मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में देहरादून से समस्त जिलाधिकारी व वन विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
इस बार विश्व पर्यावरण दिवस-2022 की थीम है, ‘ओन्ली वन अर्थ’ मतलब ‘केवल एक पृथ्वी’ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनायें देते हुये देहरादून सचिवालय व विधानसभा से प्लास्टिक फ्री ज़ोन की शुरुआत के निर्देश भी दिए।
आकाश ज्ञान वाटिका, 5 जून 2022, रविवार, हल्द्वानी। विश्व पर्यावरण दिवस को हर साल नए थीम के साथ मनाया जाता है। इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम है, ‘ओन्ली वन अर्थ’ मतलब ‘केवल एक पृथ्वी’ है। इस विषय को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में देहरादून से समस्त जिलाधिकारी व वन विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित की गई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी को शुभकामनायें देते हुये देहरादून सचिवालय व विधानसभा से प्लास्टिक फ्री ज़ोन की शुरुआत के निर्देश भी दिए। उत्तराखंड को प्लास्टिक उन्मुक्त बनाने के लिये समस्त जिलाधिकारी के साथ ही जनसहभागिता के सहयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सामूहिक जनसहभागिता से किसी भी पहल को सफल बनाया जा सकता है। इसी प्रकार आमजन की आजीविका को वनों से जोड़कर संरक्षित करने की बात भी कही।
मुख्यमन्त्री ने राज्य में सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) की तर्ज पर सकल पर्यावरण उत्पाद(जीईपी) के आकलन पर जोर दिया। सकल पर्यावरण उत्पाद का अभिप्राय है कि प्राकृतिक संसाधनों में हुई वृद्धि के आधार पर समय-समय पर पर्यावरण की स्थिति का आकलन करना। सकल पर्यावरण उत्पाद एक ऐसा उपाय है जिससे आर्थिक विकास के सामानांतर पर्यावरणीय विकास पर नज़र रखी जा सकेगी। यह किसी भी वर्ष में जीडीपी की बराबरी में जंगलों, मिट्टी और पानी के विकास व हवा की गुणवत्ता के बारे में जानकारी देगा।
उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। राज्य में अवस्थित गाड़, गधेरे, छो, पंधेरे, नदियों में जलस्तर में वृद्धि हेतु समय समय पर साफ सफाई, खंती, चाल खाल का निर्माण किया जाय, जिससे भूमिगत जल रिचार्ज हो सके। इसके साथ ही जल संरक्षण, संवर्धन व प्रबन्धन की बात कही।
विदित रहे है कि 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को देखते हुए स्टाकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें 119 देशों ने भाग लिया। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा हर साल 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना था।
इस अवसर पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, डीएफओ पूर्वी तराई अभिलाषा सिंह उपस्थित थी।