नई दिल्ली। वाइस एडमिरल राजेश धनखड़ एनएम ने वाइस एडमिरल तरुण सोबती से प्रोजेक्ट सीबर्ड के महानिदेशक का कार्यभार संभाला। वाइस एडमिरल राजेश धनखड़ को वर्तमान में कारवार नौसेना बेस पर चल रही सबसे बड़ी रक्षा अवसंरचना परियोजना की देख रेख करने का अधिकार दिया गया है। चेंज ऑफ गार्ड समारोह नई दिल्ली स्थित प्रोजेक्ट सीबर्ड मुख्यालय में आयोजित किया गया।
वाइस एडमिरल राजेश धनखड़ को 01 जुलाई 1990 को भारतीय नौसेना में कमीशन किया गया था और वे नेविगेशन और डायरेक्शन के विशेषज्ञ हैं। वे प्रतिष्ठित नौसेना अकादमी और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के पूर्व छात्र हैं, और उन्होंने जापान में हायर कमांड कोर्स भी किया है। अपने 34 साल के शानदार करियर के दौरान, फ्लैग ऑफिसर ने पांडिचेरी, गोदावरी, कोरा, और मैसूर युद्धपोतों पर विशेषज्ञ नियुक्तियां की हैं।
उनकी कमांड नियुक्तियों में आईएनएस दिल्ली पर कार्यकारी अधिकारी और आईएनएस घड़ियाल, मुंबई और विक्रमादित्य पर कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कार्य शामिल है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नौसेना योजना निदेशालय में संयुक्त निदेशक और निदेशक, कार्मिक निदेशालय में प्रधान निदेशक/कमोडोर (कार्मिक) के पद पर भी कार्य किया है।
फ्लैग ऑफिसर ने फ्लैग रैंक में चीफ स्टाफ ऑफिसर (प्रशिक्षण), फ्लैग ऑफिसर सी ट्रेनिंग, कमांडेंट नेवल वॉर कॉलेज और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन किया है। उन्होंने आईएनएस विक्रांत के स्वीकृति परीक्षणों की देखरेख के लिए कैरियर स्वीकृति परीक्षण टीम के अध्यक्ष का अतिरिक्त कर्तव्य भी निभाया है।
वाइस एडमिरल राजेश धनखड़ को 2015 में अदन और अल-हुदैदा, यमन से भारतीय नागरिकों के गैर-लड़ाकू निकासी संचालन (एनईओ) के लिए नौसेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया था।
पिछले दस महीनों में फ्लीट कमांडर के रूप में उनके कार्यकाल में पूर्वी बेड़े ने उच्च स्तर की युद्ध तत्परता और परिचालन गति को बनाए रखा। इस दौरान कई मिशन आधारित और परिचालन तैनातियों के साथ-साथ मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास भी किए गए।