ड्रोन हब बनेगा उत्तराखंड
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केद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व जनरल वीके सिंह ने किया ड्रोन इंडस्ट्रीज मीट का उद्घाटन, कहा युवाओं के लिए रोेजगार का बेहत्तर विकल्प।
आकाश ज्ञान वाटिका, 8 अक्टूबर 2021, शुक्रवार, देहरादून। राजधानी देहरादून के मालदेवता में आज ड्रोन फेस्टिवल ऑफ इंडिया द्वारा ड्रोन इंडस्ट्रीज मीट का आयोजन किया गया।
ड्रोन मीट में केद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने शिरकत की। यहाँ अलग-अलग तरह के ड्रोन का अवलोकन करने के बाद इनका प्रदर्शन देखा।
इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के जवानों में पैराग्लाडिंग और पैरा मोटर्स का प्रदर्शन किया। केन्द्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं से केन्द्र सरकार की नई ड्रोन पॉलिसी को लेकर संवाद किया गया। केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कार्यक्रम की सराहना की, कहा ‘ड्रोन इंडस्ट्रीज में युवाओं के लिए कैरियर बनाने की व्यापक संभावनाएं हैं। युवा अवसरों को सफलता में बदल सकते हैं और उत्तराखंड ड्रोन का हब बन सकता है।’
ड्रोन पायलट बनकर 30 हजार रुपये महीने तक कमा सकते हैं युवा केद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा न्यू ड्रोन पॉलिसी को इस तरह से निर्मित किया गया है ताकि ड्रोन टेक्नोलॉजी का पूरा लाभ देश को मिल सके। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जिस तरह से संचार के क्षेत्र के क्रांति आई है, उसी तरह से ड्रोन के क्षेत्र में भी आएगी। ड्रोन आज कई क्षेत्रों में ड्रोन बड़ा मददगार साबित हो रहा है। इसमें रोजगार की भी संभावनायें हैं। युवा ड्रोन पायलट बनकर 30 हजार रुपये महीने तक कमा सकते हैं। उन्होंने उत्तराखंड को देश का ड्रोन स्पोर्ट्स का केंद्र बनाने को कहा। इसके लिए केंद्र से हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि पीएम मोदी ने नवीन भारत की जो परिकल्पना की है वह साकार हो रही है। एसडीआरएफ के जवान हर चुनौती में अपनी जान को जोखिम डालते हैं, आज उनके हाथों में ड्रोन के रूप में एक नया हथियार आ गया है, जो काफी मददगार साबित रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य समेत कई क्षेत्रों में ड्रोन उपयोगी साबित रहा है। सरकार ड्रोन के क्षेत्र में क्रांति लाने के हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके लिए एक ऐसा वातारवरण तैयार किया जा रहा है, जिसमें हमें आसानी से ड्रोन की अनुमति मिल सके। पहले ड्रोन की अनुमति लेने के लिए 72 तरह की फीस जमा करनी पड़ती थी, अब सिर्फ चार फीस जमा होती है। भारत में उत्तराखंड ड्रोन हव के रूप में विकसित होगा। ड्रोन टेक्नोलाजी से भारत में नई क्रांति पैदा होगा।
ड्रोन इंडस्ट्रीज को एक बेहत्तर प्लेटफार्म देने का प्रयास
उत्तराखंड सरकार में अपर सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी आशीष श्रीवास्तव ने कहा हमारे राज्य ने सबसे एनटीआरओ के सहयोग से सबसे पहले ड्रोन एप्लीकेसन एंड रिर्सच सेंटर की स्थापना की। राज्य में ड्रोन की 3 डी प्रिंटिग की जाती है। राज्य के सभी फील्ड में ड्रोन की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। ड्रोन इंडस्ट्रीज को एक बेहत्तर प्लेटफार्म देने का प्रयास किया गया है।