भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित सामूहिक वन्देमातरम गायन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किया प्रतिभाग
[highlight]यह गणतंत्र दिवस हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाला हो : मुख्यमंत्री[/highlight]
- दिल्ली में किसानों के नाम पर हुए उपद्रव को बताया दुर्भाग्यपूर्ण।
- केन्द्र व राज्य सरकार किसानों के हित के लिये है प्रतिबद्ध।
- किसानों की आय हो दुगुनी, इसके लिये किये जा रहे कारगर प्रयास।
आकाश ज्ञान वाटिका, मंगलवार, 26 जनवरी 2021, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत विकास परिषद द्वारा गांधी पार्क में आयोजित सामूहिक वन्दे मातरम गायन कार्यक्रम में शामिल हुए। यह गणतंत्र दिवस हमारे देश के लिये, हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिये नये आयाम प्रदान करेगा इसकी उन्होंने कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत विकास परिषद द्वारा पिछले लगभग 35 वर्षों से राष्ट्र जागरण, देश भक्ति एवं भारतीय संस्कृति की झलक प्रस्तुत करने से सम्बन्धित कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। आज उनके जन जागरण के कार्यक्रमों का स्वरूप भी व्यापक हो गया है। राष्ट्र जागरण से ओत-प्रोत इस प्रकार के कार्यक्रम उनकी पहचान बन गये हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के नाम पर कुछ अराजक तत्वों द्वारा जो कृत्य किया गया वह नहीं होना चाहिए था। जो किसान 26 जनवरी के पर्व पर ऐसा कदम उठाये, वह किसान नहीं हो सकता। इस प्रकार की घटना हम सबके लिये चिन्ता का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो किसान इस अराजकता फैलाने वाले उपद्रव में शामिल नहीं हुए, उन्हें वे नमन करते हैं। हमारे राज्य में इस प्रकार की कोई घटना न हो इसके लिये राज्य सरकार कटिबद्ध है। दिल्ली में जो कुछ हुआ उससे हमारे किसान भाई अच्छी तरह समझ चुके हैं। इस प्रकार सरकारी सम्पत्ति का नुकसान करने का कोई लॉजिक नहीं है, कोई तर्क नहीं हो सकता। केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये कृषि कानून पूर्णतः किसानों के हित में हैं, इससे किसानों की आय दुगनी होने का लक्ष्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार किसानों के व्यापक हित लिये प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री हरबंश कपूर, श्री खजानदास के साथ ही श्री युद्धवीर सिंह आदि उपस्थित थे।