसानों की आंखों में पानी भर आया। अब उनको परिवार के भरण-पोषण की चिंता सताने लगी है।
शुक्रवार को हुई बारिश से गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। इन दिनों गेहूं के पौधे पर दाने बनने शुरू हो गए हैं ऐसे में बेमौसमी बारिश ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। हवाएं चलने से रायवाला, श्यामपुर, छिद्दरवाला क्षेत्र में भी गेहूं की फसल गिर गयी है। बारिश से बागानी फसलों व सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा है।
झबरावाला निवासी किसान रणजोध सिंह ने बताया कि मौसम का असर सबसे ज्यादा किसानों की गेहूं की फसल पर टूटा है। उन्होंने बताया कि उनकी कई बीघे में बोई गई गेंहूं की फसल बिस्तर की तरह लेट गई। इससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। गेहूं की इस फसल पर अब दाने आने शुरू हुए थे। वह अब पक नहीं पायेंगे। अब सिर्फ भूसा ही किसान को मिलेगा। उन्होंने बताया कि आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में भी बारिश से गन्ने, आलू आदि के अलावा सबसे ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। पर्वतीय क्षेत्र थानों न्याय पंचायत में भी गेहूं व अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। इससे पहले बीते सप्ताह हुई ओलावृष्टि से भी फसलों को नुकसान पहुंचा था।
उधर, रायवाला के उद्यान प्रभारी संजय जरवान ने बताया कि इस समय आम, लीची आदि के पौधों पर बौर निकल रहे हैं। बारिश के कारण न केवल बौर खराब हो जाती है बल्कि दाने भी झड़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि रोगों से बचाव के लिए धूप निकलने के बाद कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए।
मौसम ने रोकी सीएम के हेलीकॉप्टर की राह
प्रदेशभर में मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। ऐसे में बारिश और बर्फबारी के कारण हेली सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। खराब मौसम के चलते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का हेलीकॉप्टर गैरसैंण से उडान नहीं भर सका। सीएम को भराड़ीसैंण से देहरादून आना था, लेकिन मौसम ने उन्हें उड़ान नहीं भरने दी। घंटों इंतजार करने के बाद सीएम सड़क मार्ग से गौचर रवाना हो गए। देहरादून में भाजपा कार्यकर्ता दिनभर सीएम के दून पहुंचने और उनका स्वागत करने का इंतजार करते रहे।
मसूरी-धनोल्टी की पहाड़ियां लकदक
मूसलाधार बारिश से मसूरी का सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। तेज हवाओं के साथ शुरू हुई मूसलाधार बारिश से कड़ाके की ठंड लौट आई। वहीं धनोल्टी, सुरकंडा, कद्दूखाल और नागटिब्बा में एक बार फिर जोरदार हिमपात हुआ। जिससे पूरी यमुना और अगलाड़ के साथ भद्री घाटियां शीत की चपेट में आ गई हैं। यह धनोल्टी में सीजन का 15वां हिमपात है। धनोल्टी में 6 इंच तो सुरकंडा मे 6 से 10 इंच हिमपात हुआ है। उधर, चकराता में अच्छी बर्फबारी हुई है। लोखंडी और आसपास की चोटियां बर्फ से ढक गई हैं। वर्ष 2017 में चार व आठ मार्च, जबकि वर्ष 2018 में भी चार मार्च को मसूरी व धनोल्टी में हिमपात हुआ था।
मूसलाधार बारिश से सड़कें बनीं तरणताल
मूसलाधार बारिश ने दून की सड़कों तालाब में तब्दील कर आवाजाही के लिए खतरनाक बना दिया। सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढे जलभराव के कारण हादसों का सबब बन रहे हैं। वहीं, नालियां चोक होने से गंदगी और कचरा सड़कों पर बहता नजर आया। चंद घंटों की बारिश ने प्रशासन और नगर निगम की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी।
बीते रोज दून में तड़के से शुरू हुई बारिश का दौर जारी है। हल्की बारिश के बावजूद शहर के प्रमुख चौराहों और सड़कों की सूरत बदल गई। चारों ओर सड़कें जलमग्न दिखीं। वहीं, नालियां चोक होने के कारण कचरा सड़कों पर बहता रहा। जिससे वाहन सवारों के साथ ही पैदल राहगीरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई इलाकों में तो फुटपाथ भी पानी में डूबे रहे। दिन में कुछ देर मौसम साफ रहने के बाद देर शाम शुरू हुई बारिश का सिलसिला मध्यरात्रि तक चलता रहा। जिससे शहर की जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई।
सड़कों के गड्ढे, बड़े हादसे को न्योता
