औषधीय गुणों से भरपूर है उत्तराखंड का पहाड़ी फल ‘बेड़ू’
प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं मन की बात कार्यक्रम में तारीफ
आकाश ज्ञान वाटिका, 30 अगस्त 2022, मंगलवार, देहरादून।
बेड़ू पाको बारा मासा,
बेड़ू पाको बारा मासा,
ओ नरीना काफ़ल पाको चैता, मेरी छैला,
ओ नरणी काफ़ल पाको चैत मेरी छैला।
भुण-भुण दीन आयो,
नरणा, बुझ तेरी मैत, मेरी छैला
ओ नरणी कफल पाको चैता, मेरी छैला।
बेड़ू पाको बारा मासा,
ओ नरणी काफल पाको चैता, मेरी छैला।
ये लाइनें उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगीत की हैं। ये गीत बेड़ू के फल की विशेषता बता रहा है। इस फल को केवल सांस्कृतिक महत्व ही नहीं मिला बल्कि यह फल लोगों को स्वस्थ रखने के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इस फल की सब्जी बसंत ऋतु की शुरुआत में बनाई जाती है। उत्तराखंड वनस्पति के मामले में भरपूर है। जंगली पेड़, पौधों से लेकर खानेपीने की चीजों की कमी नहीं है। बेड़ू का फल खाने से कब्ज, तंत्रिका विकार, जिगर की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। बेडू का फल केवल उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि यह कश्मीर, ईरान, सोमानिया, हिमाचल, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सुडान तथा इथियोपिया में भी पाया जाता है। दुनियाभर में इसकी 800 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। हिमाचल में बेड़ू फागो नाम से जाना जाता है। इसे फाल्गू या अंजीरी भी कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे वाइल्ड फिग और इंडियन फिग कहते हैं। यह मौरेशी वंश का पौधा है।
बहुत खास है बेडू फल, प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में उत्तराखंड के बेडू फल का जिक्र किया। जिसके बाद हर कोई इस फल के बारे में जानना चाहते हैं।
विदित रहे कि कि बेड़ू उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में पाया जाने वाला जंगली फल है। जिसे पहाड़ी अंजीर भी कहते हैं। ये फल बारह महीने होने वाला फल है। जिसे स्थानीय प्रशासन की पहल पर विश्व स्तर पर खास पहचान मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को देश की जनता के साथ मन की बात की। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने पहाड़ी अंजीर कहे जाने वाले बेडू का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस औषधीय फल में खनिज और विटामिन का भंडार है, जिसका सेवन फल के रूप में और बीमारियों के उपचार के लिये किया जाता है। बेडू कोई मौसमी फल नहीं है, बल्कि इसमें साल भर फलत होती है। इसको लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बेडू का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वास्तव में बेडू स्वास्थ्य के लिए संजीवनी है, जिसके माध्यम से स्थानीय लोगों द्वारा अनेक रोगों का शमन किया जाता है। प्रधानमंत्री ने पिथौरागढ़ प्रशासन के द्वारा बेडू के उत्पादन को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन व खनिज एवं वनस्पतियों के संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ जिलाधिकारी आशीष चौहान को इसके लिए बधाई दी है।
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष चौहान ने किया यह सब कमाल
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ आशीष चौहान की पहल रंग ला रही है जो कि बेड़ू से अलग अलग उत्पाद बनाकर पूरे देश में बेचने की पॉलिसी पर काम कर रहे हैं। लोकल उत्पाद के जरिए बेड़ू से जैम, स्क्वैश, चटनी, जूस आदि उत्पाद बनाया जा रहा है। इन्हें ऑनलाइन बाजार भी उपलब्ध कराया जा रह है। इससे कई फायदे हैं एक तो पहाड़ के फलों को पहचान मिल सके और रोजगार बढ़ाने की दिशा में भी यह पहल कारगर हो। इसके साथ ही स्थानीय किसानों की आय भी इससे कई गुना बढ़ गई है। जिससे पिथौरागढ़ के लोगों के लिए यह योजना काफी फायदेमंद साबित हो रही है।
औषधीय गुणों से भरपूर है पहाड़ी फल बेड़ू
बेड़ू में पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। यह फल औषधीय गुणों से भी भरपूर है। यह कई बीमारियों से लड़ने में मददगार है। इसमें विटामिन सी, प्रोटीन, वसा, फाइबर,सोडियम, फास्फोरस,कैल्शियम और लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बेड़ू के फल सर्वाधिक मात्रा में कार्बनिक पदार्थ होने के साथ.साथ इसमें बेहतर एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाये जाते हैं जिसकी वजह से बेड़ू को कई बिमारियों जैसे तंत्रिका तंत्र विकार तथा जिगर की बिमारियों के निवारण में भी प्रयुक्त किया जाता है बेडू का उपयोग वसंत की प्रारंभिक सब्जी के रूप में भी किया जाता है। उन्हें पहले उबाला जाता है और फिर निचोड़ कर पानी निकाला जाता है। फिर उनसे एक अच्छी हरी सब्जी तैयार की जाती है। इसक फल कच्चा मीठा रसीला होता है। बिना फलों और युवा अंकुरों को पकाया जाता है और सब्जी के रूप में भी खाया जाता है। इस फल की खासियत को देखते हुए स्थानीय बोली में एक गीत भी खूब प्रचलित है। जिसमें एक पंक्ति में बताया गया है “बेड़ू पाको बारो मासा, ओ नरणी काफल पाको चैता, मेरी छैला” अर्थात बेड़ू 12 महीनों पकता है। यह गीत विश्व में उत्तराखंड के लोगों के लिए खास प्रसिद्ध है।