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WE SALUTE OUR ARMED FORCES (INDIAN ARMY, NAVY, AIR FORCE) – इन्हीं से है शान वतन की – ये हैं रक्षक देश के
WE SALUTE OUR ARMED FORCES
भरतवर्ष के वीर सैनिक
वीर सैनिक ! देश के तुम
जननी का श्रृंगार हो !
तुम ! शत्रुओं से लड़ रहे[book id=” /]
माँ का पवित्र दुलार हो !
रणक्षेत्र की वेदी जहाँ
तुम ! होम गंध स्वयं बने !
अपवित्र वस्तु न आ गिरे
सुवितान बनकर तुम तने !
बारूद तोपों से किया तुम
सफल मंत्रोच्चार हो !
घनघोर घन-सम टूटते तुम !
इन्द्र का पवित्र वार हो !
तुम आँधियों से जूझते,
तूफान खुद तुमसे डरे !
शाण पर हीरे हो तुम !
सोना कसौटी पर खरे !
वैरी प्रहार नकारते तुम !
अति प्रखर असि धार हो !
तुम शत्रु दल को भस्म करते,
दहकते अंगार हो !
निज शोण से तुम काल पट पर,
शौर्य गाथा लिख रहे !
बारूद के तम-तोम में तुम !
चन्द्र-रवि सम दिख रहे !
घुस पैठते गीदड़ यहाँ,
तुम सिंह की हुंकार हो !
जीवित न दुश्मन लौटता,
अर्जुन धनुष टंकार हो !
स्वर्णाक्षरों में लिख रहे तुम !
आज नव इतिहास हो !
शुभकामनायें हैं तुम्हें !
तुम राष्ट्र के अभिलाश हो !
राम और रहीम, वाहे-गुरू !
ईसा की जय-जयकार हो!
ओ नौजवाँ ! रण बाँकुरों !
तुम शक्ति पारावार हो !
तुम सत्यधर्मी शांति रक्षक,
विश्वमंगल दूत हो !
है धन्य जननी कोख तुमसे,
तुम महान सपूत हो !
वसुधा कुटुम्ब रहे सदा,
तुम चिरंतन सुविचार हो !
अति विक्रमी तुम !
मातृभूमि के हृदय के हार हो !
तुम विजयश्री का मुकुट,
माथे पर धरे उल्लास हो !
तुम आस्था हो जीत की,
आशा प्रबल विश्वास हो !
तुम हृदय की ‘वीणा’ बजाते
अमर ध्वनि झंकार हो,
जय हिन्द, जय-भारत-तिरंगा
गुंजाते स्वर तार हो !
श्रीमती वीणापाणी जोशी
पूर्व सदस्य ‘उत्तराखण्ड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद’
गोपाल कुन्ज 26/7 इन्द्रपथ देहरादून-248001
मो०-9410189815