इन दिनों शहर की अधिकांश सड़कों की हालत खस्ता है। आधा से एक फीट के गड्ढे बड़े हादसों को न्योता दे रहे हैं। गली-मोहल्लों की ही नहीं मुख्य मार्गों पर भी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। बारिश के दौरान इनमें पानी भर जाने से ये गड्ढे और खतरनाक हो गए हैं। वाहन सवारों को पानी में गड्ढे का अंदाजा न लगने से बड़े हादसे का खतरा बना हुआ है। मेहूंवाला, कारगी, ब्राह्मणवाला, सीएमआइ तिराहे के पास वाहनों के गड्ढों में उलझकर गिरने की सूचनाएं मिली। हालांकि, इस दौरान वाहन सवारों को कोई चोट नहीं आई।
यहां है बुरी स्थिति
शहर के मुख्य इलाकों की बात करें तो दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, प्रिंस चौक, रेलवे प्रवेश द्वार, सहारनपुर चौक, निरंजनपुर, कारगी चौक, आइएसबीटी, शिमला बाईपास चौक, कमला पैलेस तिराहा, चूना भट्टा, सहस्रधारा कॉसिंग, हाथीबड़कला आदि क्षेत्रों में खराब सड़कों से हादसों का खतरा बना हुआ है।
जौनसार की ऊंची चोटियों पर 11वां हिमपात
मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली। जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में 11वां हिमपात हुआ। क्षेत्र के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि व बारिश होने से ठंड काफी बढ़ गई। ठंड से बचने को लोगों ने दोबारा गर्म कपड़े निकाले और अंगीठी का सहारा लिया। ओलावृष्टि के चलते ग्रामीण किसानों की कृषि फसलों को नुकसान हुआ है। लोखंडी क्षेत्र में बर्फबारी से वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। इस दौरान हाईवे से आने-जाने वाले लोगों ने बर्फबारी का मचा लिया।
मौसम के करवट बदलने से चकराता क्षेत्र की ऊंची चोटियों में शुमार लोखंडी, जाड़ी, असमाड़, मुंडाली, खंडबा व कोटी-कनासर समेत आसपास के इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। क्षेत्र में सीजन का यह रिकार्ड 11वां हिमपात बताया जा रहा है। लोखंडी क्षेत्र में शुक्रवार को चार से पांच इंच तक बर्फबारी हुई, जबकि चकराता व त्यूणी तहसील क्षेत्र के कुछ ग्रामीण इलाकों में ओलावृष्टि हुई। इससे खेतों में मटर, गेहूं और अन्य नकदी फसलों को नुकसान पहुंचा। कनिष्ठ उपप्रमुख शमशेर सिंह चौहान, सामाजिक कार्यकर्ता रोशन राणा, सुभाष रावत, महावीर सिंह, सूर्यपाल चौहान आदि ने बताया कि क्षेत्र के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी और कहीं ओलावृष्टि होने से समूचा जौनसार-बावर शीतलहर की चपेट में है।
चकराता-त्यूणी हाईवे के किनारे पर पहले से जमीं बर्फ की परत ताजा बर्फबारी से और मोटी हो गई। जिसे पिघलने में काफी समय लगेगा। हाईवे से गुजरने वाले लोगों ने बर्फबारी का मजा लिया। ओलावृष्टि प्रभावित किसानों ने प्रशासन से फसलों को नुकसान के एवज में मुआवजे की मांग की है। वहीं, तहसीलदार चकराता कुंवर सिंह नेगी का कहना है कि संबंधित राजस्व उपनिरीक्षकों से ओलावृष्टि प्रभावित ग्रामीण इलाकों में हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है।
वाहन पर गिरा पेड़
टिहरी घनसाली- टिहरी मोटर मार्ग पर बैरियर चौक के पास बनाई गई टैक्सी पार्किंग में जंगल से भारी भरकम चीड़ का पेड़ आने से वहां खड़े दो मैक्स वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। शुक्र यह रहा कि जिस समय यह हादसा हुआ उस समय गाड़ियों के अंदर कोई नहीं था इस कारण बड़ी दुर्घटना होने बच गई है। व्यापार मंडल ने वन निगम से बाजार के ऊपर खतरा बने चीड़ के पेड़ों को काटने की मांग की है।
गंगोत्री, यमुनोत्री धाम तथा हर्षिल में बर्फबारी
उत्तरकाशी जनपद के गंगोत्री, यमुनोत्री धाम तथा हर्षिल धराली आदि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी तथा तहसील क्षेत्रों में बूंदाबांदी हो रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय मार्ग यातायात के लिए सुक्की टॉप से गंगोत्री तक बर्फ़बारी के कारण अवरुद्ध है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग राड़ी टॉप में हल्की बर्फ़बारी हुई हैं। मार्ग यातायात के लिए सुचारु हैं। बडकोट- फूलचट्टी से ऊपर जानकीचट्टी तक बर्फ़बारी से मार्ग अवरुद्ध हैं। सुवाखोली मार्ग यातायात के लिए सुचारु हैं। लम्बगांव मोटर मार्ग धनपुर के मध्य मलवा आने से मार्ग अवरुद्ध हैं पीडब्ल्यू भटवाड़ी की ओर से जेसीबी भेज दी गयी हैं। चौरंगीखाल क्षेत्र में हल्की बर्फ़बारी हुई हैं। मार्ग यातायात के लिए सुचारु हैं।
विभिन्न शहरों में तापमान
- शहर————अधि.————न्यून.
- देहरादून——–17.7————13.4
- उत्तरकाशी—–12.3————6.4
- मसूरी————6.3————4.0
- टिहरी————8.4————7.2
- हरिद्वार——-18.8————13.6
- जोशीमठ——–7.2————-5.4
- पिथौरागढ़—–10.3————6.9
- अल्मोड़ा——–10.6————6.8
- मुक्तेश्वर——–5.8————3.2
- नैनीताल——-10.4————6.5
- यूएसनगर—–17.8————13.9
- चम्पावत——–9.7————–7.2